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स्मार्ट सिटी की भेंट चढ़ा मैदागिन, मैदान बनेगा गार्डन

वाराणसी शहर में मैदागिन स्थित खेल मैदान स्मार्ट सिटी की भेंट चढ़ने जा रहा है. सैकड़ों साल से रहे इस मैदान को अब बगीचा बनाया जा रहा है. इस वजह से खेल प्रेमियों में रोष है.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
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Published : Nov 17, 2020, 4:06 PM IST

वाराणसीः शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य तेजी से हो रहा है. स्मार्ट सिटी को लेकर शहर को नया रूप देने की तैयारियां भी जोरों पर हैं. ऐसे में मैदागिन क्षेत्र स्थित बच्चों के खेलने का मैदान स्मार्ट सिटी की भेंट चढ़ गया. बच्चों के मानसिक विकास और खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कई आदेश पारित किये जा चुके है. उसके बावजूद खेलने के मैदान को बगीचें में तब्दील किया जा रहा है.

आस पास नहीं कोई मैदान
मैदागिन क्षेत्र में स्थित टाउनहॉल मैदान क्षेत्र के बच्चों के खेलने के लिए इकलौता प्ले ग्राउंड हुआ करता था, जिसे अब बगीचे में तब्दील किया जा रहा है. इस क्षेत्र में लगभग 20 से अधिक स्कूल्स, कॉलेज और महाविद्यालय स्थित हैं, जिनमें अध्यनरत छात्र खेलने के लिए इस मैदान का उपयोग किया करते थे. मगर अब इस मैदान का स्वरूप बदलने के कारण खेलने वाले बच्चों को काफी दिक्कत हो रही है. मजबूरी में बच्चें खेलने के लिए अन्य स्थानों पर जाते हैं जो कि इस क्षेत्र से काफी दूरी पर स्थित हैं.

खेल मैदान चढ़ा स्मार्ट सिटी की भेंट.

खेल प्रेमियों में दिखा रोष
मैदागिन स्थित टाऊनहॉल के खेलने के मैदान के बगीचे में तब्दील होने पर खेल प्रेमियों में रोष देखा जा रहा है. उनका कहना है कि इस क्षेत्र में बच्चों के खेलने के लिए एक ही मैदान था और उसे भी बगीचे में तब्दील किया जा रहा है. ऐसे में उनके बच्चें खेलने के लिए कहां जायेंगे. लोगों ने सरकार से अपील की है कि इतने बड़े क्षेत्र में यह इकलौता खेलने का मैदान है जिसे मैदान ही रहने दिया जाय.

मैदान के पास पहले से है बगीचा
इस संबंध में केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष तिलक राज मिश्रा ने बताया कि टाउनहॉल मैदान के ठीक सामने सड़क की दूसरी तरफ पहले से ही एक बगीचा है. उसके बाद भी खेलने के मैदान को बगीचे में तब्दील करना का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ के लिए इस खेलने के मैदान की बलि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर का विकास करना भर ही सरकार का उद्देश्य नहीं है बल्कि लोगों का विकास भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है.

राजा विजयनगरम ने तोहफे में दिया था मैदान
बताया जाता है कि यह मैदान राजा विजयनगरम की सम्पत्ति थी, जिसे उन्होंने शहर सार्वजनिक आयोजन जैसे दुर्गा पंडाल बनाने, पुस्तक मेलें लगाने और बच्चों को खेलने के लिए वर्ष 1873 में तोहफे के रूप में दिया गया था. मगर अब इस मैदान को बगीचे में तब्दील किया जा रहा है.

खेलने वाले बच्चों ने की अपील
इस मैदान में खेलने वाले बच्चों का कहना है कि वह खेलने के लिए इस मैदान का उपयोग करते थे, मगर अब उसे बंद कर दिया गया है. हम सरकार से अपील करते हैं कि इसे खेलने का मैदान ही रहने दिया जाय. बच्चों ने कहा कि इसके अलावा खेलने का कोई भी मैदान आस पास स्थित नहीं है.

वाराणसीः शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य तेजी से हो रहा है. स्मार्ट सिटी को लेकर शहर को नया रूप देने की तैयारियां भी जोरों पर हैं. ऐसे में मैदागिन क्षेत्र स्थित बच्चों के खेलने का मैदान स्मार्ट सिटी की भेंट चढ़ गया. बच्चों के मानसिक विकास और खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कई आदेश पारित किये जा चुके है. उसके बावजूद खेलने के मैदान को बगीचें में तब्दील किया जा रहा है.

आस पास नहीं कोई मैदान
मैदागिन क्षेत्र में स्थित टाउनहॉल मैदान क्षेत्र के बच्चों के खेलने के लिए इकलौता प्ले ग्राउंड हुआ करता था, जिसे अब बगीचे में तब्दील किया जा रहा है. इस क्षेत्र में लगभग 20 से अधिक स्कूल्स, कॉलेज और महाविद्यालय स्थित हैं, जिनमें अध्यनरत छात्र खेलने के लिए इस मैदान का उपयोग किया करते थे. मगर अब इस मैदान का स्वरूप बदलने के कारण खेलने वाले बच्चों को काफी दिक्कत हो रही है. मजबूरी में बच्चें खेलने के लिए अन्य स्थानों पर जाते हैं जो कि इस क्षेत्र से काफी दूरी पर स्थित हैं.

खेल मैदान चढ़ा स्मार्ट सिटी की भेंट.

खेल प्रेमियों में दिखा रोष
मैदागिन स्थित टाऊनहॉल के खेलने के मैदान के बगीचे में तब्दील होने पर खेल प्रेमियों में रोष देखा जा रहा है. उनका कहना है कि इस क्षेत्र में बच्चों के खेलने के लिए एक ही मैदान था और उसे भी बगीचे में तब्दील किया जा रहा है. ऐसे में उनके बच्चें खेलने के लिए कहां जायेंगे. लोगों ने सरकार से अपील की है कि इतने बड़े क्षेत्र में यह इकलौता खेलने का मैदान है जिसे मैदान ही रहने दिया जाय.

मैदान के पास पहले से है बगीचा
इस संबंध में केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष तिलक राज मिश्रा ने बताया कि टाउनहॉल मैदान के ठीक सामने सड़क की दूसरी तरफ पहले से ही एक बगीचा है. उसके बाद भी खेलने के मैदान को बगीचे में तब्दील करना का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ के लिए इस खेलने के मैदान की बलि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर का विकास करना भर ही सरकार का उद्देश्य नहीं है बल्कि लोगों का विकास भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है.

राजा विजयनगरम ने तोहफे में दिया था मैदान
बताया जाता है कि यह मैदान राजा विजयनगरम की सम्पत्ति थी, जिसे उन्होंने शहर सार्वजनिक आयोजन जैसे दुर्गा पंडाल बनाने, पुस्तक मेलें लगाने और बच्चों को खेलने के लिए वर्ष 1873 में तोहफे के रूप में दिया गया था. मगर अब इस मैदान को बगीचे में तब्दील किया जा रहा है.

खेलने वाले बच्चों ने की अपील
इस मैदान में खेलने वाले बच्चों का कहना है कि वह खेलने के लिए इस मैदान का उपयोग करते थे, मगर अब उसे बंद कर दिया गया है. हम सरकार से अपील करते हैं कि इसे खेलने का मैदान ही रहने दिया जाय. बच्चों ने कहा कि इसके अलावा खेलने का कोई भी मैदान आस पास स्थित नहीं है.

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