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महाराष्ट्र के ईसाई परिवार ने काशी में अपनाया आर्य धर्म, वैदिक शिक्षा ले रही बेटी के कारण लिया फैसला

सनातन धर्म हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. महाराष्ट्र के एक ईसाई परिवार ने बेटी को वैदिक शिक्षा (Maharashtra Christian family adopted Arya Dharma ) के लिए काशी भेजा था. बेटी में आए बदलाव से प्रभावित होकर उन्होंने परिवार समेत धर्म परिवर्तन कर लिया.

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Published : Jul 8, 2023, 4:11 PM IST

महाराष्ट्र के ईसाई परिवार ने काशी में अपनाया आर्य धर्म
महाराष्ट्र के ईसाई परिवार ने काशी में अपनाया आर्य धर्म

वाराणसी : पाणिनि कन्या महाविद्यालय में कन्याएं शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा लेने के लिए आती हैं. ये कन्याएं अलग-अलग धर्मों की भी होती हैं. ऐसे में इन कन्याओं के माता-पिता का भी सनातन धर्म और आर्य समाज के प्रति झुकाव हो जाता है. कई बार वे सनातन धर्म को स्वीकार भी कर लेते हैं. वाराणसी में भी 2 दिन पहले ऐसा देखने को मिला. 12 साल की बेटी का आर्य धर्म के प्रति रुझान और समर्पण देखकर महाराष्ट्र के रहने वाले क्रिश्चियन माता-पिता ने भी आर्य धर्म अपना लिया.

बेटी के कार्य व्यवहार से बदले माता-पिता : पाणिनि कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या नंदिता शास्त्री और उप प्राचार्या डॉ. प्रीति विमर्शिनी ने बताया कि महाराष्ट्र के भांडुप के रहने वाले ईसाई समुदाय के सायमन डेविड अल्मोड़ा और सीमा सायमन ने 1 साल पहले अपनी बेटी सुझाना सायमन को संस्कृत पढ़ने के लिए काशी में भेजा था. उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला महाविद्यालय में कक्षा 6 में कराया था. 1 साल में सुझाना ने वैदिक शिक्षा से काफी कुछ सीखा. इसके बाद उसने अपने परिवार को भी सनातन और आर्य समाज के बारे में बताना शुरू कर दिया. इसके बाद धीरे-धीरे उनमें भी बदलाव आने लगा. उनका रुझान इस ओर बढ़ने लगा.

परिवार ने बदले अपने नाम : प्राचार्य ने बताया कि इसके बाद दो दिन पहले सायमन डेविड अल्मोड़ा और सीमा सायमन ने महाविद्यालय में पहुंचकर वैदिक धर्म की दीक्षा ग्रहण की. उनका शुद्धिकरण कराया गया. परिवार ने आर्य धर्म अपनाया. इसके बाद परिवार के लोगों ने अपने नाम भी बदल लिए. सुझाना सायमन ने अपना अपना नाम बदलकर सुजाता आर्या, डेविड से अपन नाम बदलकर सोमेश्वर आर्या, सीमा सायमन से अपना नाम बदलकर सीमा आर्या रखने की बात कही.

यह भी पढ़ें : देश के प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय में सुविधाएं नहीं, पीएम मोदी बदलेंगे तस्वीर

वाराणसी : पाणिनि कन्या महाविद्यालय में कन्याएं शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा लेने के लिए आती हैं. ये कन्याएं अलग-अलग धर्मों की भी होती हैं. ऐसे में इन कन्याओं के माता-पिता का भी सनातन धर्म और आर्य समाज के प्रति झुकाव हो जाता है. कई बार वे सनातन धर्म को स्वीकार भी कर लेते हैं. वाराणसी में भी 2 दिन पहले ऐसा देखने को मिला. 12 साल की बेटी का आर्य धर्म के प्रति रुझान और समर्पण देखकर महाराष्ट्र के रहने वाले क्रिश्चियन माता-पिता ने भी आर्य धर्म अपना लिया.

बेटी के कार्य व्यवहार से बदले माता-पिता : पाणिनि कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या नंदिता शास्त्री और उप प्राचार्या डॉ. प्रीति विमर्शिनी ने बताया कि महाराष्ट्र के भांडुप के रहने वाले ईसाई समुदाय के सायमन डेविड अल्मोड़ा और सीमा सायमन ने 1 साल पहले अपनी बेटी सुझाना सायमन को संस्कृत पढ़ने के लिए काशी में भेजा था. उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला महाविद्यालय में कक्षा 6 में कराया था. 1 साल में सुझाना ने वैदिक शिक्षा से काफी कुछ सीखा. इसके बाद उसने अपने परिवार को भी सनातन और आर्य समाज के बारे में बताना शुरू कर दिया. इसके बाद धीरे-धीरे उनमें भी बदलाव आने लगा. उनका रुझान इस ओर बढ़ने लगा.

परिवार ने बदले अपने नाम : प्राचार्य ने बताया कि इसके बाद दो दिन पहले सायमन डेविड अल्मोड़ा और सीमा सायमन ने महाविद्यालय में पहुंचकर वैदिक धर्म की दीक्षा ग्रहण की. उनका शुद्धिकरण कराया गया. परिवार ने आर्य धर्म अपनाया. इसके बाद परिवार के लोगों ने अपने नाम भी बदल लिए. सुझाना सायमन ने अपना अपना नाम बदलकर सुजाता आर्या, डेविड से अपन नाम बदलकर सोमेश्वर आर्या, सीमा सायमन से अपना नाम बदलकर सीमा आर्या रखने की बात कही.

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