लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जिसमें राय ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अव्यवस्था के कारण मची भगदड़ से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु हो गई. हजारों लोग घायल हो गये और हजारों लोग लापता हो गये. उत्तर प्रदेश सरकार इतनी संवेदनहीन है कि अभी तक लापता लोगों और मृतकों की कोई सही सूची जारी नहीं कर पाई.
अपनों की तलाश में भटक रहे परिजन
अभी भी लापता और मृतकों के परिजन अपनों को तलाशते हुए दर-दर भटक रहे हैं. योगी सरकार सिर्फ अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए सही आंकड़ों को छिपा रही है. ऐसे कई मृतकों को जिन्हें धार्मिक नियमानुसार अंतिम क्रियाकर्म भी नसीब नहीं हुआ. कुछ लाशों को गंगा में बहा दिया गया, कुछ लाशों को बुलडोजर से उठाया गया, कुछ को विद्युत शवदाह गृह में गुमनाम तरीके से जला दिया गया और कुछ लाशें अभी भी कूड़ों के ढेर में पड़ी हुई हैं.
अजय राय ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में ये बात कही. प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष हिन्दवी, पूर्व विधायक इन्दल रावत, प्रवक्ता शपुनीत पाठक मौजूद रहे.
अंजनी राय की मौत भगदड़ के दौरान हुई
राय ने आरोप लगाया कि गाजीपुर के रहने वाले उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की भगदड़ के दौरान अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते समय मृत्यु हो गयी. अव्यवस्था का चरम ये था कि पुलिस के इस बहादुर सिपाही को भी समय से एम्बुलेंस नहीं मिली. विडम्बना ये है कि सरकार ये मानने को तैयार नहीं कि अंजनी कुमार राय की मृत्यु भगदड़ के कारण हुई है. अजय राय ने कहा कि उनके परिजनों से बात करने पर यूपी सरकार के अमानवीय चेहरे का पता चलता है कि कैसे अंजनी कुमार राय के मृत शरीर को ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस 11 घंटे के लंबे इंतजार के बाद मिली.
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस निरीक्षक की मौत के समय को भी लेकर सरकार गलत बयान बाजी कर रही. उन्होंने कहा कि 4 फरवरी को जब प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का उनके निवास पर जाने का कार्यक्रम तय हुआ तो आनन-फानन में दिनांक 05 फरवरी को कुंभ मेला पुलिस की ट्विटर हैंडिल से यह ट्वीट किया गया कि अंजनी कुमार राय की मृत्यु 30-1-2025 को हुई. जबकि 29-1-2025 की शाम 5 बजकर 33 मिनट पर दर्ज पुलिस की जीडी के अनुसार अंजनी कुमार राय की मृत्यु 29 तारीख को दर्ज की गयी है. सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए ये निर्लज्ज सरकार ड्यूटी पर शहीद हुए अपने सिपाही की शहादत से भी इंकार कर रही है.
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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अंजनी राय के घर सरकार का कोई नुमाइन्दा न गया, न उनकी शहादत को स्वीकार किया, जब 5 फरवरी को उनके परिजनों से मिलने उनके घर गया तब अगले दिन 6 फरवरी को गाजीपुर के पुलिस कप्तान अंजनी कुमार राय के आवास पर पहुंचे. योगी सरकार का ये लचर, अव्यवस्थित प्रशासन सिर्फ अपने निकम्मेपन को छिपाने के लिए सारे जतन कर रहा है.
अमानवीय तरीके से अमेरिका से लाया गया
वहीं अजय राय ने अमेरिका से बेड़ियों में जकड़कर भारत लाने पर कहा कि, 5 फरवरी को पूरे विश्व ने एक शर्मनाक तस्वीर देखी. अमेरिकी सेना के एक जहाज में 104 बेड़ियों में बंधे हुए भारतीय. बिना विधिक दस्तावेजों के अभाव में इन्हें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया. ये सही है कि डिपोर्टेशन इसके पहले भी होते रहे हैं मगर कभी इतने अमानवीय तरीके से नहीं हुए. 104 लोग, जिसमें 19 महिलाएं भी थीं, 40 घंटे की यात्रा में जानवरों की तरह लाये गये. कोलम्बिया जैसे छोटे से देश ने अमेरिका के सामने खड़े होकर बड़ी सख्ती से अपने नागरिकों को बेड़ियों में और मिलिट्री के जहाज से मंगाने से इंकार कर दिया और अपना जहाज भेजकर अपने नागरिकों को सम्मान से बुलवाया. नरेंद्र मोदी विश्व गुरू होने का दावा करते हैं लेकिन विदेशी जमीन से आ रहे अपने ही नागरिकों की अस्मिता नहीं बचा पा रहे हैं.
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