वाराणसी: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. इसे अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां महागौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. कई वर्षों तक कठोर तप के कारण मां पार्वती का रंग गौर वर्ण का हो गया था. भगवान शिव ने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया. जिससे वह महागौरी कहलाईं.
महागौरी को अन्नपूर्णा देवी के रूप में भी पूजा जाता है. महागौरी की पूजा बहुत ही कल्याणकारी और मंगलकारी है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से महागौरी की पूजा की जाए तो सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त को अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं.
मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या से खुश होकर भगवान ने उन्हें स्वीकार करते हुए उनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं. इससे देवी अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं. तभी से उनका नाम गौरी पड़ गया.
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