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नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है मां महागौरी की पूजा - नवरात्रि का आठवां दिन

आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. इस दिन महागौरी को अन्नपूर्णा देवी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि महागौरी की पूजा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है.

mahagauri is worshiped on the eighth day of navratri
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Published : Apr 1, 2020, 10:23 PM IST

वाराणसी: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. इसे अष्‍टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां महागौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. कई वर्षों तक कठोर तप के कारण मां पार्वती का रंग गौर वर्ण का हो गया था. भगवान शिव ने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया. जिससे वह महागौरी कहलाईं.

मां महागौरी की पूजा.


महागौरी को अन्नपूर्णा देवी के रूप में भी पूजा जाता है. महागौरी की पूजा बहुत ही कल्‍याणकारी और मंगलकारी है. ऐसी मान्‍यता है कि सच्‍चे मन से महागौरी की पूजा की जाए तो सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं और भक्‍त को अलौकिक शक्तियां प्राप्‍त होती हैं.

मान्‍यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या से खुश होकर भगवान ने उन्हें स्वीकार करते हुए उनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं. इससे देवी अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं. तभी से उनका नाम गौरी पड़ गया.

इसे पढ़ें-उत्तर प्रदेश में कोरोना से पहली मौत, गोरखपुर में चल रहा था मरीज का इलाज

वाराणसी: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. इसे अष्‍टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां महागौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. कई वर्षों तक कठोर तप के कारण मां पार्वती का रंग गौर वर्ण का हो गया था. भगवान शिव ने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया. जिससे वह महागौरी कहलाईं.

मां महागौरी की पूजा.


महागौरी को अन्नपूर्णा देवी के रूप में भी पूजा जाता है. महागौरी की पूजा बहुत ही कल्‍याणकारी और मंगलकारी है. ऐसी मान्‍यता है कि सच्‍चे मन से महागौरी की पूजा की जाए तो सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं और भक्‍त को अलौकिक शक्तियां प्राप्‍त होती हैं.

मान्‍यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या से खुश होकर भगवान ने उन्हें स्वीकार करते हुए उनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं. इससे देवी अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं. तभी से उनका नाम गौरी पड़ गया.

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