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वाराणसी में शुरू हुआ मदरसों का सर्वे, 65 साल पुराने मदरसे में पहुंची टीम - मदरसों का सर्वे कार्य शुरू

सरकार के निर्देश के बाद वाराणसी में मदरसों का सर्वे कार्य शुरू हो गया है. सबसे पहले सर्वे टीम वाराणसी के सबसे पुराने मदरसे में पहुंची. यहां टीम ने काफी देर तक छानबीन कर मदरसे की जानकारी हासिल की.

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Published : Sep 15, 2022, 7:49 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में स्थित मदरसों का सर्वे करा रही है. इसके लिए शासन स्तर से आदेश जारी हो चुके हैं. इसी क्रम में सरकार के निर्देश के बाद मदरसों के सर्वे की शुरुआत गुरुवार को वाराणसी में हुई है. सबसे पहले सर्वे टीम 65 साल पहले यानी 1957 में स्थापित इस्लामिया मदरसे में पहुंची. यहां टीम ने काफी देर तक छानबीन कर जानकारियां हासिल की.

सरकार के निर्देश के बाद वाराणसी के सरैया स्थित मदरसा इस्लामिया में गुरुवार को सर्वे टीम पहुंची. इस दौरान मदरसे के संचालन के बारे में जानकारी ली गई और मदरसे की बनावट पर भी पूछताछ की गई. बता दें कि यह मदरसा बनारस का सबसे पुराना मदरसा माना जाता है. 1957 में इस मदरसे की स्थापना हुई थी. जानकारी के मुताबिक वर्तमान में यहां बड़ी संख्या में इलाके के छात्र पढ़ाई करते हैं.

गौरतलब है कि वाराणसी में आज से मदरसों के सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में अब वाराणसी में क्रमवार यह टीम मदरसों में जाकर उनकारी जानकारी हासिल करेगी. वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्रा को सर्वे टीम अधिकारी का बनाया गया है. उनका कहना है कि यह मदरसा गैर मान्यता प्राप्त है. अगर इस मदरसे की मान्यता होती तो यह मानक के अनुरूप रहता. फिलहाल सिर्फ सर्वे किया जा रहा है. इसके आगे की प्रक्रिया बाद में निर्धारित की जाएगी. वहीं मदरसे के मुख्य शिक्षक अब्दुल कलीम ने बताया कि हमने कई बार मान्यता की कोशिश की, लेकिन मान्यता नहीं मिल पाई है.

सरकार ने तैयार किया है सर्वे का फॉर्मेट: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. सरकार का तर्क है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे के लिए योगी सरकार ने एक फॉर्मेट तैयार किया है. इस संबंध में सभी जिला मुख्यालयों को आदेश भेजा गया है और 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की गई है

यह भी पढ़ें- बुलंदशहर में अपंजीकृत मदरसों का सर्वे शुरू, टीम मदरसा इस्लामिया अरबिया पहुंची

क्या हैं मदरसों के सर्वे के वो 12 बिंदु: सरकारी फॉर्मेट के अनुसार, मदरसे का नाम, मदरसे को संचालित करने वाली संस्था, स्थापना वर्ष, मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी अथवा किराए का भवन), क्या मदरसे का भवन छात्र छात्राओं हेतु उपयुक्त है (सुरक्षित भवन/ पेयजल/ फर्नीचर/ विद्युत आपूर्ति/ शौचालय आदि), मदरसे में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की कुल संख्या क्या है की जानकारी ली जाएगी.

12 बिंदुओं में ही, मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या क्या है, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है, मदरसे की आय का स्रोत क्या है, क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं, क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर हां तो विवरण देना होगा.

कहां से हो रहा है मदरसों का वित्त पोषण: योगी सरकार का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के पीछे बेहतर शिक्षा व्यवस्था करना है. सर्वे में पता लगाया जाएगा कि मदरसों का वित्त पोषण कहां से हो रहा है. किस जिले में कितने गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- दारुल उलूम नदवा पहुंची मदरसा सर्वे की टीम, 12 बिंदुओं पर ली जानकारी

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में स्थित मदरसों का सर्वे करा रही है. इसके लिए शासन स्तर से आदेश जारी हो चुके हैं. इसी क्रम में सरकार के निर्देश के बाद मदरसों के सर्वे की शुरुआत गुरुवार को वाराणसी में हुई है. सबसे पहले सर्वे टीम 65 साल पहले यानी 1957 में स्थापित इस्लामिया मदरसे में पहुंची. यहां टीम ने काफी देर तक छानबीन कर जानकारियां हासिल की.

सरकार के निर्देश के बाद वाराणसी के सरैया स्थित मदरसा इस्लामिया में गुरुवार को सर्वे टीम पहुंची. इस दौरान मदरसे के संचालन के बारे में जानकारी ली गई और मदरसे की बनावट पर भी पूछताछ की गई. बता दें कि यह मदरसा बनारस का सबसे पुराना मदरसा माना जाता है. 1957 में इस मदरसे की स्थापना हुई थी. जानकारी के मुताबिक वर्तमान में यहां बड़ी संख्या में इलाके के छात्र पढ़ाई करते हैं.

गौरतलब है कि वाराणसी में आज से मदरसों के सर्वे की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में अब वाराणसी में क्रमवार यह टीम मदरसों में जाकर उनकारी जानकारी हासिल करेगी. वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्रा को सर्वे टीम अधिकारी का बनाया गया है. उनका कहना है कि यह मदरसा गैर मान्यता प्राप्त है. अगर इस मदरसे की मान्यता होती तो यह मानक के अनुरूप रहता. फिलहाल सिर्फ सर्वे किया जा रहा है. इसके आगे की प्रक्रिया बाद में निर्धारित की जाएगी. वहीं मदरसे के मुख्य शिक्षक अब्दुल कलीम ने बताया कि हमने कई बार मान्यता की कोशिश की, लेकिन मान्यता नहीं मिल पाई है.

सरकार ने तैयार किया है सर्वे का फॉर्मेट: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. सरकार का तर्क है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे के लिए योगी सरकार ने एक फॉर्मेट तैयार किया है. इस संबंध में सभी जिला मुख्यालयों को आदेश भेजा गया है और 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की गई है

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क्या हैं मदरसों के सर्वे के वो 12 बिंदु: सरकारी फॉर्मेट के अनुसार, मदरसे का नाम, मदरसे को संचालित करने वाली संस्था, स्थापना वर्ष, मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी अथवा किराए का भवन), क्या मदरसे का भवन छात्र छात्राओं हेतु उपयुक्त है (सुरक्षित भवन/ पेयजल/ फर्नीचर/ विद्युत आपूर्ति/ शौचालय आदि), मदरसे में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की कुल संख्या क्या है की जानकारी ली जाएगी.

12 बिंदुओं में ही, मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या क्या है, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है, मदरसे की आय का स्रोत क्या है, क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं, क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर हां तो विवरण देना होगा.

कहां से हो रहा है मदरसों का वित्त पोषण: योगी सरकार का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के पीछे बेहतर शिक्षा व्यवस्था करना है. सर्वे में पता लगाया जाएगा कि मदरसों का वित्त पोषण कहां से हो रहा है. किस जिले में कितने गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.

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