वाराणसी: आज नवरात्र का आठवां दिन है. आठवां दिन यानि देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के दर्शन पूजन का दिन. महागौरी जिन्हें आदिशक्ति माता दुर्गा और भगवान गणेश की मां के रूप में जाना जाता है. घर में या किसी भी स्थान पर कोई भी पूजा-पाठ बिना गौरी गणेश के संपन्न नहीं हो सकता है.
सफेद रंग है मां को पसंद
पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि महागौरी का रूप बहुत ही अद्भुत, अत्यंत गौर वर्ण होने की वजह से इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है. बैल इनकी सवारी है और माता रानी के एक हाथ में त्रिशूल और एक में डमरू है, जबकि एक हाथ अभय मुद्रा में और दूसरा हाथ वर मुद्रा में है. मां सफेद रंग के वस्त्र बेहद पसंद करती हैं. कहा जाता है कि मां बहुत ही शांत प्रवृत्ति की हैं.
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महागौरी की पूजा से धन की नहीं होती कमी
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा करने से धन धान्य की कभी कमी नहीं होती. जीवन में किए हुए सारे पापों का नाश होता है और शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है. देवी महागौरी अपने भक्तों को सही मार्ग पर ले जाने वाली देवी के रूप में जानी जाती हैं. मान्यता है कि माता के दर्शन मात्र से ही मन में चल रही नेगेटिव बातें खत्म होती हैं और मन एकाग्र होता है.
ऐसे करें मां की पूजा
पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि मां के पूजन का विधान भी अत्यंत सरल है. मां को सफेद रंग की चीजें अति पसंद है. इसलिए सफेद रंग के मिष्ठान के साथ सफेद पुष्प और लाल फूल दोनों से मां की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा माता को एक पान के पत्ते पर इलायची और लौंग रखकर चढ़ाया जाना बेहद लाभकारी होता है. घरों में गौरी का ध्यान करने के लिए लोग गोबर का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि कहा जाता है कि गोबर में गौरी का वास होता है. इसलिए विधि विधान से गौरी का पूजन कर अंत में आरती करने के बाद उनका आशीर्वाद नारियल चढ़ाकर लेना चाहिए.
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इस मंत्र से करें देवी की आराधना
श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा सूची ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ।।