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Lunar Eclipse 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, जानें राशियों पर ग्रहण का प्रभाव

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Published : Nov 8, 2022, 6:32 AM IST

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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज

06:24 November 08

Lunar Eclipse 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, जानें राशियों पर ग्रहण का प्रभाव

वाराणसी: भारत में वर्ष 2022 का अन्तिम ग्रहण खग्रास चन्द्रग्रहण के रूप में 8 नवम्बर, मंगलवार को दिखाई पड़ेगा. इसके पूर्व गतवर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवम्बर को दिखाई पड़ा था. इस बार दिखाई देने वाला यह खग्रास चन्द्रग्रह भरणी नक्षत्र एवं मेष राशि पर लगेगा. चन्द्रग्रहण के समय सूर्य बुध-शुक्र व केतु-तुला राशि में, मंगल-मिथुन राशि में, गुरु-मीन राशि में शनि-मकर राशि में तथा चन्द्रमा केतु- मेष राशि में उपस्थित रहेंगे.

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 7 नवम्बर, सोमवार को सायं 4 बजकर 17 मिनट पर लग रही है, जो कि 8 नवम्बर, मंगलवार को सायं 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. इस वर्ष खग्रास चन्द्रग्रहण का स्पर्श भारतीय समयानुसार दिन 12 बजकर 41 मिनट पर ग्रहण का मध्य सायं 4 बजकर 30 मिनट पर तथा ग्रहण का मोक्ष सायं 6 बजकर 20 मिनट पर होगा. ग्रहण के स्पर्श, मध्य एवं मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए. खग्रास के रूप में यह चन्द्रग्रहण भारत के अतिरिक्त, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, आस्ट्रेलिया एशिया तथा प्रशान्त महासागर में दृश्य होगा.

इस खग्रास चन्द्रग्रहण (Lunar Eclipse 2022) की आकृति उत्तरी पश्चिम के कनाडा में भी दिखाई पड़ेगा. खग्रास चन्द्रग्रहण का आरम्भ चन्द्र अस्त होने के समय अर्जेन्टिना के पश्चिम क्षेत्रों, चिली, बोलविया, ब्राजील के पश्चिम क्षेत्रों तथा उत्तरी अटलान्टिक महासागर में दिखाई पड़ेगा, जबकि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उजबेकिस्तान तथा पूर्वी रूस में चन्द्रोदय के समय ग्रहण के समाप्ति का दृश्य होगा.

चन्द्रग्रहण का सूतक काल: ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि चन्द्रग्रहण का सूतक ग्रहण (Chandra Grahan 2022 Sutak timings) लगने से 9 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो जाता है. सूतक काल के आरम्भ होने के पूर्व मंदिरों के कपाट बन्द हो जाते हैं. सूतक काल में हास्य-विनोद, मनोरंजन, शयन, भोजन, देवी-देवता के मूर्ति या विग्रह का स्पर्श करना, व्यर्थ वातालाप, अकारण भ्रमण, बाद-विवाद करना आदि वर्जित है. इस काल में यथासम्भव मौन-व्रत रहते हुए जरूरी कार्यों को करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, उन्हें चाकू, कैची व अन्य धारदार उपकरण का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा एकान्त में अपने आराध्य देवी-देवता का स्मरण करना चाहिए. बच्चे, वृद्ध एवं रोगी यथासमय पथ्य एवं दया आदि ग्रहण कर सकते हैं. भोजन, दूध जल की शुचिता के लिए उसमें तुलसी के पत्ते या कुश रखना चाहिए. यथासम्भव अपने आराध्य देवी-देवता को स्मरण करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिए. ग्रहण मोक्ष के पश्चात् स्नानोपरान्त देव-दर्शन करके यथासामर्थ्य दान करना चाहिए.

स्कन्दपुराण के अनुसार ग्रहण के दिन परअन (दूसरे का अगजल) आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर विगत चारवर्षी तक किया हुआ जप-तप से प्राप्त पुण्य नष्ट हो जाता है. ग्रहण के दिन भूमि खनन भी नहीं करना चाहिए. इस बार यह चन्द्रग्रहण, मंगलवार, भरणी नक्षत्र, व्यतीपात योग के फलस्वरूप चन्द्रग्रहण का प्रभाव विश्व पटल पर विषम परिस्थितियों का सामना जनमानस को करना पड़ेगा. जिसके फलस्वरूप विश्व के अनेक राष्ट्र प्रभावित होंगे. राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में विशेष हलचल, शेयर, वायदा व धातु बाजार में घटा-बढ़ी के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. प्राकृतिक दैविक आपदाएँ, जल-थल वायुजनित दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं कहीं पर ज्वालामुखी और भूकम्प की आशंका रहेगी. कई देशों में सत्ता परिवर्तन व पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर हिगा. मौसम में भी अजीबो-गरीब परिवर्तन होगा. दैविक आपदाएँ भी प्रभावी रहेंगी. आर्थिक व राजनैतिक मसले भी शासक- प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे.

ज्योतिर्विद विमल जैन ने बताया कि जिन जातकों को शनिग्रह की अद्वैया अथवा साढ़ेसाती या जन्मकुण्डली के अनुसार ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा प्रतिकूल हो तथा चन्द्रग्रह के साथ राहु या केतु हो, उन्हें ग्रहणकाल में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. साथ ही चन्द्रग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का मानसिक जप तथा अपने इष्ट देवी-देवता की आराधना करें.


द्वादश राशियों पर चंद्रग्रहण का प्रभाव:

  • मेष– निराशा की स्थिति क्रोध की अधिकता. शारीरिक कष्ट.
  • वृषभ- विचारित कार्यों में विलम्ब धनहानि नेत्र विकार. मिथुन-नवसम्पर्क लाभदायक धनागम शत्रु परास्त.
  • कर्क- आरोग्य सुख में कमी पारिवारिक चिन्ता शत्रुओं से भय.
  • सिंह- धनागम का असवर नवसम्पर्क लाभदायक आरोग्य सुख.
  • कन्या प्रतिकूलता की स्थिति आरोग्य सुख में कमी दुर्घटना की आशंका.
  • तुला- पारिवारिक मतभेद, व्यावसायिक पक्ष से चिन्ता. विरोधियों का वर्चस्व.
  • वृश्चिक- कार्यों में विलम्ब धनागम में बाधा विश्वासघात की आशंका.
  • धनु- लाभ में कमी विरोधियों का वर्चस्व जोखिम से नुकसान.
  • मकर- लाभ का मार्ग प्रशस्त नवयोजना साकार यात्रा से लाभ.
  • कुम्भ- व्यावसायिक प्रगति सन्तान सुख पराक्रम से कार्यसिद्धि मीन व्यक्तिगत परेशानी. धनहानि, नेत्र विकार. पारिवारिक अशान्ति.

राशि के अनुसार दान करना लाभकारी:

  • मेष– लाल वस्तु, लाल चंदन, गेहू, गुड़, तांबा, मूंगा, मसूर मी कस्तूरी, लाल फूल.
  • वृषभ-सफेद फूल, सफेद चंदन, चावल, चांदी भी सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, सुगंध, दही.
  • मिथुन- मूंग, कस्तूरी, कांसा, हरा वस्त्र, मूंगा, खांड, ची, सबफूल, हाथीदांत कपूर, फल.
  • कर्क- सफेद फूल सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, चांदी, मोती, दही, शंख, कपूर, सफेद चंदन, मिश्री.
  • सिंह- लाल फूल, लाल वस्त्र, माणिक्य, केशर, तांबा, घी, गेहूँ, गुड़, लाल चंदन, सोना, लाल मुंगा.
  • कन्या- हरा फूल कस्तुरी कांसा, मूंग, हरा वस्त्र, पत्रा, ची, हाथी दांत, कपूर, हराफल, मूंगा, खांड.
  • तुला-सुगंध, सफेद चंदन, सफेद फूल, चावल, चांदी, घी, सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, दही
  • वृश्चिक- गेहूं गुड़, तांबा, मूंगा, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, मसूर, चो, कस्तूरी.
  • धनु- पीला वस्त्र चने की दाल, हल्दी, पीला फल, पीला फूल, कांसा, पुखराज, खांड, पुस्तक, देशी घी.
  • मकर- उड़द, तिल, तेल, कात्र, लोहा, कस्तूरी कुलबी काली खड़ाऊं नीलम.
  • कुंभ- काले काला हिल, काला उड़द, दिल का तेल, लोहा, काला कस्तूरी नीलम.
  • मीन- चने की दाल पीला वस्त्र, हल्दी, पीला फूल, पीला फल, सोना, खोड पुस्तक, पुखराज देशी घी.

ये भी पढ़ें- 7 ग्रह प्रभावित होंगे इस चंद्रग्रहण में, राशि अनुसार उपायों से होगी तन-मन-धन की सुरक्षा

06:24 November 08

Lunar Eclipse 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, जानें राशियों पर ग्रहण का प्रभाव

वाराणसी: भारत में वर्ष 2022 का अन्तिम ग्रहण खग्रास चन्द्रग्रहण के रूप में 8 नवम्बर, मंगलवार को दिखाई पड़ेगा. इसके पूर्व गतवर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवम्बर को दिखाई पड़ा था. इस बार दिखाई देने वाला यह खग्रास चन्द्रग्रह भरणी नक्षत्र एवं मेष राशि पर लगेगा. चन्द्रग्रहण के समय सूर्य बुध-शुक्र व केतु-तुला राशि में, मंगल-मिथुन राशि में, गुरु-मीन राशि में शनि-मकर राशि में तथा चन्द्रमा केतु- मेष राशि में उपस्थित रहेंगे.

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 7 नवम्बर, सोमवार को सायं 4 बजकर 17 मिनट पर लग रही है, जो कि 8 नवम्बर, मंगलवार को सायं 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. इस वर्ष खग्रास चन्द्रग्रहण का स्पर्श भारतीय समयानुसार दिन 12 बजकर 41 मिनट पर ग्रहण का मध्य सायं 4 बजकर 30 मिनट पर तथा ग्रहण का मोक्ष सायं 6 बजकर 20 मिनट पर होगा. ग्रहण के स्पर्श, मध्य एवं मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए. खग्रास के रूप में यह चन्द्रग्रहण भारत के अतिरिक्त, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, आस्ट्रेलिया एशिया तथा प्रशान्त महासागर में दृश्य होगा.

इस खग्रास चन्द्रग्रहण (Lunar Eclipse 2022) की आकृति उत्तरी पश्चिम के कनाडा में भी दिखाई पड़ेगा. खग्रास चन्द्रग्रहण का आरम्भ चन्द्र अस्त होने के समय अर्जेन्टिना के पश्चिम क्षेत्रों, चिली, बोलविया, ब्राजील के पश्चिम क्षेत्रों तथा उत्तरी अटलान्टिक महासागर में दिखाई पड़ेगा, जबकि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उजबेकिस्तान तथा पूर्वी रूस में चन्द्रोदय के समय ग्रहण के समाप्ति का दृश्य होगा.

चन्द्रग्रहण का सूतक काल: ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि चन्द्रग्रहण का सूतक ग्रहण (Chandra Grahan 2022 Sutak timings) लगने से 9 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो जाता है. सूतक काल के आरम्भ होने के पूर्व मंदिरों के कपाट बन्द हो जाते हैं. सूतक काल में हास्य-विनोद, मनोरंजन, शयन, भोजन, देवी-देवता के मूर्ति या विग्रह का स्पर्श करना, व्यर्थ वातालाप, अकारण भ्रमण, बाद-विवाद करना आदि वर्जित है. इस काल में यथासम्भव मौन-व्रत रहते हुए जरूरी कार्यों को करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, उन्हें चाकू, कैची व अन्य धारदार उपकरण का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा एकान्त में अपने आराध्य देवी-देवता का स्मरण करना चाहिए. बच्चे, वृद्ध एवं रोगी यथासमय पथ्य एवं दया आदि ग्रहण कर सकते हैं. भोजन, दूध जल की शुचिता के लिए उसमें तुलसी के पत्ते या कुश रखना चाहिए. यथासम्भव अपने आराध्य देवी-देवता को स्मरण करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिए. ग्रहण मोक्ष के पश्चात् स्नानोपरान्त देव-दर्शन करके यथासामर्थ्य दान करना चाहिए.

स्कन्दपुराण के अनुसार ग्रहण के दिन परअन (दूसरे का अगजल) आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर विगत चारवर्षी तक किया हुआ जप-तप से प्राप्त पुण्य नष्ट हो जाता है. ग्रहण के दिन भूमि खनन भी नहीं करना चाहिए. इस बार यह चन्द्रग्रहण, मंगलवार, भरणी नक्षत्र, व्यतीपात योग के फलस्वरूप चन्द्रग्रहण का प्रभाव विश्व पटल पर विषम परिस्थितियों का सामना जनमानस को करना पड़ेगा. जिसके फलस्वरूप विश्व के अनेक राष्ट्र प्रभावित होंगे. राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में विशेष हलचल, शेयर, वायदा व धातु बाजार में घटा-बढ़ी के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. प्राकृतिक दैविक आपदाएँ, जल-थल वायुजनित दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं कहीं पर ज्वालामुखी और भूकम्प की आशंका रहेगी. कई देशों में सत्ता परिवर्तन व पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर हिगा. मौसम में भी अजीबो-गरीब परिवर्तन होगा. दैविक आपदाएँ भी प्रभावी रहेंगी. आर्थिक व राजनैतिक मसले भी शासक- प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे.

ज्योतिर्विद विमल जैन ने बताया कि जिन जातकों को शनिग्रह की अद्वैया अथवा साढ़ेसाती या जन्मकुण्डली के अनुसार ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा प्रतिकूल हो तथा चन्द्रग्रह के साथ राहु या केतु हो, उन्हें ग्रहणकाल में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. साथ ही चन्द्रग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का मानसिक जप तथा अपने इष्ट देवी-देवता की आराधना करें.


द्वादश राशियों पर चंद्रग्रहण का प्रभाव:

  • मेष– निराशा की स्थिति क्रोध की अधिकता. शारीरिक कष्ट.
  • वृषभ- विचारित कार्यों में विलम्ब धनहानि नेत्र विकार. मिथुन-नवसम्पर्क लाभदायक धनागम शत्रु परास्त.
  • कर्क- आरोग्य सुख में कमी पारिवारिक चिन्ता शत्रुओं से भय.
  • सिंह- धनागम का असवर नवसम्पर्क लाभदायक आरोग्य सुख.
  • कन्या प्रतिकूलता की स्थिति आरोग्य सुख में कमी दुर्घटना की आशंका.
  • तुला- पारिवारिक मतभेद, व्यावसायिक पक्ष से चिन्ता. विरोधियों का वर्चस्व.
  • वृश्चिक- कार्यों में विलम्ब धनागम में बाधा विश्वासघात की आशंका.
  • धनु- लाभ में कमी विरोधियों का वर्चस्व जोखिम से नुकसान.
  • मकर- लाभ का मार्ग प्रशस्त नवयोजना साकार यात्रा से लाभ.
  • कुम्भ- व्यावसायिक प्रगति सन्तान सुख पराक्रम से कार्यसिद्धि मीन व्यक्तिगत परेशानी. धनहानि, नेत्र विकार. पारिवारिक अशान्ति.

राशि के अनुसार दान करना लाभकारी:

  • मेष– लाल वस्तु, लाल चंदन, गेहू, गुड़, तांबा, मूंगा, मसूर मी कस्तूरी, लाल फूल.
  • वृषभ-सफेद फूल, सफेद चंदन, चावल, चांदी भी सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, सुगंध, दही.
  • मिथुन- मूंग, कस्तूरी, कांसा, हरा वस्त्र, मूंगा, खांड, ची, सबफूल, हाथीदांत कपूर, फल.
  • कर्क- सफेद फूल सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, चांदी, मोती, दही, शंख, कपूर, सफेद चंदन, मिश्री.
  • सिंह- लाल फूल, लाल वस्त्र, माणिक्य, केशर, तांबा, घी, गेहूँ, गुड़, लाल चंदन, सोना, लाल मुंगा.
  • कन्या- हरा फूल कस्तुरी कांसा, मूंग, हरा वस्त्र, पत्रा, ची, हाथी दांत, कपूर, हराफल, मूंगा, खांड.
  • तुला-सुगंध, सफेद चंदन, सफेद फूल, चावल, चांदी, घी, सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, दही
  • वृश्चिक- गेहूं गुड़, तांबा, मूंगा, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, मसूर, चो, कस्तूरी.
  • धनु- पीला वस्त्र चने की दाल, हल्दी, पीला फल, पीला फूल, कांसा, पुखराज, खांड, पुस्तक, देशी घी.
  • मकर- उड़द, तिल, तेल, कात्र, लोहा, कस्तूरी कुलबी काली खड़ाऊं नीलम.
  • कुंभ- काले काला हिल, काला उड़द, दिल का तेल, लोहा, काला कस्तूरी नीलम.
  • मीन- चने की दाल पीला वस्त्र, हल्दी, पीला फूल, पीला फल, सोना, खोड पुस्तक, पुखराज देशी घी.

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