वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में महाशिवरात्रि का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सुबह से ही भक्त अलग-अलग शिवालयों में बाबा के दर्शन कर रहे हैं. वहीं, दोपहर में तिलभांडेश्वर मंदिर और बैजनाथ मंदिर से महादेव की बारात निकाली गई. महादेव की बारात ठीक उसी तरह निकाली गई जैसे घरवाले अपने एक लड़के की बारात निकालते हैं और बाराती भी इसमें अनोखे लोग नजर आए.
अनोखी बारात
शिव बारात में जहां छोटे बच्चे भगवान शिव बनते नजर आए तो वहीं भोलेनाथ घोड़े पर सवार नजर आए. उनके साथ नंदी भी नजर आए. बारात में शामिल होने के लिए भगवान गणेश, भगवान विष्णु, राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, ब्रह्मा सभी नजर आए. थोड़ी देर के बाद भूतों की टोली नजर आई, जिसमें भूत-पिचास, नट और इस बारात में यमराज भी शामिल हुए.
बारात पांडे हवेली देवनाथ, पूरा पांडे घाट, राजा घाट, नारद घाट, मानसरोवर घाट, चौकी घाट, केदार घाट, सोनारपुरा चौराहा, हरिश्चंद्र घाट, हनुमान घाट के सिंह किला शिवाला भेलूपुरा हनुमान मंदिर तक जाती है.
बनारसी बने बाराती
बात महादेव की हो तो काशीवासी कैसे पीछे सकते हैं. ऐसे में बनारसी लोगों की लाखों की संख्या इस बारात में देखने को मिली. हर कोई खुद को बाराती समझ झूमता नजर आया. वहीं, क्षेत्र की महिलाओं ने दूल्हे का परछावन कर और सोहर गीत गाए और इस बारात को रवाना किया. बारात विभिन्न इलाकों से घूमते हुए केदार मंदिर पहुंची. वहां पर बारात का स्वागत किया गया.
बारात के संयोजक राजेश कुमार रावत ने बताया कि आज महाशिवरात्रि का दिन काशी में आनंद का दिन है. जैसे बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से हम लोग अपनी बारात निकालते हैं उसी तरह आज हम लोग बाबा की बारात निकालते हैं. बैजनाथ धाम से शुरू होकर विभिन्न क्षेत्रों में बारात जाती है. क्षेत्रों में होते हुए बारात सभी गलियों में जाती है और लोग आशीर्वाद लेते हैं. हर गली में पुष्प वर्षा होती है.
महाशिवरात्रि पर्व पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात एनडीआरएफ
महाशिवरात्रि पर्व पर काशी विश्वनाथ धाम और गंगा घाटों पर श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं. उनकी सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के बचावकर्मियों को सभी प्रमुख घाटों पर तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को विभिन्न घाटों जैसे नमो घाट, राजघाट, शीतला घाट, पंचगंगा घाट, मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट, प्रयाग घाट, दशाश्वमेध घाट, अहिल्याबाई घाट, केदार घाट, अस्सी घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में गंगा नदी में तैनात किया गया है. इसके साथ ही गंगाजी में बोट के माध्यम से पेट्रोलिंग भी की जा रही है.
वहीं, इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ की मेडिकल टीम 'वाटर एंबुलेंस' के साथ विभिन्न घाटों पर उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं के प्राथमिक उपचार एवं सहायता के लिए तैनात है. दशाश्वमेध घाट और मंदिर परिसर में मेडिकल कैंप भी आयोजित किया गया है. इसमें एनडीआरएफ के डॉक्टर और मेडिकल टीम मौजूद है. इस दौरान घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर के साथ प्राथमिक उपचार की भी सुविधा भी दी जा रही है.
वहीं, एनडीआरएफ की दो टीमें, 20 बोट और बचावकर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात है. इसमें गोताखोर और पैरामेडिकल स्टाफ डीप डाइविंग सूट, लाइफ जैकेट व अन्य आधुनिक बचाव उपकरणों के साथ मौजूद हैं. इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा, कमान्डेंट 11 एनडीआरएफ ने अपील की कि सभी श्रद्धालु सावधानी बरतते हुए पूरे हर्षोउल्लास से इस पर्व को मनाएं और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. एनडीआरएफ पूरी श्रद्धा के साथ इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए व किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आपकी सुरक्षा में तैनात है.