वाराणसी: जिले में कोविड-19 ने पूरी तरह से अपना पैर पसार लिया है. कोरोना संक्रमित शवों की अंत्येष्टि के लिए नगर निगम प्रशासन ने अस्थाई श्मशान घाट स्थापित किया है. यह घाट विश्व सुंदरी पुल के नीचे बनाया गया है. नगर निगम आयुक्त गोरांग राठी के आदेश पर यह कवायद हुई है. मौके पर साफ सफाई कर बैरिकेडिंग की गई. संक्रमित लाशों की अंत्येष्टि से पूर्व ब्यौरा दर्ज करने के लिए मौके पर एक अस्थाई काउंटर भी बनाया गया. इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने इस पर रोक लगाने की मांग की है.
अस्थाई श्मशान की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने वहां से एक संक्रमित के शव को उनके परिजनों के साथ वापस भेज दिया, जिसका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर हुआ. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर लंका थाने की पुलिस पहुंची. पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए.
नगर निगम करेगा सफाई, नहीं होगा संक्रमण
रामेश्वर दयाल ने बताया कि जिले के हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट पर डेड बॉडी ज्यादा संख्या में पहुंच रही हैं. अस्थाई रूप से यहां पर कोविड-19 मरीजों के लिए अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है. अस्पताल से सीधे यहां आएंगे और यहां पर उनको डिस्पोज किया जाएगा. नगर निगम द्वारा इस जगह को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाएगा. पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ दाह-संस्कार किया जाएगा.
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गांव में फैल सकता है कोरोना
पूर्व प्रधान प्रतिनिधि अमित पटेल ने बताया कि मदरवा पूर्व से अपने गांव के लोग ही अंतिम संस्कार करते थे, लेकिन इस वैश्विक महामारी के दौर में कोविड-19 संक्रमित लोगों का यहां पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जो सरासर गलत है. यहां बहुत सारे लोग रहते हैं. कोरोना संक्रमितों की अंत्येष्टि के लिए शव के साथ आने वाले लोगों से भी वायरस फैलने की आशंका है. इसलिए हम लोग यहां पर शव को नहीं जलने देंगे. इसका विरोध करते हुए हम लोग जल्द ही डीएम से मिलेंगे.