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अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ मुकदमे की मांग, वाराणसी अदालत में वकील ने दी अर्जी, जानें क्या है मामला

ज्ञानवापी परिसर में हिंदू पक्ष की तरफ से बताए गए शिवलिंग को फव्वारा कहे जाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इसके लिए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. कोर्ट इस पर मंगलवार को फैसला सुना सकता है.

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अखिलेश यादव और ओवैसी
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Published : May 23, 2022, 8:20 PM IST

वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले को लेकर कानूनी घमासान के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इसके लिए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अधिवक्ता की मांग है कि अदालत तीनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दे. तीनों नेताओं के बयानों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

मामले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि वजू खाना या मस्जिद का वो हिस्सा, जहां शिवलिंग मिला है, वह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है. लेकिन इसके बाद भी राजनेता और मुस्लिम पक्ष के लोग लगातार उसे फव्वारा कहकर हिंदू लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि किसी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर लगा कर झंडा लगा दो तो वहीं मंदिर बन जाता है. वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है, जो सालों से बंद पड़ा है. इससे जनसमुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी शिवलिंग के खिलाफ लगातार अपमानजनक बयान दे रहे हैं. इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रहीं हैं. अधिवक्ता का आरोप है कि बीती 6 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में नमाजियों ने हाथ-पैर धोया, कुल्ला किया और थूका. जबकि वहां हमारे विश्वनाथ थे. इससे भी लाखों-करोड़ो लोगों को कष्ट पहुंचा है. वजूखाने में मिले शिवलिंग को फव्वारा कहकर हम सनातन धर्मियों की भावना को कष्ट पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते सभी को असहनीय कष्ट है.

यह भी पढ़ें- Gyanvapi Mosque Case: आगे की सुनवाई कैसे हो...जिला जज कोर्ट कल करेगा फैसला

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय के मुताबिक हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने की साजिश में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं. इन सभी के बयानों और गतिविधियों से हिंदू समाज आहत है. इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए उन्होंने पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों को डाक के जरिए प्रार्थना पत्र भेजा था. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है.

कहा जा रहा है कि मंगलवार को इस पर कोर्ट का फैसला सुनाया जा सकता है. इस लिस्ट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई, मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, अंजुमन इंदौर जामिया मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी एसएस यासीन समेत कुल 9 लोगों को नामजद और 2,000 अन्य जो मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग न्यायालय में की गई है.

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वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले को लेकर कानूनी घमासान के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इसके लिए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अधिवक्ता की मांग है कि अदालत तीनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दे. तीनों नेताओं के बयानों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

मामले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि वजू खाना या मस्जिद का वो हिस्सा, जहां शिवलिंग मिला है, वह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है. लेकिन इसके बाद भी राजनेता और मुस्लिम पक्ष के लोग लगातार उसे फव्वारा कहकर हिंदू लोगों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि किसी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर लगा कर झंडा लगा दो तो वहीं मंदिर बन जाता है. वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है, जो सालों से बंद पड़ा है. इससे जनसमुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी शिवलिंग के खिलाफ लगातार अपमानजनक बयान दे रहे हैं. इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रहीं हैं. अधिवक्ता का आरोप है कि बीती 6 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में नमाजियों ने हाथ-पैर धोया, कुल्ला किया और थूका. जबकि वहां हमारे विश्वनाथ थे. इससे भी लाखों-करोड़ो लोगों को कष्ट पहुंचा है. वजूखाने में मिले शिवलिंग को फव्वारा कहकर हम सनातन धर्मियों की भावना को कष्ट पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते सभी को असहनीय कष्ट है.

यह भी पढ़ें- Gyanvapi Mosque Case: आगे की सुनवाई कैसे हो...जिला जज कोर्ट कल करेगा फैसला

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय के मुताबिक हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने की साजिश में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं. इन सभी के बयानों और गतिविधियों से हिंदू समाज आहत है. इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए उन्होंने पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों को डाक के जरिए प्रार्थना पत्र भेजा था. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है.

कहा जा रहा है कि मंगलवार को इस पर कोर्ट का फैसला सुनाया जा सकता है. इस लिस्ट में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई, मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, अंजुमन इंदौर जामिया मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी एसएस यासीन समेत कुल 9 लोगों को नामजद और 2,000 अन्य जो मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग न्यायालय में की गई है.

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