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वाराणसी में अब गलियों में हो रहा दाह संस्कार, लोगों में डर का माहौल

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अब गलियों में दाह संस्कार होने लगा है. इससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है.

last rites are being performed on streets in varanasi
वाराणसी में अब गलियों में हो रहा दाह संस्कार.
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Published : Aug 31, 2020, 5:08 PM IST

वाराणसी: एक तरफ कोविड-19 का कहर बरकरार है तो वहीं दूसरी तरफ धर्म नगरी काशी में घाटों की सीढ़ियों से आगे बढ़ते हुए गंगा गलियों में घुसने को बेताब है. गलियों की तरफ बढ़ रही गंगा एक तरफ जहां लोगों की मुसीबत बढ़ा रही है तो श्मशान घाट किनारे रहने वाले लोगों के लिए परेशानी दोगुनी हो गई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि घाटों से ऊपर पानी आने के बाद जहां लोग सुरक्षित स्थान की तरफ भाग रहे हैं तो वहीं आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को शवों के दाह संस्कार से होने वाले धुंए और हवा के साथ उड़ कर घर में पहुंच रही चिताओं की राख से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

last rites are being performed on streets in varanasi
गंगा का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर.

हरिश्चंद्र घाट पर दिक्कत ज्यादा है, क्योंकि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों की डेड बॉडी भी इसी घाट पर दाह संस्कार के लिए लाई जा रही है. इस वजह से लोगों के अंदर डर बना हुआ है.

लोगों की बढ़ने लगीं मुश्किलें
दरअसल, वाराणसी में लगभग 4 महीने गंगा में पानी बढ़ने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर अगस्त और सितंबर के महीने में ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि पानी तेजी से बढ़ता है. इस समय भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. गंगा में पानी बढ़ने के साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. घाटों की सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर गंगा गलियों में घुसने को बेताब है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर से लोग परेशान.

लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वाराणसी में गंगा के जलस्तर का वार्निंग लेवल 71.26 मीटर है. जबकि खतरे का निशान 73.90 मीटर पर है, लेकिन वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर 67.45 मीटर पर बढ़ाव के साथ आगे बढ़ रहा है. तेजी से गंगा के बढ़ते हुए जल से सबसे ज्यादा दिक्कत महाशमशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर हो रही है. यहां शवों के दाह संस्कार के लिए जगह नहीं बची है. हरिश्चंद्र घाट पर तो गलियों में दाह संस्कार संपन्न हो रहा है, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

ये भी पढ़ें: काशी के लाल को मिला अर्जुन पुरस्कार, परिवार की खुशी की सातवें आसमान पर

दहशत में लोग
लोगों का कहना है कि गलियों में शवों के दाह संस्कार से उन्हें परेशानी हो रही है. धुंआ और हवा के संग उड़ कर राख लोगों के घरों में पहुंच रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की है कि लावारिस लाशों के साथ कोविड-19 के चलते दम तोड़ने वाले लोगों का दाह संस्कार भी इसी स्थान पर हो रहा है, जिसकी वजह से लोग दहशत में हैं.

अधिकारियों ने कैमरे पर बोलने से किया इनकार
इस पूरे मामले में अधिकारियों ने कैमरे पर तो बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन फोन पर हुई बातचीत में उनका कहना था कि कोविड-19 से दम तोड़ने वाले लोगों का दाह संस्कार इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में किया जा रहा है. बाहर खुले में नहीं. हालांकि गंगा का पानी अभी भी बढ़ रहा है और ज्यादा स्थिति बिगड़ने के बाद इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में भी पानी पहुंच सकता है. इसके बाद स्थिति क्या होगी, इस पर अभी से विचार करने की जरूरत है.

वाराणसी: एक तरफ कोविड-19 का कहर बरकरार है तो वहीं दूसरी तरफ धर्म नगरी काशी में घाटों की सीढ़ियों से आगे बढ़ते हुए गंगा गलियों में घुसने को बेताब है. गलियों की तरफ बढ़ रही गंगा एक तरफ जहां लोगों की मुसीबत बढ़ा रही है तो श्मशान घाट किनारे रहने वाले लोगों के लिए परेशानी दोगुनी हो गई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि घाटों से ऊपर पानी आने के बाद जहां लोग सुरक्षित स्थान की तरफ भाग रहे हैं तो वहीं आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को शवों के दाह संस्कार से होने वाले धुंए और हवा के साथ उड़ कर घर में पहुंच रही चिताओं की राख से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

last rites are being performed on streets in varanasi
गंगा का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर.

हरिश्चंद्र घाट पर दिक्कत ज्यादा है, क्योंकि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों की डेड बॉडी भी इसी घाट पर दाह संस्कार के लिए लाई जा रही है. इस वजह से लोगों के अंदर डर बना हुआ है.

लोगों की बढ़ने लगीं मुश्किलें
दरअसल, वाराणसी में लगभग 4 महीने गंगा में पानी बढ़ने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर अगस्त और सितंबर के महीने में ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि पानी तेजी से बढ़ता है. इस समय भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. गंगा में पानी बढ़ने के साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. घाटों की सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर गंगा गलियों में घुसने को बेताब है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर से लोग परेशान.

लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वाराणसी में गंगा के जलस्तर का वार्निंग लेवल 71.26 मीटर है. जबकि खतरे का निशान 73.90 मीटर पर है, लेकिन वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर 67.45 मीटर पर बढ़ाव के साथ आगे बढ़ रहा है. तेजी से गंगा के बढ़ते हुए जल से सबसे ज्यादा दिक्कत महाशमशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर हो रही है. यहां शवों के दाह संस्कार के लिए जगह नहीं बची है. हरिश्चंद्र घाट पर तो गलियों में दाह संस्कार संपन्न हो रहा है, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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दहशत में लोग
लोगों का कहना है कि गलियों में शवों के दाह संस्कार से उन्हें परेशानी हो रही है. धुंआ और हवा के संग उड़ कर राख लोगों के घरों में पहुंच रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की है कि लावारिस लाशों के साथ कोविड-19 के चलते दम तोड़ने वाले लोगों का दाह संस्कार भी इसी स्थान पर हो रहा है, जिसकी वजह से लोग दहशत में हैं.

अधिकारियों ने कैमरे पर बोलने से किया इनकार
इस पूरे मामले में अधिकारियों ने कैमरे पर तो बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन फोन पर हुई बातचीत में उनका कहना था कि कोविड-19 से दम तोड़ने वाले लोगों का दाह संस्कार इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में किया जा रहा है. बाहर खुले में नहीं. हालांकि गंगा का पानी अभी भी बढ़ रहा है और ज्यादा स्थिति बिगड़ने के बाद इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में भी पानी पहुंच सकता है. इसके बाद स्थिति क्या होगी, इस पर अभी से विचार करने की जरूरत है.

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