वाराणसी: धर्म नगरी काशी इन दिनों आत्महत्या के मामले को लेकर के भी खासा चर्चा में है. आंकड़े महज मार्च और अप्रैल के देख लें तो इन 2 महीनों में लगभग 42 सुसाइड की घटनाएं सामने आईं. इसमें 70 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. वाराणसी में तेजी से महिलाओं द्वारा की जा रही आत्महत्या ने एक चिंता के माहौल को फैला दिया है. हैरान करने वाली बात यह है कि आत्महत्या करने वाली महिलाएं ज्यादातर कम उम्र के साथ नवविवाहिता हैं.
सोशल मीडिया के जमाने में रिश्तों की डोर कमजोर पड़ती जा रही है. एक और जहां लोग दिखावे की मुस्कुराहट लेकर चल रहे हैं तो दूसरी तरफ अपने रिश्तों को भी धोखा दे रहे हैं. ऐसा न सिर्फ डिस्टेंस रिलेशनशिप में हो रहा है, बल्कि साथ रह रहे शादी-शुदा दंपतियों में भी ये बात सामने आ रही है. हर तरफ जहां दिखावे का माहौल बना हुआ है, वहां रिश्ते भी दिखावटी होने लगे हैं. इसी वजह से न जाने कितनी जानें जा चुकी हैं.
पुरुष आत्महत्या करने में थे सबसे आगे
यदि 2022 के आंकड़े की बात करें तो 2022 में बनारस में पुरुषों की संख्या आत्महत्या के मामले में ज्यादा थी. मार्च और अप्रैल के महीने में करीब 42 आत्महत्या के मामले सामने आए थे. इनमें से करीब 70 फीसदी महिलाओं ने आत्महत्या की थी. इसमें सबसे बड़ी वजह जो सामने निकलकर आई वो ये थी कि नए कपल के रिश्ते खराब हो रहे थे. इसमें सबसे अधिक लड़कों का कहीं और भी रिश्ता होने से लड़कियां डिप्रेशन में थीं. लड़कियां शादी से डरी हुई हैं.
सोशल मीडिया बन रहा सबसे बड़ी वजह
उन्होनें बताया कि सोशल मीडिया का युग रिश्तों के लिए बड़ी दीवार बनकर सामने आया है. जहां लोग पास में तो हैं. लेकिन, दूरियों की खाईं बहुत बढ़ चुकी है. हर कोई सोशल मीडिया पर एक नई दुनिया और नए रिश्ते खोजने में लगा है. सामने के रिश्तों से अधिक वर्चुअल रिश्तों पर अधिक भरोसा है. ऐसे में लोग अपनों को दरकिनार कर रहे हैं. कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं कि सोशल मीडिया से बने रिश्तों के चक्कर में पति, पत्नी या प्रेमी ने रिश्तों को खत्म कर लिया है.
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक
मनोचिकित्सक प्रो. संजय गुप्ता बताते हैं कि डिप्रेशन वह स्थिति है जब इंसान यह मान लेता है कि जीवन को सुगमता से जीने के लिए उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा है. उस समय इंसान अपनी समस्याओं को खत्म करने के बजाय अपने जीवन को समाप्त करने का फैसला ले लेता है. अपने जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति का रास्ता उसे आत्महत्या करना ही लगता है. यह स्थिति बहुत से लोगों के सामने आती है. ऐसे में धैर्य और अपनों से अपनी समस्या बताना सबसे सही रास्ता होता है. अकेले में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए.
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