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World Thyroid Day 2021: जानें क्या है थायराइड, इससे कैसे रहें सुरक्षित

दुनियाभर में हर साल 25 मई को विश्‍व थायराइड दिवस मनाया जाता है. यह खास दिन थायरायड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. थायराइड क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और किस तरीके से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. देखिए खास रिपोर्ट...

जानें क्या है थायराइड
जानें क्या है थायराइड
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Published : May 25, 2021, 4:50 PM IST

Updated : May 25, 2021, 5:55 PM IST

वाराणसी: पूरे विश्व में 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को थायराइड के प्रति जागरूक किया जाता है. जिससे आमजन इस बीमारी को अनदेखा न करें, बल्कि इससे सुरक्षित रखने के उपाय को जान सकें. थायराइड की बात करें तो पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं में अधिक होती है. जिससे महिलाओं को तमाम तरीके की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. थायराइड क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और किस तरीके से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट से बातचीत की.

जाने क्या है थायराइड.

क्या है थायराइड रोग
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. अजय गुप्ता बताते हैं कि थायराइड तितली के आकार की ग्रंथि होती है. यह गले में ठीक नीचे की तरफ मौजूद होती है. इस ग्रंथि से निकलने वाला थायराइड हार्मोन रक्त के जरिए हमारे शरीर में प्रवाहित होता है और इस ग्रंथि के ज्यादा या कम मात्रा में हार्मोन बनने से ही थायराइड की समस्या उत्पन्न होती है.

मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं थायराइड
डॉ. गुप्ता ने बताया कि मुख्य तौर पर थायराइड दो प्रकार के होते हैं. हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म. हाइपरथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन अधिक मात्रा में बनते हैं, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन कम मात्रा में बनने लगते हैं. इससे लोगों को दिक्कतें होती हैं. उन्होंने बताया कि समाज में हाइपोथायरायडिज्म के मरीज ज्यादा पाए जाते हैं. इस बीमारी का पता लगाने के लिए थायराइड प्रोफाइल का टेस्ट कराया जाता है. जिसमें टीएसएच, टी थ्री, टी फोर स्तर का टेस्ट होता हैं. टेस्ट के परिणाम और मरीजों के लक्षणों को देखकर उसका इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर मरीज को 35 साल की उम्र से थायराइड की जांच कराने शुरू कर देनी चाहिए और हर 5 वर्ष पर नियमित तौर पर इसकी जांच करानी चाहिए, ताकि आम जनमानस इस गंभीर बीमारी से बच सके.

इसे भी पढ़ें-फेफड़े में पहुंचे थायराइड और थाइमस ग्रंथि के ट्यूमर को निकाल बचाई मरीज की जान

यह है थायराइड के लक्षण
डॉ. गुप्ता ने बताया कि थायराइड के दौरान वजन कम होना या वजन बढ़ना,घबराहट, थकान, अवसाद सांस फूलना, कम नींद आना, अधिक प्यास लगना, मानसिक तनाव, बालों का झड़ना, त्वचा का रुख और पतला होना, महिलाओं के मासिक धर्म मे अनियमितता आना, यह सब थायराइड के लक्षण है. यदि किसी भी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो वह तुरंत थायराइड टेस्ट कराकर चिकित्सक से परामर्श ले.

इन उपायों का करें पालन
डॉ गुप्ता ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति थायराइड से ग्रसित है या इस बीमारी से सुरक्षित रहना चाहता है, तो उसे कुछ सामान्य उपाय करना चाहिए. जिससे वह इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकता है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले सभी लोगों को नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए. इसके लिए फाइबर युक्त और कम वसा वाले आहार का सेवन करना चाहिए. खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि व्यक्ति को कुछ ना कुछ गतिविधि जरूर करते रहना चाहिए, इससे तनाव से भी मुक्ति रहती है और व्यक्ति स्वस्थ भी रहता है. उन्होंने बताया कि खाने में तला हुआ भोजन, दूध, पनीर, छेना सोयाबीन इत्यादि को नजरअंदाज करना चाहिए. इस दौरान ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी खाने से भी बचना चाहिए. इससे मरीज को नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में व्यक्ति को योग व प्राणायाम का भी सहारा लेना चाहिए, इससे वह स्वस्थ भी रहेंगे और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होगा.

वाराणसी: पूरे विश्व में 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को थायराइड के प्रति जागरूक किया जाता है. जिससे आमजन इस बीमारी को अनदेखा न करें, बल्कि इससे सुरक्षित रखने के उपाय को जान सकें. थायराइड की बात करें तो पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं में अधिक होती है. जिससे महिलाओं को तमाम तरीके की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. थायराइड क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और किस तरीके से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने एक्सपर्ट से बातचीत की.

जाने क्या है थायराइड.

क्या है थायराइड रोग
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. अजय गुप्ता बताते हैं कि थायराइड तितली के आकार की ग्रंथि होती है. यह गले में ठीक नीचे की तरफ मौजूद होती है. इस ग्रंथि से निकलने वाला थायराइड हार्मोन रक्त के जरिए हमारे शरीर में प्रवाहित होता है और इस ग्रंथि के ज्यादा या कम मात्रा में हार्मोन बनने से ही थायराइड की समस्या उत्पन्न होती है.

मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं थायराइड
डॉ. गुप्ता ने बताया कि मुख्य तौर पर थायराइड दो प्रकार के होते हैं. हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म. हाइपरथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन अधिक मात्रा में बनते हैं, जबकि हाइपरथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन कम मात्रा में बनने लगते हैं. इससे लोगों को दिक्कतें होती हैं. उन्होंने बताया कि समाज में हाइपोथायरायडिज्म के मरीज ज्यादा पाए जाते हैं. इस बीमारी का पता लगाने के लिए थायराइड प्रोफाइल का टेस्ट कराया जाता है. जिसमें टीएसएच, टी थ्री, टी फोर स्तर का टेस्ट होता हैं. टेस्ट के परिणाम और मरीजों के लक्षणों को देखकर उसका इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर मरीज को 35 साल की उम्र से थायराइड की जांच कराने शुरू कर देनी चाहिए और हर 5 वर्ष पर नियमित तौर पर इसकी जांच करानी चाहिए, ताकि आम जनमानस इस गंभीर बीमारी से बच सके.

इसे भी पढ़ें-फेफड़े में पहुंचे थायराइड और थाइमस ग्रंथि के ट्यूमर को निकाल बचाई मरीज की जान

यह है थायराइड के लक्षण
डॉ. गुप्ता ने बताया कि थायराइड के दौरान वजन कम होना या वजन बढ़ना,घबराहट, थकान, अवसाद सांस फूलना, कम नींद आना, अधिक प्यास लगना, मानसिक तनाव, बालों का झड़ना, त्वचा का रुख और पतला होना, महिलाओं के मासिक धर्म मे अनियमितता आना, यह सब थायराइड के लक्षण है. यदि किसी भी व्यक्ति को ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो वह तुरंत थायराइड टेस्ट कराकर चिकित्सक से परामर्श ले.

इन उपायों का करें पालन
डॉ गुप्ता ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति थायराइड से ग्रसित है या इस बीमारी से सुरक्षित रहना चाहता है, तो उसे कुछ सामान्य उपाय करना चाहिए. जिससे वह इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकता है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले सभी लोगों को नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए. इसके लिए फाइबर युक्त और कम वसा वाले आहार का सेवन करना चाहिए. खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि व्यक्ति को कुछ ना कुछ गतिविधि जरूर करते रहना चाहिए, इससे तनाव से भी मुक्ति रहती है और व्यक्ति स्वस्थ भी रहता है. उन्होंने बताया कि खाने में तला हुआ भोजन, दूध, पनीर, छेना सोयाबीन इत्यादि को नजरअंदाज करना चाहिए. इस दौरान ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी खाने से भी बचना चाहिए. इससे मरीज को नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में व्यक्ति को योग व प्राणायाम का भी सहारा लेना चाहिए, इससे वह स्वस्थ भी रहेंगे और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होगा.

Last Updated : May 25, 2021, 5:55 PM IST
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