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वाराणसी के इस घाट को नमो घाट करने की तैयारी, जल, थल व नभ तीनों से जाएगा जोड़ा

काशी में गंगा किनारे नमो घाट आकार ले रहा है. तीन स्कल्प्चर नमस्ते का आकार लिए मौजूद हैं. इनके अलावा चौथा स्कल्प्चर जल्द आकार लेगा जो इन तीनों से करीब तीन गुना तक बड़ा होगा. इस नए टूरिस्ट डेस्टिशन को जल, थल व नभ तीनों से जोड़ा जाएगा.

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नमो घाट
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Published : Mar 17, 2022, 9:03 PM IST

वाराणसीः वाराणसी के 84 घाटों में से एक घाट के तेजी से विकास किया जा रहा है. इस घाट पर दो हेलीकॉप्टर एक साथ उतारे जा सकते हैं. इस घाट को अब नमों घाट के नाम से लोग जानेंगे. लोग अब आम बोलचाल की भाषा एवं अधिकारियों द्वारा भी नमों घाट नाम से बोला जा रहा है. इस घाट की अभी अधिकारी दस्तावेज में दर्ज नहीं किया गया है. घाट का विकास अहिल्याबाई होकर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया. जिससे गंगा से विश्वनाथ जी का सीधे जोड़ा गया है.

वाराणसी में गंगा के किनारे पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने फावड़ा उठाकर और गलियों में झाड़ू लगाकर विकास और स्‍वच्‍छ काशी और स्‍वच्‍छ भारत के अभियान का बीड़ा उठाया था. पूर्व में भी गंगा के घाटों को बनाने वालों को उनकी क्रेडिट देने की परंपरा रही है. ऐसे में नमो घाट से पीएम मोदी का मां गंगा से और भी करीबी संबंध जुड़ जाएगा. हालांकि, दस्‍तावेजों में इसे पूरा होने में लंबा समय भी लगना तय है. प्रशासन की ओर से भी अभी सिर्फ चर्चाओं की ही जानकारी सामने आई है.

काशी में गंगा किनारे नमो घाट आकार ले रहा है. तीन स्कल्प्चर नमस्ते का आकार लिए मौजूद हैं. इनके अलावा चौथा स्कल्प्चर जल्द आकार लेगा जो इन तीनों से करीब तीन गुना तक बड़ा होगा. इसे देखकर लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में नमो घाट पुकारने लगे हैं. प्रशासनिक कार्यवाही में भी इसे नमो घाट के नाम से ही कुछ दिनों से पुकारा जा रहा है, लिखा-पढ़ी यानी दस्‍तावेजों में अब तक नमो घाट का नाम नहीं है भाजपा पार्षद सुनील गुप्ता इस पर प्रस्ताव भी बना रहे हैं ताकि सदन में चर्चा कर नमो घाट का नाम दस्तावेज में दर्ज कराया जा सके.

पढ़ेंः काशी की होली की जान है 'भांग और ठंडई', महादेव संग काशीवासियों को भी है अतिप्रिय

दशाश्वमेध, अस्सी घाट के बाद विकास का केंद्र खिड़किया घाट है. यहां 35.83 करोड़ से करीब 11.5 एकड़ एरिया में आधुनिकतम सुविधाओं का विकास हो रहा है. इसमें 1.6 एकड़ भूमि पर बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बना है. यहां दो एक साथ हेलिकाप्टर उतर सकते हैं.


इस नए टूरिस्ट डेस्टिशन को जल, थल व नभ तीनों से जोड़ा जाएगा. डेडिकेटेड ई-रिक्शा कॉरिडोर की भी कनेक्टिविटी दी जाएगी. बहुउद्देशीय प्लेटफार्म पर बच्चों, बुर्जुर्गों व दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा का विकास किया जा रहा है. श्री काशी विश्वनाथ धाम दर्शन व वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए टिकट बुकिंग व नाव व बजड़े की सुविधा मिलेगी. मार्निंग वाक, व्यायाम के अलावा यहां लाइब्रेरी भी होगी. फूड प्लाजा, आरओ प्लांट के साथ ही शिल्प से जुड़े कारीगरी को स्थान दिया जाएगा.

कमिश्‍नर दीपक अग्रवाल भी मान रहे हैं कि खिड़किया घाट पुनरुद्धार कार्य में तीन नमस्ते आकार का स्कल्प्चर लगाया गया है, जिसे देखकर लोग नमो घाट कहने लगे हैं. वहीं अभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. दूसरी ओर चर्चाओं का जोर और जमीनी तैयारी देखकर नमो घाट की संकल्‍पना को लेकर स्थितियां जल्‍द ही साफ हो सकती हैं.

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वाराणसीः वाराणसी के 84 घाटों में से एक घाट के तेजी से विकास किया जा रहा है. इस घाट पर दो हेलीकॉप्टर एक साथ उतारे जा सकते हैं. इस घाट को अब नमों घाट के नाम से लोग जानेंगे. लोग अब आम बोलचाल की भाषा एवं अधिकारियों द्वारा भी नमों घाट नाम से बोला जा रहा है. इस घाट की अभी अधिकारी दस्तावेज में दर्ज नहीं किया गया है. घाट का विकास अहिल्याबाई होकर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया. जिससे गंगा से विश्वनाथ जी का सीधे जोड़ा गया है.

वाराणसी में गंगा के किनारे पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने फावड़ा उठाकर और गलियों में झाड़ू लगाकर विकास और स्‍वच्‍छ काशी और स्‍वच्‍छ भारत के अभियान का बीड़ा उठाया था. पूर्व में भी गंगा के घाटों को बनाने वालों को उनकी क्रेडिट देने की परंपरा रही है. ऐसे में नमो घाट से पीएम मोदी का मां गंगा से और भी करीबी संबंध जुड़ जाएगा. हालांकि, दस्‍तावेजों में इसे पूरा होने में लंबा समय भी लगना तय है. प्रशासन की ओर से भी अभी सिर्फ चर्चाओं की ही जानकारी सामने आई है.

काशी में गंगा किनारे नमो घाट आकार ले रहा है. तीन स्कल्प्चर नमस्ते का आकार लिए मौजूद हैं. इनके अलावा चौथा स्कल्प्चर जल्द आकार लेगा जो इन तीनों से करीब तीन गुना तक बड़ा होगा. इसे देखकर लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में नमो घाट पुकारने लगे हैं. प्रशासनिक कार्यवाही में भी इसे नमो घाट के नाम से ही कुछ दिनों से पुकारा जा रहा है, लिखा-पढ़ी यानी दस्‍तावेजों में अब तक नमो घाट का नाम नहीं है भाजपा पार्षद सुनील गुप्ता इस पर प्रस्ताव भी बना रहे हैं ताकि सदन में चर्चा कर नमो घाट का नाम दस्तावेज में दर्ज कराया जा सके.

पढ़ेंः काशी की होली की जान है 'भांग और ठंडई', महादेव संग काशीवासियों को भी है अतिप्रिय

दशाश्वमेध, अस्सी घाट के बाद विकास का केंद्र खिड़किया घाट है. यहां 35.83 करोड़ से करीब 11.5 एकड़ एरिया में आधुनिकतम सुविधाओं का विकास हो रहा है. इसमें 1.6 एकड़ भूमि पर बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बना है. यहां दो एक साथ हेलिकाप्टर उतर सकते हैं.


इस नए टूरिस्ट डेस्टिशन को जल, थल व नभ तीनों से जोड़ा जाएगा. डेडिकेटेड ई-रिक्शा कॉरिडोर की भी कनेक्टिविटी दी जाएगी. बहुउद्देशीय प्लेटफार्म पर बच्चों, बुर्जुर्गों व दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा का विकास किया जा रहा है. श्री काशी विश्वनाथ धाम दर्शन व वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए टिकट बुकिंग व नाव व बजड़े की सुविधा मिलेगी. मार्निंग वाक, व्यायाम के अलावा यहां लाइब्रेरी भी होगी. फूड प्लाजा, आरओ प्लांट के साथ ही शिल्प से जुड़े कारीगरी को स्थान दिया जाएगा.

कमिश्‍नर दीपक अग्रवाल भी मान रहे हैं कि खिड़किया घाट पुनरुद्धार कार्य में तीन नमस्ते आकार का स्कल्प्चर लगाया गया है, जिसे देखकर लोग नमो घाट कहने लगे हैं. वहीं अभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. दूसरी ओर चर्चाओं का जोर और जमीनी तैयारी देखकर नमो घाट की संकल्‍पना को लेकर स्थितियां जल्‍द ही साफ हो सकती हैं.

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