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अनुच्छेद 370 के फैसले पर कश्मीरी पंडितों की भर आईं आंखें

यूपी के वाराणसी के कश्मीरी पंडितों का परिवार रहता है, जो मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद बहुत खुश है. कश्मीरी पंडितों ने पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से कश्मीर जाने की उम्मीद है.

ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से की बातचीत.
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Published : Aug 6, 2019, 6:21 PM IST

वाराणसी: गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के फैसले के बाद हर तरफ खुशी की लहर है. पूरे देश में लोग मिठाइयां बांट कर खुशी मना रहे हैं. इससे सबसे अधिक खुशी उन कश्मीरी पंडितों को मिली है, जिनको आजादी के बाद कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने पर अपना घर-जमीन छोड़कर भागना पड़ा था. ऐसे ही कश्मीरी पंडितों का परिवार बनारस में भी है, जो मोदी सरकार के इस फैसले से बहुत खुश है.

ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से की बातचीत.

ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से की खास बातचीत-
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ऐसे बहुत से कश्मीरी पंडितों के परिवार हैं, जो यहां बंजारों की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं. कश्मीर के डूंगरी गांव का रहने वाला डोंगरा परिवार बनारस में टूटे हुए मकान में रहकर जिंदगी गुजार रहा है. सरकार के एक फैसले के बाद उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर में उनकी पैतृक जमीन वापस मिलेगी और अब वह कश्मीर में जाकर फिर से अपनी बची हुई जिंदगी बिता सकेंगे.

पढ़ें:- रायबरेली: कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अनुच्छेद-370 हटाने का किया समर्थन, कहा- ऐतिहासिक फैसला

फिर से कश्मीर जाने की उम्मीद-
डोंगरा परिवार के लोगों ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बहुत धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमीत शाह ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को समझ कर इतना बड़ा फैसला लिया. उन्होंने कहा कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी 370 को लेकर कोई फैसला होगा और हमें हमारा हक मिलेगा. अब जब यह धारा हटा दी गई है, तब हमें उम्मीद है कि सरकार एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन वापस दिलवाकर कश्मीर में उन्हें बसाने का काम करेगी.

वाराणसी: गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के फैसले के बाद हर तरफ खुशी की लहर है. पूरे देश में लोग मिठाइयां बांट कर खुशी मना रहे हैं. इससे सबसे अधिक खुशी उन कश्मीरी पंडितों को मिली है, जिनको आजादी के बाद कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने पर अपना घर-जमीन छोड़कर भागना पड़ा था. ऐसे ही कश्मीरी पंडितों का परिवार बनारस में भी है, जो मोदी सरकार के इस फैसले से बहुत खुश है.

ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से की बातचीत.

ईटीवी भारत ने कश्मीरी पंडितों से की खास बातचीत-
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ऐसे बहुत से कश्मीरी पंडितों के परिवार हैं, जो यहां बंजारों की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं. कश्मीर के डूंगरी गांव का रहने वाला डोंगरा परिवार बनारस में टूटे हुए मकान में रहकर जिंदगी गुजार रहा है. सरकार के एक फैसले के बाद उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर में उनकी पैतृक जमीन वापस मिलेगी और अब वह कश्मीर में जाकर फिर से अपनी बची हुई जिंदगी बिता सकेंगे.

पढ़ें:- रायबरेली: कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अनुच्छेद-370 हटाने का किया समर्थन, कहा- ऐतिहासिक फैसला

फिर से कश्मीर जाने की उम्मीद-
डोंगरा परिवार के लोगों ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बहुत धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमीत शाह ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को समझ कर इतना बड़ा फैसला लिया. उन्होंने कहा कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी 370 को लेकर कोई फैसला होगा और हमें हमारा हक मिलेगा. अब जब यह धारा हटा दी गई है, तब हमें उम्मीद है कि सरकार एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन वापस दिलवाकर कश्मीर में उन्हें बसाने का काम करेगी.

Intro:वाराणसी: कश्मीर को लेकर इन दिनों मामला बहुत गर्म है गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से धारा 370 और 35a हटाने को लेकर कार्यवाही की उसके बाद हर तरफ खुशी की लहर है. पूरा देश मिठाइयां बांट रहा है और ढोल नगाड़े पर लोग नाच रहे हैं लेकिन इन सबके बीच असली खुशी उन कश्मीरी पंडितों को मिली है. जिनको आजादी के बाद कश्मीर में लागू ही धारा 370 के चलते अपनी धरती को छोड़कर भागना पड़ा था. ऐसे ही कश्मीरी पंडितों का परिवार बनारस में भी है जो मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अपना भविष्य एक बार फिर से कश्मीर में देख रहे हैं.


Body:वीओ-01 प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ऐसे बहुत से कश्मीरी पंडितों के परिवार हैं जो आज अपनी मिट्टी को छोड़कर दूसरे शहरों में जाकर बंजारों की जिंदगी जीने पर मजबूर है ऐसा ही एक परिवार है कश्मीर के डूंगरी गांव का रहने वाला डोंगरा परिवार बनारस के अमीर घाट इलाके में दो दर्जन से ज्यादा लो इस परिवार से जुड़े हुए हैं और एक टूटे हुए मकान में रहकर जिंदगी जी रहे 8 वीं पीढ़ी को जब कश्मीर से भगाया गया उसके बाद काशी में इस डोंगरा परिवार की पांचवी पीढ़ी जीवन यापन करने के लिए संघर्ष कर रही है लेकिन अब उनको यह उम्मीद जगी है कि सरकार के एक फैसले के बाडवउन्हें कश्मीर में उनकी पैतृक जमीन वापस मिलेगी और अब वह कश्मीर में जाकर फिर से अपनी बची हुई जिंदगी बिता सकेंगे.


Conclusion:वीओ-02 डोंगरा परिवार के लोगों का कहना है कि हम प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बहुत धन्यवाद देते हैं जो उन्होंने कश्मीरी पंडितों के दर्द को समझ कर इतना बड़ा फैसला लिया इनका कहना है कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि आप कभी 370 को लेकर कोई फैसला होगा और हमें हमारा हक मिलेगा लेकिन अब जब यह धारा हटा दी गई है तब हम यह मानकर चल रहे हैं कि सरकार एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन वापस दिलवा कर कश्मीर में उन्हें फंसाने का काम करेगी वहीं इस परिवार के बहुत से लोग सरकार के फैसले के बाद भरे हुए गले से सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं इस परिवार से जुड़े युवा भी खुश हैं और कश्मीर में अपना भविष्य देख रहे हैं.

बाईट- मीता डोंगरा, कश्मीरी पंडित
बाईट- राजेश डोंगरा, कश्मीरी पंडित
बाईट- संकेत डोंगरा, कश्मीरी पंडित

गोपाल मिश्र

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