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Kashi Vishwanath का होगा खुद का फायर स्टेशन, जगह की तलाश शुरू हुई - Vishwanath Dham

काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) मंदिर में जल्द ही फायर स्टेशन (Fire Station) की भी स्थापना होगी. इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2023, 9:45 AM IST

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) की नगरी बनारस जहां पर हर रोज श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है विश्वनाथ धाम (Vishwanath Dham) के निर्माण के बाद हर दिन लाखों की संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए लोग पहुंच रहे हैं. इन सबको ध्यान में रखते हुए यहां आने वाली भीड़ को सुरक्षित रखने का प्लान भी सरकार बना रही है. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वनाथ मंदिर मुख्य द्वार पर एक हेल्थ सेंटर की ओपनिंग की जिसमें यहां आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य की तमाम सुविधाएं और किसी इमरजेंसी कंडीशंस में फर्स्ट स्टेट की सुविधा भी मिल सकेगी. इन सब के बीच अब श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्वनाथ धाम में एक खुद के फायर स्टेशन (Fire Station) के निर्माण की तैयारी भी शुरू हो गई है जिसके लिए जगह की तलाश भी की जा रही है. वर्तमान अस्थाई फायर स्टेशन की सुविधा विस्तार की तैयारी भी शुरू हो गई है.

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फायर स्टेशन के लिए हो रही जगह की तलाश.
इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर आनन्द सिंह राजपूत ने बताया की वाराणसी के डेवलपमेंट को लेकर तरह-तरह की प्लानिंग चल रही है. विश्वनाथ मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन के लिए हाथ से पूरे परिसर को सुरक्षित रखने के लिए काफी लंबे वक्त से प्रयास चल रहा है. 1993 में यहां अस्थाई फायर स्टेशन स्थापित किया गया था. इसके बाद से लगातार उन चीजों को अपडेट करने का काम किया जा रहा है उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए पहले तो वहां फिक्स फायर श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए पहले तो वहां फिक्स फायर फाइटिंग इंस्टॉलेशन सिस्टम है. जिसमें 96 हाइड्रेंट 144 होजरील हैं, तीन फायर के बड़े पंप हैं, जो 2850 एलपीएम कैपेसिटी के हैं.
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काशी विश्वनाथ धाम में जल्द ही होगा फायर स्टेशन.

पूरे नेटवर्क में हाइड्रेंट का नेटवर्क बड़ा हुआ है, उसे फिक्स फायर फाइटिंग सिस्टम से कोई आग वगैरह की घटना होती है तो हमारी तरफ से एक 1993 से वहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश किया गया है. उसके माध्यम से हम वहां पर चीजों को मैनेज कर सकते हैं. इसके अलावा जो जगह की बात है उसमें अस्थाई तौर पर हमें विश्वनाथ धाम परिसर के पिनाक भवन के ग्राउंड फ्लोर पर कमिश्नर आफ पुलिस की तरफ से हमें दो कमरा आवंटित किया गया है. जहां अग्निशमन के कर्मचारी 39 सेक्शन कर्मचारी वहां से ही उसको ऑपरेट कर रहे हैं. फिर भी हमारा प्रयास है कि एक स्थाई फायर स्टेशन कैंपस में बन जाए.

नीलकंठ पवेलियन बिल्डिंग या फिर सीआईएसएफ की रिपोर्ट के मुताबिक काशी करवट और पिनाक भवन नीलकंठ बिल्डिंग के बीच में वहां पर यदि बिल्डिंग कंस्ट्रक्ट होती है तो वहां एक बेसमेंट गैराज बनेगा जहां फायर की गाड़ियां खड़ी होगी और ऑफिसेज वगैराह बनेंगे, जहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश होना है, यह प्लान है.

इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नीलकंठ बिल्डिंग में जो ग्राउंड फ्लोर पर फायर पंप लगे हैं उसे हम ऑपरेट कर पाएंगे और त्वरित कार्रवाई कर पाएंगे. एक तरफ इसका फायदा जहां विश्वनाथ धाम परिसर को मिलेगा तो वहीं पक्की गलियों के साथ ही आसपास के क्षेत्र को भी आग लगने की घटनाओं पर तुरंत एक्शन के साथ हम कर कर पाएंगे. हमारी टीम स्टेशन के साथ वहां पर तैनात भी है जो वहां पर लोगों को रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाने का भी काम करती.

ये भी पढ़ेंः बाबा विश्वनाथ धाम में सावन में आया 17 करोड़ का चढ़ावा, पिछले साल की तुलना में 5 गुना ज्यादा

ये भी पढ़ेंः माथे पर चंदन और गले में रुद्राक्ष पहन बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी

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फायर स्टेशन के लिए हो रही जगह की तलाश.
इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर आनन्द सिंह राजपूत ने बताया की वाराणसी के डेवलपमेंट को लेकर तरह-तरह की प्लानिंग चल रही है. विश्वनाथ मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन के लिए हाथ से पूरे परिसर को सुरक्षित रखने के लिए काफी लंबे वक्त से प्रयास चल रहा है. 1993 में यहां अस्थाई फायर स्टेशन स्थापित किया गया था. इसके बाद से लगातार उन चीजों को अपडेट करने का काम किया जा रहा है उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए पहले तो वहां फिक्स फायर श्री काशी विश्वनाथ धाम के लिए पहले तो वहां फिक्स फायर फाइटिंग इंस्टॉलेशन सिस्टम है. जिसमें 96 हाइड्रेंट 144 होजरील हैं, तीन फायर के बड़े पंप हैं, जो 2850 एलपीएम कैपेसिटी के हैं.
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काशी विश्वनाथ धाम में जल्द ही होगा फायर स्टेशन.

पूरे नेटवर्क में हाइड्रेंट का नेटवर्क बड़ा हुआ है, उसे फिक्स फायर फाइटिंग सिस्टम से कोई आग वगैरह की घटना होती है तो हमारी तरफ से एक 1993 से वहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश किया गया है. उसके माध्यम से हम वहां पर चीजों को मैनेज कर सकते हैं. इसके अलावा जो जगह की बात है उसमें अस्थाई तौर पर हमें विश्वनाथ धाम परिसर के पिनाक भवन के ग्राउंड फ्लोर पर कमिश्नर आफ पुलिस की तरफ से हमें दो कमरा आवंटित किया गया है. जहां अग्निशमन के कर्मचारी 39 सेक्शन कर्मचारी वहां से ही उसको ऑपरेट कर रहे हैं. फिर भी हमारा प्रयास है कि एक स्थाई फायर स्टेशन कैंपस में बन जाए.

नीलकंठ पवेलियन बिल्डिंग या फिर सीआईएसएफ की रिपोर्ट के मुताबिक काशी करवट और पिनाक भवन नीलकंठ बिल्डिंग के बीच में वहां पर यदि बिल्डिंग कंस्ट्रक्ट होती है तो वहां एक बेसमेंट गैराज बनेगा जहां फायर की गाड़ियां खड़ी होगी और ऑफिसेज वगैराह बनेंगे, जहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश होना है, यह प्लान है.

इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नीलकंठ बिल्डिंग में जो ग्राउंड फ्लोर पर फायर पंप लगे हैं उसे हम ऑपरेट कर पाएंगे और त्वरित कार्रवाई कर पाएंगे. एक तरफ इसका फायदा जहां विश्वनाथ धाम परिसर को मिलेगा तो वहीं पक्की गलियों के साथ ही आसपास के क्षेत्र को भी आग लगने की घटनाओं पर तुरंत एक्शन के साथ हम कर कर पाएंगे. हमारी टीम स्टेशन के साथ वहां पर तैनात भी है जो वहां पर लोगों को रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाने का भी काम करती.

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