वाराणसी: बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) की नगरी बनारस जहां पर हर रोज श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है विश्वनाथ धाम (Vishwanath Dham) के निर्माण के बाद हर दिन लाखों की संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए लोग पहुंच रहे हैं. इन सबको ध्यान में रखते हुए यहां आने वाली भीड़ को सुरक्षित रखने का प्लान भी सरकार बना रही है. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वनाथ मंदिर मुख्य द्वार पर एक हेल्थ सेंटर की ओपनिंग की जिसमें यहां आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य की तमाम सुविधाएं और किसी इमरजेंसी कंडीशंस में फर्स्ट स्टेट की सुविधा भी मिल सकेगी. इन सब के बीच अब श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्वनाथ धाम में एक खुद के फायर स्टेशन (Fire Station) के निर्माण की तैयारी भी शुरू हो गई है जिसके लिए जगह की तलाश भी की जा रही है. वर्तमान अस्थाई फायर स्टेशन की सुविधा विस्तार की तैयारी भी शुरू हो गई है.
पूरे नेटवर्क में हाइड्रेंट का नेटवर्क बड़ा हुआ है, उसे फिक्स फायर फाइटिंग सिस्टम से कोई आग वगैरह की घटना होती है तो हमारी तरफ से एक 1993 से वहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश किया गया है. उसके माध्यम से हम वहां पर चीजों को मैनेज कर सकते हैं. इसके अलावा जो जगह की बात है उसमें अस्थाई तौर पर हमें विश्वनाथ धाम परिसर के पिनाक भवन के ग्राउंड फ्लोर पर कमिश्नर आफ पुलिस की तरफ से हमें दो कमरा आवंटित किया गया है. जहां अग्निशमन के कर्मचारी 39 सेक्शन कर्मचारी वहां से ही उसको ऑपरेट कर रहे हैं. फिर भी हमारा प्रयास है कि एक स्थाई फायर स्टेशन कैंपस में बन जाए.
नीलकंठ पवेलियन बिल्डिंग या फिर सीआईएसएफ की रिपोर्ट के मुताबिक काशी करवट और पिनाक भवन नीलकंठ बिल्डिंग के बीच में वहां पर यदि बिल्डिंग कंस्ट्रक्ट होती है तो वहां एक बेसमेंट गैराज बनेगा जहां फायर की गाड़ियां खड़ी होगी और ऑफिसेज वगैराह बनेंगे, जहां फायर स्टेशन एस्टेब्लिश होना है, यह प्लान है.
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नीलकंठ बिल्डिंग में जो ग्राउंड फ्लोर पर फायर पंप लगे हैं उसे हम ऑपरेट कर पाएंगे और त्वरित कार्रवाई कर पाएंगे. एक तरफ इसका फायदा जहां विश्वनाथ धाम परिसर को मिलेगा तो वहीं पक्की गलियों के साथ ही आसपास के क्षेत्र को भी आग लगने की घटनाओं पर तुरंत एक्शन के साथ हम कर कर पाएंगे. हमारी टीम स्टेशन के साथ वहां पर तैनात भी है जो वहां पर लोगों को रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाने का भी काम करती.