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काशी में खुला बाबा विश्वनाथ का द्वार, भक्तों ने कहा- अब खत्म हो जाएगा कोरोना - kashi vishwanath temple thrown open to visitors

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में आज से कई धार्मिक स्थल खोले गए है. इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर भी आज सुबह मंगला आरती के बाद आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर रहे हैं.

दर्शन कर बाहर निकले श्रद्धालु.
दर्शन कर बाहर निकले श्रद्धालु.
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Published : Jun 9, 2020, 11:30 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 12:12 PM IST

वाराणसी: लॉकडाउन के लगभग 70 दिन बाद आज काशी के आठ धार्मिक स्थलों को खोला गया है. दरअसल डीएम ने धार्मिक स्थलों में सुरक्षा मानकों को क्रॉस चेक करने के बाद ही उन्हें 9 जून को खोलने की परमिशन दी थी, जिसके बाद आज इनमें एक मस्जिद, एक गुरुद्वारा और 6 मंदिरों को खोला गया है. इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर भी आज सुबह मंगला आरती के बाद आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. ईटीवी भारत की टीम ने मंदिर खुलने के बाद स्थिति का जायजा लिया.

जानकारी देते संवाददाता.

काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का प्रवेश बिना थर्मल स्क्रीनिंग के नहीं हो रहा है. वीआईपी गेट नंबर-4 जहां से हमेशा सिर्फ विशिष्टजनों की एंट्री होती थी. वहां से अब आम भक्तों को भी प्रवेश दिया जा रहा है. 2-2 मीटर के सोशल डिस्टेंसिंग के घेरे को बनाने के बाद इसमें भक्तों को कतारबद्ध तरीके से खड़ा किया जा रहा है. एक-एक करके थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर परिसर में लगी ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन में भक्त पहले अपने हाथों को साफ कर रहे हैं.

एक बार में 5 भक्तों की मंदिर परिसर में एंट्री
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए एक बार में सिर्फ पांच भक्तों को ही मंदिर परिसर में एंट्री दी जा रही है. इन पांच लोगों के दर्शन करने के बाद ही अन्य लोगों को अंदर भेजा जा रहा है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि मंदिर में प्रसाद और फूल-माला नहीं चढाया जाएगा.

भक्तों को मंदिर में लगी रेलिंग दीवार को छूने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा बिना मास्क के लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, जो भी भोले बाबा को जल-दूध अर्पित करना चाह रहे हैं वह बाहर लगाए गए पात्र में डाल दे रहे हैं. यह सीधे बाबा विश्वनाथ तक पहुंच रहा है. कुल मिलाकर मंदिर प्रशासन की तरफ से की गई तैयारियां पूरी हैं और अभी उस तरह की भीड़ भी नहीं आ रही है, जिस तरह की उम्मीद की गई थी.

मंदिर में पूजा-अर्चन करने आए एक श्रद्धालु ने बताया कि जिस तरह बाहर रहने वाला बेटा काफी लंबे वक्त के बाद अपने पिता से मिलकर खुश होता है वैसी खुशी आज मिली है. अब उम्मीद है कि जब बाबा विश्वनाथ के द्वार खुल गए हैं तो कोरोना महामारी से भी मुक्ति मिल जाएगी.

वाराणसी: लॉकडाउन के लगभग 70 दिन बाद आज काशी के आठ धार्मिक स्थलों को खोला गया है. दरअसल डीएम ने धार्मिक स्थलों में सुरक्षा मानकों को क्रॉस चेक करने के बाद ही उन्हें 9 जून को खोलने की परमिशन दी थी, जिसके बाद आज इनमें एक मस्जिद, एक गुरुद्वारा और 6 मंदिरों को खोला गया है. इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर भी आज सुबह मंगला आरती के बाद आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. ईटीवी भारत की टीम ने मंदिर खुलने के बाद स्थिति का जायजा लिया.

जानकारी देते संवाददाता.

काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का प्रवेश बिना थर्मल स्क्रीनिंग के नहीं हो रहा है. वीआईपी गेट नंबर-4 जहां से हमेशा सिर्फ विशिष्टजनों की एंट्री होती थी. वहां से अब आम भक्तों को भी प्रवेश दिया जा रहा है. 2-2 मीटर के सोशल डिस्टेंसिंग के घेरे को बनाने के बाद इसमें भक्तों को कतारबद्ध तरीके से खड़ा किया जा रहा है. एक-एक करके थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. मंदिर परिसर में लगी ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन में भक्त पहले अपने हाथों को साफ कर रहे हैं.

एक बार में 5 भक्तों की मंदिर परिसर में एंट्री
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए एक बार में सिर्फ पांच भक्तों को ही मंदिर परिसर में एंट्री दी जा रही है. इन पांच लोगों के दर्शन करने के बाद ही अन्य लोगों को अंदर भेजा जा रहा है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि मंदिर में प्रसाद और फूल-माला नहीं चढाया जाएगा.

भक्तों को मंदिर में लगी रेलिंग दीवार को छूने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा बिना मास्क के लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, जो भी भोले बाबा को जल-दूध अर्पित करना चाह रहे हैं वह बाहर लगाए गए पात्र में डाल दे रहे हैं. यह सीधे बाबा विश्वनाथ तक पहुंच रहा है. कुल मिलाकर मंदिर प्रशासन की तरफ से की गई तैयारियां पूरी हैं और अभी उस तरह की भीड़ भी नहीं आ रही है, जिस तरह की उम्मीद की गई थी.

मंदिर में पूजा-अर्चन करने आए एक श्रद्धालु ने बताया कि जिस तरह बाहर रहने वाला बेटा काफी लंबे वक्त के बाद अपने पिता से मिलकर खुश होता है वैसी खुशी आज मिली है. अब उम्मीद है कि जब बाबा विश्वनाथ के द्वार खुल गए हैं तो कोरोना महामारी से भी मुक्ति मिल जाएगी.

Last Updated : Jun 9, 2020, 12:12 PM IST
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