वाराणसी: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के सरकारी खजाने को मजबूत करने के लिए देश भर के बड़े मंदिरों में मौजूद स्वर्ण भंडार को लिए जाने की बात पर हर तरफ धर्म से जुड़े लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
इस क्रम में धर्मनगरी वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने भी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह लोग हमेशा सिर्फ मंदिरों के पीछे पड़े रहते हैं. ये सांप्रदायिकता का परिचय देते हुए मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च को लेकर कोई बात नहीं करते जो यह साफ करता है कि इनके निशाने पर सिर्फ हिंदू ही हैं.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस नेता और कांग्रेस के लोग लगातार सत्ता से बाहर होने की वजह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी के बाद मैं सिर्फ काशी विश्वनाथ मंदिर ही नहीं, बल्कि द्वादश ज्योतिर्लिंग और सभी बड़े मंदिरों के महंत व प्रशासन से संपर्क कर ऐसे नेताओं के मंदिर में प्रवेश से रोक लगाने की मांग करूंगा.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी ने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण ने मंदिरों के स्वर्ण का अधिग्रहण और उन्हें सरकारी खजाने के अधीन किए जाने का जो बयान दिया है. वह गलत है, क्योंकि लोग मंदिरों में अपनी सुरक्षा से दान करते हैं, अपनी मान्यताओं के अनुसार दान करते हैं, यह उनकी आस्था का विषय होता है और मंदिरों के पास मौजूद खजाना मंदिरों का होता है. यह मंदिर क्या करेंगे, क्या नहीं, उनके ऊपर निर्भर होता है, लेकिन इस तरह के बयान उन्हें नहीं देने चाहिए.
महंत कुलपति तिवारी ने कहा कि कांग्रेस नेता के इस तरह के बयान यह स्पष्ट करते हैं कि कांग्रेस की नजर हमेशा से मंदिरों के खजाने पर रही हैं. महंत ने यहां तक कह दिया कि 1983 में कांग्रेस ने मंदिर में चोरी इसलिए ही करवाई थी कि सारा मंदिर का सोना उतार लिया जाए, लेकिन बाबा ने उन्हें उस समय सफल नहीं होने दिया था और आज फिर से एक बार सत्ता से विमुख होने की वजह से उनके नेता इस तरह की बयानबाजी करके गलत कर रहे हैं.
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मैं इस संदर्भ में द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत तिरुपति बालाजी व अन्य बड़े मंदिरों के महंत व प्रशासनिक अधिकारियों से बात करके ऐसे नेताओं का मंदिर में प्रवेश करने का विरोध दर्ज करूंगा और विश्वनाथ मंदिर में तो इन्हें आने नहीं दूंगा.
डॉ. कुलपति तिवारी, महंत, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर