वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर के श्रृंगार गौरी दर्शन पूजन को लेकर बीते दो दिनों से सर्वे पर काशी में बवाल मचा हुआ है. तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच में रविवार को विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने ऐलान किया कि वह मंदिर पक्ष की ओर से मामले पर दी गयी याचिका वापस लेंगे. शनिवार को दिन में जब सर्वे का काम हो रहा था तभी वैदिक सनातन संघ ने अपनी लीगल टीम को भंग करने का ऐलान किया था. मुकदमा वापसी की खबर आते ही हिंदू पक्षकारों में हड़कंप मच गया तत्काल ही राखी सिंह के अलावा अन्य वादी महिलाएं एकजुट हो गईं. प्रेस वार्ता में उन्होंने साफ किया कि वह मुकदमा वापस नहीं लेंगीं. मरते दम तक इस मुकदमे को लड़ा जाएगा.
विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन के इस फैसले के साथ ही वादी महिलाओं के बीच हड़कंप मच गया है. राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन को लेकर अगस्त 2021 में वाराणसी सिविल कोर्ट में याचिका दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने श्रृंगार गौरी और अन्य की स्थिति को जानने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की थी. दो दिनों से सर्वे का काम चल रहा था. अचानक हुए इस फैसले के बाद वादी महिलाओं ने एक प्रेस वार्ता की. इसमें चारों वादी महिलाएं साथ थीं.
उन्होंने बताया कि उन्हें इस फैसले की कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर इस तरह का कोई फैसला लिया गया है तो वह इस फैसले के खिलाफ है. वह इस मुकदमे को लड़ेगी. रेखा पाठक ने कहा कि दो-तीन दिन पूर्व राखी सिंह से उनकी बात हुई थी लेकिन मुकदमा वापसी को लेकर के कोई बात नहीं थी आज अचानक से ऐसा फैसला लिया गया है यह उनका अपना फैसला है, हम मरते दम तक इस मुकदमे को लड़ेंगे.
बता दें कि राखी सिंह ,सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी समेत पांच महिलाओं ने व्यक्तिगत तौर पर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के लिए कोर्ट में याचिका दी थी. सर्वे के 2 दिनों में राखी सिंह को छोड़कर अन्य महिलाएं मौजूद थी. राखी सिंह नदारद थी. इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे. कहा जा रहा था कि क्या वादी टीम के सदस्यों के बीच किसी तरह के कोई मतभेद है? ग़ौरतलब है कि राखी सिंह जितेंद्र सिंह बिसेन की रिश्तेदार हैं और राखी सिंह के नेतृत्व में ही इन सभी महिलाओ ने याचिका दी थीं. राखी सिंह ही इस मामले में मुख्य वादी हैं.मामला राखी सिंह बनाम राज्य सरकार दाखिल किया गया था जिसके साथ अन्य महिलाएं थीं. मुकदमा संख्या सिविल जज सीनियर डिवीजन के अदालत में दाखिल किया गया था.मुकदमा संख्या 693 है जिसमे प्रमुख प्रतिवादी राज्य सरकार को बनाया गया था.
इस मामले पर जब वादी के वकील सुधीर त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बाबत अभी तक कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है. जब उन्हें जानकारी होगी उसी के अनुरूप कार्य किया जाएगा. साथ ही कोर्ट कमिश्नर को बदले जाने के मामले में उन्होंने कहा कि वो इसका पुरजोर विरोध करेंगे. साथ ही सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि राखी सिंह अकेले इस मुकदमे की वादी नहीं है अन्य चार महिलाएं भी मुख्य वादी है. एक राखी सिंह के मुकदमा वापस लेने से मुकदमे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि 9 मई को तारीख पर वह अपना पक्ष रखेंगे.
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