वाराणसी : दक्षिण से उत्तर को जोड़ने के लिए हो रहे काशी तमिल संगमम के तहत तमिलनाडु से आए आस्थावानों ने केदार घाट पर गंगा स्नान के पश्चात नमामि गंगे के सदस्यों के साथ मां गंगा की आरती उतारी. सुख समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की कामना की. काशी और तमिलनाडु के लोगों के बीच भावनात्मक और रचनात्मक संबंधों की मजबूती के लिए मां गंगा का पूजन किया. तमिलभाषी दक्षिण के मेहमानों ने नमामि गंगे के सदस्यों के साथ गंगा किनारे की सफाई में भी हाथ बंटाया. गंगा तट पर इधर-उधर बिखरे कचरे, पॉलीथिन को कूड़ेदान तक पहुंचाया.
मेहमानों ने स्वच्छता के लिए किया जागरूक : तमिल भाषा में लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील भी की. राष्ट्रध्वज तिरंगा और ॐ लिखी पताका हाथों में लेकर सभी ने गंगा की स्वच्छता का संकल्प लिया. 'सबका साथ हो गंगा साफ हो' के नारों से केदार घाट गूंज उठा. आरोग्य भारत की कामना से द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं गंगाष्टकम का सामूहिक रूप से पाठ किया. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पतित पावनी गंगा दक्षिण से उत्तर तक और पूर्व से पश्चिम तक भारत की सांस्कृतिक-सभ्यता को जोड़ने की महत्वपूर्ण कड़ी हैं. मां गंगा की तरह काशी तमिल संगमम ऐसा अविरल प्रवाह है जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है. यही प्रवाह हमारे राष्ट्र की आत्मा को सींच रहा है.
गंगा सेवा कार्य को पीएम ने सराहा : बता दें कि वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के तहत गंगा सेवा कार्य को सराहा है. पीएम मोदी ने बनारस रेल इंजन कारखाना के हेलीपैड ग्राउंड पर अपनी सभा के लिए जाते समय गंगा सेवक राजेश शुक्ला से मुलाकात की. पीएम ने गंगा सेवा कार्यों को अनुकरणीय बताया. 10 वर्षों से गंगा सेवा कर रहे राजेश शुक्ला के नमामि गंगे के तहत वाराणसी के घाटों पर की जा रही जागरूकता की वजह से लोगों में स्वच्छता के प्रति बड़ा बदलाव आया है. आयोजन में प्रमुख रूप से महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, महानगर सहसंयोजक सीमा चौधरी, आशीष मौर्या, सरला चौबे, ध्रुव मेहता, तमिल मेहमान गोपालकृष्णन, अपूर्वा शेल्वी, लक्ष्मी तिन्नेवेलि, पार्वती नेल्लाई, विशालाक्षी सेंदुरई आदि मौजूद रहे.
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