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कांवड़ियों की सेवा में जी-जान से जुटे काशीवासी, योगा प्राणिक हीलिंग से दूर करवाई जा रही थकान

यूपी के काशी में कांवड़ियों की सुविधा के लिए अलग तरह की व्यवस्था की गई है. शहर में कांवड़ियों के लिए जगह-जगह शिविर खोले गए हैं, जिनमें कांवड़ियों को खाने-पीने, रहने और गर्म पानी से पैर साफ करने दवा के साथ मरहम पट्टी और योगा के अलावा प्राणिक हीलिंग की सुविधा दी जा रही है.

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Published : Jul 27, 2019, 8:47 PM IST

कांवड़िया.

वाराणसी: सावन के पावन महीने में काशी में आने वाले कांवड़ियों को ऐसी व्यवस्थाएं मिल रही है, जिसे पाकर वह भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. पहला सोमवार बीतने के बाद अब दूसरा सोमवार आने को है और तेरस होने की वजह से कांवड़ियों की जबरदस्त भीड़ अभी से काशी में होने भी लगी है. शायद यही वजह है कि कांवड़ियों को किसी भी तकलीफ से दूर रखने के लिए हर काशीवासी जी-जान से जुटे हुए हैं और कावड़ियों की सेवा सत्कार और खान-पान से लेकर स्वास्थ्य की चिंता काशी के हर व्यक्ति को दिख रही है, जिसका असर कांवड़ियों के शिविर से लेकर सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है.

कांवड़ियों की सेवा में जुटे काशीवासी.

कांविड़ियों की सेवा में जी-जान से जुटे काशीवासी-
भगवान से ज्यादा भक्ति यदि किसी भक्तों की की जाए तो भगवान खुद खुश हो जाते हैं और इसी बात को ध्यान में रखकर इन दिनों काशीवासी यहां आने वाले कांवड़ियों की सेवा सत्कार में जी-जान से जुटे हुए हैं. बड़े-बड़े कांवड़िया शिविर में जहां कांवड़ियों को खाने-पीने रहने गर्म पानी से पैर साफ करने दवा के साथ मरहम पट्टी और योगा के अलावा प्राणिक हीलिंग की सुविधा मिल रही है, तो सड़कों पर भी कांवड़ियों को पीने के पानी के अलावा अन्य कई तरह की खान-पान की सुविधाएं भी राहगीर मुहैया करा रहे हैं.

प्रयागराज से गंगाजल भरकर पैदल बाबा विश्वनाथ तक आने वाले कांवड़ियों के पैर में छाले पड़ना, पैर में दर्द तकलीफ होना इन सब बातों का ध्यान रखते हुए कांवड़िया शिविर से लेकर सड़कों तक हर कोई इन कांवड़ियों की सेवा में जी-जान से जुटा हुआ है और कांवड़िया भी इस सेवा भाव से बेहद प्रसन्न दिख रहे हैं.

कांवड़ियों की सेवा करने का मौका एक महीना पूरा मिलता है और हम इस पूरे एक महीने में उनको खानपान बेहतर देने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था भी देते हैं. प्राणिक हीलिंग और योगा के जरिए उनको थकान मिटाने और दर्द को दूर करने की व्यवस्था भी शिविर में दी जा रही है.
लक्ष्मीनारायण, व्यवस्थापक, कांवड़िया शिविर

वाराणसी: सावन के पावन महीने में काशी में आने वाले कांवड़ियों को ऐसी व्यवस्थाएं मिल रही है, जिसे पाकर वह भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. पहला सोमवार बीतने के बाद अब दूसरा सोमवार आने को है और तेरस होने की वजह से कांवड़ियों की जबरदस्त भीड़ अभी से काशी में होने भी लगी है. शायद यही वजह है कि कांवड़ियों को किसी भी तकलीफ से दूर रखने के लिए हर काशीवासी जी-जान से जुटे हुए हैं और कावड़ियों की सेवा सत्कार और खान-पान से लेकर स्वास्थ्य की चिंता काशी के हर व्यक्ति को दिख रही है, जिसका असर कांवड़ियों के शिविर से लेकर सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है.

कांवड़ियों की सेवा में जुटे काशीवासी.

कांविड़ियों की सेवा में जी-जान से जुटे काशीवासी-
भगवान से ज्यादा भक्ति यदि किसी भक्तों की की जाए तो भगवान खुद खुश हो जाते हैं और इसी बात को ध्यान में रखकर इन दिनों काशीवासी यहां आने वाले कांवड़ियों की सेवा सत्कार में जी-जान से जुटे हुए हैं. बड़े-बड़े कांवड़िया शिविर में जहां कांवड़ियों को खाने-पीने रहने गर्म पानी से पैर साफ करने दवा के साथ मरहम पट्टी और योगा के अलावा प्राणिक हीलिंग की सुविधा मिल रही है, तो सड़कों पर भी कांवड़ियों को पीने के पानी के अलावा अन्य कई तरह की खान-पान की सुविधाएं भी राहगीर मुहैया करा रहे हैं.

प्रयागराज से गंगाजल भरकर पैदल बाबा विश्वनाथ तक आने वाले कांवड़ियों के पैर में छाले पड़ना, पैर में दर्द तकलीफ होना इन सब बातों का ध्यान रखते हुए कांवड़िया शिविर से लेकर सड़कों तक हर कोई इन कांवड़ियों की सेवा में जी-जान से जुटा हुआ है और कांवड़िया भी इस सेवा भाव से बेहद प्रसन्न दिख रहे हैं.

कांवड़ियों की सेवा करने का मौका एक महीना पूरा मिलता है और हम इस पूरे एक महीने में उनको खानपान बेहतर देने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था भी देते हैं. प्राणिक हीलिंग और योगा के जरिए उनको थकान मिटाने और दर्द को दूर करने की व्यवस्था भी शिविर में दी जा रही है.
लक्ष्मीनारायण, व्यवस्थापक, कांवड़िया शिविर

Intro:वाराणसी: काशी कण कण में शिव बसा है इस शहर की और यह शहर भी है जिंदा दिन शायद यही वजह है कि सावन के पावन महीने में इस शहर में आने वाले कांवरियों को ऐसी व्यवस्थाएं मिल रही है जिसे पाकर वह भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. पहला सोमवार बीतने के बाद अब दूसरा सोमवार आने को है और तेरस होने की वजह से कांवरियों की जबरदस्त भीड़ अभी से काशी में होने भी लगी है. शायद यही वजह है कि कांवरियों को किसी भी तकलीफ से दूर रखने के लिए हर काशीवासी जी-जान से जुटा हुआ है उनकी सेवा सत्कार और खान-पान से लेकर स्वास्थ्य की चिंता काशी के हर व्यक्ति को दिख रही है जिसका असर कांवरिया शिविर से लेकर सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है.


Body:वीओ-01 कहते हैं भगवान से ज्यादा भक्ति यदि किसी भक्तों की की जाए तो भगवान खुद खुश हो जाते हैं और इसी बात को ध्यान में रखकर इन दिनों काशीवासी बनारस आने वाले कांवरियों की सेवा सत्कार में जी-जान से जुटे हुए हैं बड़े-बड़े कांवरिया शिविर में जहां कांवरियों को खाने-पीने रहने गर्म पानी से पैर साफ करने दवा के साथ मरहम पट्टी और योगा के अलावा प्राणिक हीलिंग की सुविधा मिल रही है, तो सड़कों पर भी कांवरियों को पीने के पानी के अलावा अन्य कई तरह की खानपान की सुविधाएं भी राहगीर मुहैया करा रहे हैं प्रयागराज से गंगाजल भरकर पैदल बाबा विश्वनाथ तक आने वाले कांवरियों के पैर में छाले पड़ना पैर में दर्द तकलीफ होना इन सब बातों का ध्यान रखते हुए कांवरिया शिविर से लेकर सड़कों तक हर कोई इन कांवरियों की सेवा में जी-जान से जुटा हुआ है और कांवरिया भी इस सेवा भाव से बेहद प्रसन्न दिख रहे हैं.

बाईट- राहुल साहू, कांवरिया
बाईट- जैकी रजक, कांवरिया


Conclusion:वीओ-02 बीते 20 साल से ज्यादा वक्त से कांवरिया शिविर चलाने वाले लक्ष्मी नारायण का कहना है की कांवरियों की सेवा करने का मौका एक महीना पूरा मिलता है और हम इस पूरे 1 महीने में उनको खानपान बेहतर देने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था भी देते हैं. प्राणिक हीलिंग और योगा के जरिए उनको थकान मिटाने और दर्द को दूर करने की व्यवस्था भी शिविर में दी जा रही है यानी कुल मिलाकर कांवरियों का पूरा ख्याल कांवरिया शिविर और काशी के लोग रख रहे हैं.

बाईट- लक्ष्मीनारायण, व्यवस्थापक, कांवरिया शिविर

गोपाल मिश्र

9839809074
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