वाराणसी: लॉकडाउन के समय से बंद चल रही काशी महाकाल एक्सप्रेस के संचालन की तैयारी अब तेज हो गई है. पीएम मोदी ने भारत दर्शन कराने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस को 16 जनवरी 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई थी, जिसकी रफ्तार कुछ दिनों बाद ही थम गई थी. लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च 2020 को इस ट्रेन का संचालन रोक दिया गया था.
यात्री उपलब्धता की जानकारी के लिए सर्वे शुरू
तेजस की तर्ज पर चलने वाली आधुनिक सुविधाओं से लैस तृतीय श्रेणी वातानुकूलित यह ट्रेन वाराणसी से चलकर सुलतानपुर, कानपुर, झांसी, बीना, संत हिरदाराम, भोपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर जाती थी. कैंट स्टेशन से यह अपराह्न 2.43 बजे खुलती थी और दूसरे दिन सुबह 9.30 बजे इंदौर पहुंचती थी. ट्रेन के एक माह संचालन के बाद लॉकडाउन में इसे बन्द कर दिया गया. लॉकडाउन के समय से बंद पड़ी महाकाल एक्सप्रेस के संचालन को फिर से हरी झंडी मिलने की तैयारी शुरू हो गई है. आगामी 27 फरवरी के बाद से इस ट्रेन के संचालन के शुरू होने की घोषणा हो सकती है. इसकी शुरुआत को लेकर सर्वे का काम शुरू हो चुका है. सर्वे में वाराणसी से इंदौर के बीच के यात्रियों की उपलब्धता की जानकारी ली जा रही है.
ट्रेन की खासियत
देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस तृतीय श्रेणी वातानुकूलित सुविधाओं से लैस है. आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह ट्रेन श्रद्धालुओं को भारत दर्शन कराने के साथ काशी सहित अन्य धार्मिक स्थलों से परिचित कराती है. यह ट्रेन वाराणसी से सुलतानपुर के रास्ते उज्जैन होते हुए इंदौर जाती है. यात्रा के 10 दिनों के पैकेज का खर्च 9 हजार 450 रुपये प्रति यात्री है, जिसमें खानपान और ठहराव की व्यवस्था उपलब्ध है.
आईआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी आनंद सरोज पांडेय ने बताया कि इस स्पेशल ट्रेन में तेजस ट्रेन जैसी सुविधाएं मिलेंगी और इस ट्रेन के संचालन और टिकटों की बुकिंग को लेकर वेबसाइट पर जानकारी साझा की जाएगी.