वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान एवं ट्रॉमा सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में 5 वर्ष बाद दूसरे इंडो-इजरायल ट्रॉमा कोर्स एवं मास कैजुअलिटी सिचुएशन पर कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है. जिसमें शामिल होने के लिए इजरायल से चिकित्सकों और विशेषज्ञों की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है. कार्यशाला में दुघर्टनाओं के समय घायलों को किस तरह से कुशलता के साथ अस्पताल पहुंचाया जाए, समय रहते उन्हें कैसे बेहतर इलाज मिलें, ट्रॉमा संबंधी सभी जरूरतों और बारीकियों पर चर्चा होगी. इसके पहले इस कार्यशाला का 2017 में आयोजन किया गया था.
ट्रॉमा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि दूसरे इंडो इजरायल ट्रॉमा कोर्स का कार्यशाला 24 से 26 फरवरी तक चलेगा. जो ट्रॉमा सेंटर स्थित सभागार में सुबह 9 बजे से सांय काल 5 बजे आयोजित किया जायेगा. इसके साथ ही मॉस कैजुअलटी सिचुएशन (एमसीएस) पर भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. इसमें पुलिस, पीएसी के जवान, 39 जीटीसी, एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, आरपीएफ के जवानों को ट्रामा के बारे में इजरायल से आई टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा.
तीन दिन जुटेंगे विषय के दिग्गज विद्वानः प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि 5 साल बाद देश के जाने माने चिकित्सा संस्थानों से विशेषज्ञ भी यहां आकर ट्रॉमा से जुड़े विषयों पर अपनी बात रखेंगे. इजराईल से आने वाले विशिष्ट वक्ताओं में रैमबैम एचसीसी के निदेशक प्रोफेसर माईकल (मिकी) हाल्बरथल, रैमबैम एचसीसी के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सर्जरी के निदेशक डॉ. हैनी बहौथ, कपलान मेडिकल सेन्टर रेहोवोट के डॉ लायन पोल्स, रैमबैम एचसीसी के नर्सिंग विभाग की निदेशक डॉ सुश्री गिला ह्याम्स, हज-मैट के प्रशिक्षक एवं निदेशक डॉ गाय कास्पी समेत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ अमित गुप्ता शामिल होंगे. इनके अतिरिक्त देश के अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों की भी मौजूदगी रहेगी.
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