वाराणसी: तपती गर्मी में इस बार गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं को अग्नि परीक्षा नहीं देनी पड़ रही है. बाबा विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद जब विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक का रास्ता सीधे गंगाद्वार से जोड़ा गया. उसके बाद इस रास्ते श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह तक पहुंचने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी. भीषण गर्मी और तपिश की वजह से मंदिर के फर्श अंगारे में बदल जाते थे.
इसकी वजह से नंगे पांव दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को मानों अग्नि पर से होकर गुजरना पड़ रहा था. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से हर बार इससे निपटने के लिए की गई व्यवस्थाएं नाकाफी होती थीं. लेकिन, इस बार गर्मी शुरू होने के बाद जैसे ही इसमें बढ़ोतरी होने लगी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ऐसे अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी पसंद आ रहे हैं.
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से भक्तों को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ के मुख्य परिसर तक जूट की मैट को बिछाया गया है. इसको ठंडा रखने के लिए भीगा कर रखा जा रहा है. शीतल जल मैट को गर्मी की तपीश में ठंडा रख रहे हैं. इसके साथ ही पूरे धाम में खास टेंट भी लगाया गया है, जिससे शिव भक्तों को इस तपती धूप में छाया मिल सके और बाबा विश्वनाथ के धाम तक जाने में परेशानी न हो.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि बाबा विश्वनाथ धाम में शिवभक्तों के लिए गर्मी को देखते हुए कई इंतजाम किए गए हैं. मैट और टेंट के अलावा पूरे धाम में जगह-जगह पीने के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था भी गई है, ताकि गर्मी में किसी को कोई परेशानी न हो. मंदिर के इस व्यवस्था से भक्त भी काफी खुश हैं.
बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन करने आए भक्त ने बताया कि मंदिर में गर्मी से बचाने के लिए इस बार काफी अच्छे इंतजाम किए गए हैं. भक्तों का कहना है कि मंदिर में जिस तरह से गर्मी के मौसम में इंतजाम है. वह निश्चित तौर पर यहां आने वाली भीड़ को काफी राहत देने वाले हैं. भक्तों का कहना है कि वह पहले भी यहां आए थे, लेकिन काफी परेशानी उठानी पड़ी थी और इस बार इस परेशानी को नहीं झेलनी पड़ी. क्योंकि, पहले से ही मंदिर प्रशासन ने अच्छी तैयारियां की हैं. गर्मी से राहत के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में सिर्फ भक्तों के लिए ही नहीं बल्कि बाबा विश्वनाथ के लिए भी खास इंतजाम किए गए है. इसके तहत बाबा के गर्भगृह में शावर (जलधारी) भी लगाया गया है. जिससे निरंतर बाबा पर गंगा जल की धारा प्रवाहित हो रही हैं.
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