वाराणसीः संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को वास्तु शास्त्री के साथ ही आर्किटेक्ट बनाएगा. इसके लिए बकायदा विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत बी वोक(B.VOK) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय में दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के अंतर्गत छात्रों को रोजगार से संबंधित कार्यक्रम पढ़ाया जाएगा.
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ज्योतिष, कर्मकांड, वास्तुशास्त्र एवं आंतरिक साज-सज्जा जैसे दो पाठ्यक्रमों की शुरुआत कर रहा है. इसके तहत किसी भी वर्ग के विद्यार्थी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश कर सकते हैं. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शशिन्द्र मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा बी वोक(B.VOK) डिग्री की शुरुआत की गई है. इसके तहत दो व्यावसायिक पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत संचालित हो रहे हैं. इसमें आयु की कोई सीमा नहीं है और कोई भी छात्र संस्कृत से इतर भी प्रवेश ले सकता है.
ये है पाठ्यक्रम
पीआरओ डॉक्टर शशिन्द्र मिश्र ने बताया कि यह पाठ्यक्रम तीन वर्ष या छह सेमेस्टर का है. छात्र अपनी सुविधानुसार इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं और किसी कारण छोड़कर दोबारा भी प्रवेश ले सकते हैं. बी वोक(B.VOK) डिग्री कार्यक्रम के मध्य में अध्ययन छोड़ देने पर भी विश्वविद्यालय द्वारा उसे उपाधि प्रदान की जाएगी.
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खास बातें
- प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण करने पर सर्टिफिकेट.
- द्वितीय सेमेस्टर की उत्तीर्णता पर डिप्लोमा.
- चतुर्थ सेमेस्टर की उत्तीर्णता पर एडवांस डिप्लोमा.
- षष्ठ सेमेस्टर की उत्तीर्णता पर बी वोक की उपाधि.
इतनी फीस देनी पड़ेगी
उन्होंने बताया कि प्रत्येक सेमेस्टर का 5000 रुपये का शुल्क विद्यार्थियों को देना होगा.