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बीएचयू अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल, ये रही वजह - यूपी की खबरें

नीट पीजी (NEET-PG) काउंसलिंग की देरी से छात्र नाराज. चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजीडेंट डॉक्टर गए हड़ताल पर. शनिवार को छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से लगाई गुहार.

बीएचयू अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल
बीएचयू अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल
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Published : Nov 27, 2021, 8:11 PM IST

वाराणसी : वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. सैकड़ों की संख्या में जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को चिकित्सा विज्ञान संस्थान से हाथों में काली पट्टी बांधकर और विभिन्न प्रकार के पोस्टरों के साथ बीएचयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे. यहां पर डॉक्टरों ने कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा सरकार और उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई.

दरअसल, नीट पीजी (NEET-PG) काउंसलिंग की देरी से छात्र नाराज हैं. पिछले 1 वर्ष से नीट पीजी काउंसलिंग आरक्षण के विवाद की वजह से नहीं हुई है. इसकी वजह से फर्स्ट ईयर के छात्र 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी फर्स्ट ईयर में ही हैं. इसी को लेकर शनिवार को छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से गुहार लगाया.

जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल

सैकड़ों की संख्या में मेडिकल फर्स्ट ईयर के छात्र हाथों में काली पट्टी बांधकर विभिन्न प्रकार के स्लोगन लिखा हुआ पोस्टर लेकर बीएचयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे. दूसरी तरफ, जूनियर डॉक्टरों के जाने से बीएचयू (BHU) अस्पताल पर सीनियर डॉक्टरों पर बोझ बढ़ सकता है. इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

इसे भी पढे़ं- स्मृति ईरानी का कांग्रेस पर कटाक्ष, कहा- 50 साल में रायबरेली के 5 लाख परिवारों को नहीं मिल सका शौचालय

उत्कर्ष द्विवेदी ने बताया हमारी एक मांग है. हम सरकार से व उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाने आए हैं. नीट पीजी (NEET-PG) काउंसलिंग में देरी हो रही है, इसकी वजह से हम काम नहीं कर पा रहे. हमारे जूनियर नहीं आ पा रहे हैं. पिछले 2 वर्षों से हम लोग फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट बनकर रह गए हैं. पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं. मरीज की देखभाल भी नहीं कर पा रहे हैं. न्यू एडमिशन नहीं होने की वजह से हमारे जूनियर्स नहीं आ पा रहे हैं, इसलिए हम लोगों ने ओपीडी (OPD) और वार्ड सेवा बंद कर दिया है. लेकिन बीएचयू इमरजेंसी ट्रामा सेंटर व अन्य जगह हमारी सेवाएं जारी रहेंगी.

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वाराणसी : वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. सैकड़ों की संख्या में जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को चिकित्सा विज्ञान संस्थान से हाथों में काली पट्टी बांधकर और विभिन्न प्रकार के पोस्टरों के साथ बीएचयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे. यहां पर डॉक्टरों ने कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा सरकार और उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई.

दरअसल, नीट पीजी (NEET-PG) काउंसलिंग की देरी से छात्र नाराज हैं. पिछले 1 वर्ष से नीट पीजी काउंसलिंग आरक्षण के विवाद की वजह से नहीं हुई है. इसकी वजह से फर्स्ट ईयर के छात्र 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी फर्स्ट ईयर में ही हैं. इसी को लेकर शनिवार को छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से गुहार लगाया.

जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल

सैकड़ों की संख्या में मेडिकल फर्स्ट ईयर के छात्र हाथों में काली पट्टी बांधकर विभिन्न प्रकार के स्लोगन लिखा हुआ पोस्टर लेकर बीएचयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे. दूसरी तरफ, जूनियर डॉक्टरों के जाने से बीएचयू (BHU) अस्पताल पर सीनियर डॉक्टरों पर बोझ बढ़ सकता है. इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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उत्कर्ष द्विवेदी ने बताया हमारी एक मांग है. हम सरकार से व उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाने आए हैं. नीट पीजी (NEET-PG) काउंसलिंग में देरी हो रही है, इसकी वजह से हम काम नहीं कर पा रहे. हमारे जूनियर नहीं आ पा रहे हैं. पिछले 2 वर्षों से हम लोग फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट बनकर रह गए हैं. पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं. मरीज की देखभाल भी नहीं कर पा रहे हैं. न्यू एडमिशन नहीं होने की वजह से हमारे जूनियर्स नहीं आ पा रहे हैं, इसलिए हम लोगों ने ओपीडी (OPD) और वार्ड सेवा बंद कर दिया है. लेकिन बीएचयू इमरजेंसी ट्रामा सेंटर व अन्य जगह हमारी सेवाएं जारी रहेंगी.

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