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ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, जारी रहेगी श्रृंगार गौरी पूजा मामले की सुनवाई

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में फैसला
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Published : Sep 12, 2022, 2:23 PM IST

Updated : Sep 12, 2022, 10:49 PM IST

16:50 September 12

ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं

मामले की जानकारी देते हुए वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया है. अब श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा को लेकर दायर की गई याचिका पर नियमित सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने फैसले के बारे में बताते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट (places of worship act 1991) लागू नहीं होता है. इस कारण ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District court) को यह फैसला करना था कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन-पूजन मामले में आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार को इस केस में फैसला सुना दिया. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हिंदू पक्ष की दलील को मानते हुए लीगल टीम को श्रृंगार गौरी के निरीक्षण की अनुमति दे दी गई है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी. जिला अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. 27 पन्नों के फैसले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बताया कि अब तक वादी (हिंदू) पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूत के आधार पर केस को सुनवाई योग्य माना गया है. सोमवार को दोपहर 2 बजे से शुरू सुनवाई में अदालत ने अपना फैसला सुनाया और 22 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख नियत की है. फैसले के दौरान श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत को लेकर याचिका दायर करने वाली मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक भी कोर्ट रूम में मौजूद रही.

13:03 September 12

मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार सिंह

मालूम हो कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में ज्ञानवापी अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी सुनवाई रोकने की मांग की थी. इसको लेकर आज कोर्ट का फैसला आया है और कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से सुनवाई रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है. इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं है. इसलिए वो हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे.

मामले में वकील कमिश्नर अजय कुमार सिंह का कहना है कि 7/11 का यह पहला केस है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है. वहीं प्रतिवादी पक्ष की याचिका खारिज हुई है. इसमें आगे सुनवाई के लिए 22 तारीख की डेट निर्धारित की गई है. आगे की कार्रवाई 22 तारीख की सुनवाई के बाद ही पता चल सकेगी. इसके अलावा पक्षकार बनने को लेकर भी सुनवाई होनी है. जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि अगर प्रतिवादी पक्ष चाहे तो हाईकोर्ट जा सकते हैं. इस पर कोई मनाही नहीं है.

ज्ञानवापी केस में सुनवाई को लेकर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कोर्ट परिसर में अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. इसके अलावा शहर के मंदिर और मस्जिदों में भी भारी पुलिसफोर्स तैनात की गई थी. सभी थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए थे. फिलहाल इस मामले में अदालत का फैसला आ गया है. वहीं चारो तरफ शांति का माहौल है.

यह भी पढ़ें- श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में फैसला, जानें कब क्या हुआ

16:50 September 12

ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं

मामले की जानकारी देते हुए वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया है. अब श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा को लेकर दायर की गई याचिका पर नियमित सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने फैसले के बारे में बताते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट (places of worship act 1991) लागू नहीं होता है. इस कारण ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District court) को यह फैसला करना था कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन-पूजन मामले में आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार को इस केस में फैसला सुना दिया. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हिंदू पक्ष की दलील को मानते हुए लीगल टीम को श्रृंगार गौरी के निरीक्षण की अनुमति दे दी गई है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी. जिला अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. 27 पन्नों के फैसले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बताया कि अब तक वादी (हिंदू) पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूत के आधार पर केस को सुनवाई योग्य माना गया है. सोमवार को दोपहर 2 बजे से शुरू सुनवाई में अदालत ने अपना फैसला सुनाया और 22 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख नियत की है. फैसले के दौरान श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत को लेकर याचिका दायर करने वाली मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक भी कोर्ट रूम में मौजूद रही.

13:03 September 12

मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार सिंह

मालूम हो कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में ज्ञानवापी अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी सुनवाई रोकने की मांग की थी. इसको लेकर आज कोर्ट का फैसला आया है और कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से सुनवाई रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है. इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं है. इसलिए वो हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे.

मामले में वकील कमिश्नर अजय कुमार सिंह का कहना है कि 7/11 का यह पहला केस है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है. वहीं प्रतिवादी पक्ष की याचिका खारिज हुई है. इसमें आगे सुनवाई के लिए 22 तारीख की डेट निर्धारित की गई है. आगे की कार्रवाई 22 तारीख की सुनवाई के बाद ही पता चल सकेगी. इसके अलावा पक्षकार बनने को लेकर भी सुनवाई होनी है. जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि अगर प्रतिवादी पक्ष चाहे तो हाईकोर्ट जा सकते हैं. इस पर कोई मनाही नहीं है.

ज्ञानवापी केस में सुनवाई को लेकर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कोर्ट परिसर में अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. इसके अलावा शहर के मंदिर और मस्जिदों में भी भारी पुलिसफोर्स तैनात की गई थी. सभी थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए थे. फिलहाल इस मामले में अदालत का फैसला आ गया है. वहीं चारो तरफ शांति का माहौल है.

यह भी पढ़ें- श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में फैसला, जानें कब क्या हुआ

Last Updated : Sep 12, 2022, 10:49 PM IST
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