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भारत-जापान के संबंधों को नया आयाम दे रहा जापानी वॉर रूम, यूं होगा काशी का विकास

वाराणसी में जापानी टीम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाद अब काशी में वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर रही हैं. इसको लेकर टीम द्वारा लगातार कूड़े के डंपिंग और समाधान पर शोध हो रहा है.

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Published : Jul 23, 2022, 9:12 PM IST

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काशी का विकास

वाराणसी: काशी के विकास के लिए 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के साथ मिलकर बनारस की सूरत बदलने के लिए एक एमओयू को साइन किया था. जिसके बाद से जापान द्वारा काशी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देखा जा रहा है. जी हां जापानी टीम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाद अब काशी में वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर रही हैं. इसको पूरा करने के लिए जापानी अधिकारियों ने वाराणसी में बकायदा वॉर रूम तैयार किया है. इसमें 24 घंटे काम होता है. बड़ी बात यह है कि इस वॉर रूम में बनारस में वेस्ट मैनेजमेंट और राजस्व को लेकर के एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.

जानकारी देते हुए नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एनपी सिंह

वाराणसी के नगर निगम भवन के हॉल में जापानी जायका कंपनी के चार सदस्य 24 घंटे बनारस के विकास के लिए काम कर रहे हैं. यह जापानी अधिकारी बनारस के नक्शे के साथ बनारस में होने वाले कूड़े के डंपिंग और उसके समाधान के बारे में पिछले एक साल से रिसर्च कर रहे हैं ताकि उससे कुछ बड़ा आविष्कार किया जा सके, जिससे बनारस को राजस्व का फायदा भी मिल सकें.

यह भी पढ़ें- बाबा काशी विश्वनाथ को मिला 20 किलो चांदी का नया आसन, जलाभिषेक के बाद किया जाएगा अर्पित

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि रुद्राक्ष सेंटर बनने के बाद अब जापानी कंपनी का मूल उद्देश्य बनारस के वेस्ट को बेहतर रूप से व्यवस्थित करना है. इसके लिए इन लोगों ने वाराणसी प्रशासन के सामने प्रेजेंटेशन दे दिया है, जिसे बेहद सराहा गया है. अब यह लोग अपना रिसर्च करने के बाद एक फाइनल खाका तैयार करेंगे. फिर उसी के आधार पर इस वेस्ट मैनेजमेंट पर काम होगा. उन्होंने बताया कि अभी तक हम लोग परंपरागत रूप से कूड़ा उठाने का कार्य कर रहे थे, जिससे बदबू आने के साथ उसका सही प्रकार से यूज नहीं हो रहा था लेकिन इस आधुनिक वेस्ट मैनेजमेंट की खासियत ये होगी कि यह जापान की आधुनिक तकनीक के आधार पर होगा. इसका इस्तेमाल करके चारकोल और फ्यूल बनाने तक का काम होगा, जिससे न सिर्फ शहर की व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि राजस्व में भी वृद्धि होगी.

वहीं,. जापानी टीम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह हमारे लिए बेहद सौभाग्य की बात है कि हमें वाराणसी में काम करने को मिलेगा, क्योंकि भारत का जापान का सम्बंध बेहद खास हैं. वाराणसी खास बना रही है. उन्होंने बताया कि हमारा फोकस जापानी तकनीक से यहां की वेस्ट मैनेजमेंट को सही रूप में इस्तेमाल करना है. इसके लिए हम वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. जल्द ही इसे धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा.

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वाराणसी: काशी के विकास के लिए 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के साथ मिलकर बनारस की सूरत बदलने के लिए एक एमओयू को साइन किया था. जिसके बाद से जापान द्वारा काशी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देखा जा रहा है. जी हां जापानी टीम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाद अब काशी में वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर रही हैं. इसको पूरा करने के लिए जापानी अधिकारियों ने वाराणसी में बकायदा वॉर रूम तैयार किया है. इसमें 24 घंटे काम होता है. बड़ी बात यह है कि इस वॉर रूम में बनारस में वेस्ट मैनेजमेंट और राजस्व को लेकर के एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.

जानकारी देते हुए नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एनपी सिंह

वाराणसी के नगर निगम भवन के हॉल में जापानी जायका कंपनी के चार सदस्य 24 घंटे बनारस के विकास के लिए काम कर रहे हैं. यह जापानी अधिकारी बनारस के नक्शे के साथ बनारस में होने वाले कूड़े के डंपिंग और उसके समाधान के बारे में पिछले एक साल से रिसर्च कर रहे हैं ताकि उससे कुछ बड़ा आविष्कार किया जा सके, जिससे बनारस को राजस्व का फायदा भी मिल सकें.

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नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि रुद्राक्ष सेंटर बनने के बाद अब जापानी कंपनी का मूल उद्देश्य बनारस के वेस्ट को बेहतर रूप से व्यवस्थित करना है. इसके लिए इन लोगों ने वाराणसी प्रशासन के सामने प्रेजेंटेशन दे दिया है, जिसे बेहद सराहा गया है. अब यह लोग अपना रिसर्च करने के बाद एक फाइनल खाका तैयार करेंगे. फिर उसी के आधार पर इस वेस्ट मैनेजमेंट पर काम होगा. उन्होंने बताया कि अभी तक हम लोग परंपरागत रूप से कूड़ा उठाने का कार्य कर रहे थे, जिससे बदबू आने के साथ उसका सही प्रकार से यूज नहीं हो रहा था लेकिन इस आधुनिक वेस्ट मैनेजमेंट की खासियत ये होगी कि यह जापान की आधुनिक तकनीक के आधार पर होगा. इसका इस्तेमाल करके चारकोल और फ्यूल बनाने तक का काम होगा, जिससे न सिर्फ शहर की व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि राजस्व में भी वृद्धि होगी.

वहीं,. जापानी टीम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह हमारे लिए बेहद सौभाग्य की बात है कि हमें वाराणसी में काम करने को मिलेगा, क्योंकि भारत का जापान का सम्बंध बेहद खास हैं. वाराणसी खास बना रही है. उन्होंने बताया कि हमारा फोकस जापानी तकनीक से यहां की वेस्ट मैनेजमेंट को सही रूप में इस्तेमाल करना है. इसके लिए हम वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. जल्द ही इसे धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा.

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