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23 नवंबर से खुलेंगे उच्च शिक्षण संस्थान, तैयारियों में जुटे कॉलेज - उत्तर प्रदेश समाचार

कोरोना के कारण करीब 8 महीने से बंद उच्च शिक्षण संस्थान 23 नवंबर से दोबारा खुलने जा रहे हैं. इसको लेकर वाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ तैयारियों में जुटा हुआ है.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ
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Published : Nov 21, 2020, 4:25 PM IST

वाराणसी: सरकार द्वारा 23 नवंबर से उच्च शिक्षण संस्थान खोल देने के आदेश के बाद सभी शिक्षण संस्थान अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी क्रम में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी तैयारियों में जुटा हुआ है. इसको लेकर जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा बैठक भी की जाएगी.

एक दिन में 50 फीसदी ही विद्यार्थी आएंगे कॉलेज

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम खंड में अब भी दाखिला पूरा नहीं हो सका है. उसको देखते हुए पहले चरण में द्वितीय और तृतीय खंड की कक्षाएं संचालित करने का निर्णय लिया गया है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर एस.एल. मौर्य ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. इसी के तहत एक दिन में 50 फीसदी विद्यार्थी कॉलेज बुलाए जाएंगे. इसके बाद पूरे परिसर को सेनेटाइज किया जाएगा. बिना मास्क के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

8 महीने बाद खुलेंगे स्कूल-कॉलेज

18 मार्च से सभी उच्च शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे. हालांकि इस बीच ऑनलाइन क्लॉसेज के साथ परीक्षाएं संपन्न कराई गई थीं, लेकिन ऑफलाइन शिक्षण पद्धति पूरी तरीके से बंद थी. ऐसे में सभी शिक्षण संस्थान में शैक्षिक गतिविधि लगभग 8 महीने बाद शुरू होने जा रही है. इसको लेकर विद्यार्थी भी काफी उत्साहित हैं. सभी विद्यार्थी लंबे समय से घरों में ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा रहे थे.

वाराणसी: सरकार द्वारा 23 नवंबर से उच्च शिक्षण संस्थान खोल देने के आदेश के बाद सभी शिक्षण संस्थान अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी क्रम में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी तैयारियों में जुटा हुआ है. इसको लेकर जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा बैठक भी की जाएगी.

एक दिन में 50 फीसदी ही विद्यार्थी आएंगे कॉलेज

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम खंड में अब भी दाखिला पूरा नहीं हो सका है. उसको देखते हुए पहले चरण में द्वितीय और तृतीय खंड की कक्षाएं संचालित करने का निर्णय लिया गया है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर एस.एल. मौर्य ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. इसी के तहत एक दिन में 50 फीसदी विद्यार्थी कॉलेज बुलाए जाएंगे. इसके बाद पूरे परिसर को सेनेटाइज किया जाएगा. बिना मास्क के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

8 महीने बाद खुलेंगे स्कूल-कॉलेज

18 मार्च से सभी उच्च शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे. हालांकि इस बीच ऑनलाइन क्लॉसेज के साथ परीक्षाएं संपन्न कराई गई थीं, लेकिन ऑफलाइन शिक्षण पद्धति पूरी तरीके से बंद थी. ऐसे में सभी शिक्षण संस्थान में शैक्षिक गतिविधि लगभग 8 महीने बाद शुरू होने जा रही है. इसको लेकर विद्यार्थी भी काफी उत्साहित हैं. सभी विद्यार्थी लंबे समय से घरों में ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा रहे थे.

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