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लाइसेंस के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में बांट माप निरीक्षक दोषी करार, तीन साल की सजा - वाराणसी भ्रष्टाचार निवारण अदालत

वाराणसी में बांट माप विक्रय का लाइसेंस देने के नाम पर बांट माप निरीक्षक ने रिश्वत की मांग की थी. मामला दो साल पुराना है. कोर्ट (Varanasi Corruption Prevention Court) ने गुरुवार को मामले में सजा सुनाई है.

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Published : Aug 3, 2023, 9:23 PM IST

वाराणसी: वाराणसी की भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने गुरुवार को साल 2021 के एक मामले में रिश्वत लेने के आरोपी बांट माप निरीक्षक को दोषी करार दिया. दोषी पर 10000 जुर्माने सहित 3 साल की सजा सुनाई है. मामले में कोर्ट ने दो साल बाद फैसला सुनाया है.

10 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण प्रथम रजत वर्मा की अदालत ने बांट माप विक्रय का लाइसेंस देने के नाम पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोपी इलाहाबाद में कार्यरत वरिष्ठ बांट - माप निरीक्षक जितेंद्र कुमार झा को दोषी करार दिया है. वह बिहार के रहने वाले हैं. उन्हें 3 वर्ष की सजा और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक आलोक कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जितेंद्र कुमार झा कमलानगर प्रयागराज में विधिक बांट माप विभाग में वरिष्ठ निरीक्षक लोक सेवक के पद पर कार्यरत थे.

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जांच के लिए बनी थी टीम : शिकायतकर्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह बांट माप का मरम्मत और बिक्री का कार्य करते थे. आरोप है कि उसने बांट-माप का लाइसेंस निर्गत करने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज के एसपी से की की थी. इस पर सतर्कता अधिष्ठान की एक टीम उपनिरीक्षक रमाशंकर पाण्डेय के नेतृत्व में बनी और 29 अक्टूबर 2021 की शाम शिकायतकर्ता से पांच-पांच सौ के 40 नोट यानी 20 हजार रिश्वत लेते डीएम द्वारा भेजे गए सरकारी गवाहों की मौजूदगी में इफ्को गेस्ट हाउस फूलपुर में जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत ने लोक कर्तव्य करने के लिए शिकायकर्ता से 20 हजार रिश्वत लेने के मामले में बिहार के मधुबनी निवासी जितेंद्र कुमार को दोषी पाया.

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वाराणसी: वाराणसी की भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने गुरुवार को साल 2021 के एक मामले में रिश्वत लेने के आरोपी बांट माप निरीक्षक को दोषी करार दिया. दोषी पर 10000 जुर्माने सहित 3 साल की सजा सुनाई है. मामले में कोर्ट ने दो साल बाद फैसला सुनाया है.

10 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण प्रथम रजत वर्मा की अदालत ने बांट माप विक्रय का लाइसेंस देने के नाम पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोपी इलाहाबाद में कार्यरत वरिष्ठ बांट - माप निरीक्षक जितेंद्र कुमार झा को दोषी करार दिया है. वह बिहार के रहने वाले हैं. उन्हें 3 वर्ष की सजा और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक आलोक कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जितेंद्र कुमार झा कमलानगर प्रयागराज में विधिक बांट माप विभाग में वरिष्ठ निरीक्षक लोक सेवक के पद पर कार्यरत थे.

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जांच के लिए बनी थी टीम : शिकायतकर्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह बांट माप का मरम्मत और बिक्री का कार्य करते थे. आरोप है कि उसने बांट-माप का लाइसेंस निर्गत करने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज के एसपी से की की थी. इस पर सतर्कता अधिष्ठान की एक टीम उपनिरीक्षक रमाशंकर पाण्डेय के नेतृत्व में बनी और 29 अक्टूबर 2021 की शाम शिकायतकर्ता से पांच-पांच सौ के 40 नोट यानी 20 हजार रिश्वत लेते डीएम द्वारा भेजे गए सरकारी गवाहों की मौजूदगी में इफ्को गेस्ट हाउस फूलपुर में जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत ने लोक कर्तव्य करने के लिए शिकायकर्ता से 20 हजार रिश्वत लेने के मामले में बिहार के मधुबनी निवासी जितेंद्र कुमार को दोषी पाया.

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