वाराणसी: विश्व की सबसे प्राचीनतम नगरी काशी में ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के अवसर पर भगवान स्वयं देव दीपावली मनाते हैं. इसी क्रम में वाराणसी के 84 घाटों को दीपों से सजाया जाता है. इस वर्ष तुलसी घाट की देव दीपावली पर कश्मीर के लाल चौक का नजार देखने को मिलेगा.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद केंद्र सरकार के अधीन आई कश्मीर की संस्कृति को देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में तुलसी घाट पर दिखाई जाएगी. संकट मोचन फाउंडेशन की ओर से इस बार 50 फुट ऊंचा लाल चौक का मॉडल देखने को मिलेगा, जिसे मुंबई, पटना, दिल्ली और बनारस के कलाकार मिलकर तैयार कर रहे हैं.
संकटमोचन फाउंडेशन के सदस्य विजय नाथ मिश्र ने बताया कि प्रत्येक वर्ष तुलसी घाट की देव दीपावली देश को समर्पित होती है. ऐसे में इस बार पूरे देश में यह खुशी की बात है. कश्मीर से अनुछेद-370 समाप्त कर दिया गया है. इस बार काशी के लोग जो कश्मीर नहीं जाते हैं, वह तुलसी घाट से कश्मीर जा पाएंगे. इस बार काशी के तुलसी घाट बाबा विश्वनाथ और कश्मीर का लाल चौक देखने को मिलेगा, जो बेहद खास होगा और देश को समर्पित है.
मूर्तिकार राजेश कुमार ने बताया कि हम हर बार तुलसी घाट पर अलग तरीके से देव दीपावली मनाते हैं. इस बार लाल चौक का नजारा देखने को मिलेगा. हम लोग यहां पर तिरंगा फहरा कर अनुच्छेद-370 समाप्त होने पर देश के प्रधानमंत्री को शुभकामना देंगे. इसे मुंबई से आए हुए हमारे साथी ने मिलकर बनाया है.