वाराणसी: कोरोना वायरस जंग से पूरा विश्व लड़ रहा है. इस वायरस का अभी तक कोई मेडिसिन नहीं बनी है. इससे बचाव ही इसका सबसे बड़ा मेडिसिन है. ऐसे में वाराणसी से एक अच्छी खबर आ रही है. आईआईटी बीएचयू द्वारा ऐसी मशीन बनायी है, जिससे छोटी से छोटी चीज को सैनेटाइज किया जा सकता है.
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच आईआईटी बीएचयू ने एक मशीन बनायी है. ये मशीन उन लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया है, जो इमरजेंसी सेवा में लगे हुए हैं. दरअसल इस मशीन का उपयोग बेल्ट, घड़ी, पर्स, चाभी सभी समानों को सैनेटाइज करने के लिए बनाया गया है. लॉकडाउन के बीच इमरजेंसी सेवा से जुड़े लोग घर आने के बाद नहाकर कपड़े धुलते हैं, लेकिन छोटी-छोटी चीजें नहीं धुल पाते.
इस कारण संक्रमण का खतरा बना रहता है. इसके लिए आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर काम करने वाले गौरव ने माइक्रोवेव की तरह एक मशीन बनाई है, जिसमें अल्ट्रा वॉयलेट किरण से वायरस का खात्मा का दावा किया गया है.
प्रोफेसर डॉ. पीके मिश्रा ने बताया कि मालवीय उद्यमिता संवर्धन केंद्र से मिलकर गौरव ने एक मशीन बनाई है, जिससे यह छोटी-छोटी चीजें सैनिटाइज हो जाएंगी. मशीन अल्ट्रावायलेट किरण की पद्धति पर काम करती है, जो सी कैटेगरी की रेज का निर्माण करती है और वायरस को खत्म करने में कारगर साबित है.
बीएचयू आईआईटी ने अब इसके लिए तैयारी करनी शुरू कर दी है और इसे बड़े पैमाने पर मार्केट में लाने के लिए पहल की जा रही है. यह कम लागत में इजाद हुयी एक बढ़िया मशीन है, जो डॉक्टर, पुलिस विभाग, सफाई विभाग, मीडियाकर्मियों के लिए इस संक्रमण के खतरे से बचाने में मददगार साबित होगी.
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