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वाराणसी अग्निशमन विभाग के पास संसाधन बेशुमार, 24 मंजिल तक पहुंच सकते हैं हाईड्रोलिक प्लेटफार्म

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Published : Apr 27, 2023, 5:39 PM IST

वाराणसी अग्निशमन विभाग में हाईड्रोलिक प्लेटफार्म वाले वाहन शामिल होने जा रहे हैं. इससे 24 मंजिल तक आग लगने के बाद भी उस पर काबू किया जा सकता है.

वाराणसी
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वाराणसी अग्निशमन विभाग के हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की गाड़ियां.

वाराणसी: गर्मी की शुरुआत के साथ ही आग लगने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी की खबरें आने लगती हैं. कभी खेत खलिहान तो कभी घर या दुकानों पर ओवरलोडिंग की वजह से शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की सूचना आती है. बीते 5 साल में बनारस शहर के रिहायशी इलाकों के अलावा कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में आग लगने से जानमाल की काफी घटनाएं सामने आई थीं. जिसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आग लगने के बाद फायर डिपार्टमेंट समय पर पहुंचकर इसको काबू में क्यों नहीं कर पाता. जबकि इतने संसाधन हैं कि अग्निशमन विभाग आग लगने की घटनाओं को क्षण भर में काबू में कर सकता है. लेकिन शहर में अतिक्रमण की वजह से अग्निशमन विभाग का रिस्पांस टाइम पीछे हो जाता है.

वाराणसी अग्निशमन विभाग को सशक्त और मजबूत बनाने की प्लानिंग चल रही है. इस प्लान के तहत वाराणसी में पहले से मौजूद 4 हाईड्रोलिक प्लेटफार्म के बड़े-बड़े अग्निशमन वाहनों के बेड़े में कुछ और नए हाईड्रोलिक प्लेटफार्म वाले वाहन शामिल होने जा रहे हैं. इसके लिए पहले ही मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था. जिसकी स्वीकृति तो मिल गई. लेकिन, स्वीकृति मिलने के बाद अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनका इस्तेमाल कहां होगा, क्योंकि बनारस में पहले से ही अग्निशमन विभाग के पास जो हाईड्रोलिक प्लेटफार्म हैं, उनको 14 मंजिल यानी 42 मीटर तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है और नए हाईड्रोलिक प्लेटफार्म से 72 मीटर यानी लगभग 24 मंजिल तक पहुंचने में आसानी होगी. जिससे रेस्क्यू करने के साथ ही आग पर काबू पाने में भी बड़ी मदद मिलेगी. लेकिन, सवाल फिर से यही है कि इतने ऊंचे और बड़े हाईड्रोलिक प्लेटफार्म को आखिर शहर में निकाला कैसे जाएगा? क्योंकि अभी सड़कों पर फैले तारों के जंजाल और सकरी गलियों और अतिक्रमण की वजह से इन प्लेटफार्म के साथ गाड़ियों को आगे बढ़ाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है.

इसके अलावा शहर के जाम और अतिक्रमण में फंसकर अग्निशमन विभाग के बड़े वाहन भी अक्सर समय से आग लगने की सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंच पाते हैं. जिससे नुकसान ज्यादा हो जाता है. इस बारे में मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत का कहना है कि अग्निशमन विभाग को बहुत से नए संसाधन जल्द मिलने जा रहे हैं. पुराने संसाधन भी विभाग के पास बड़ी मात्रा में मौजूद हैं. लेकिन, जरूरत है शहर में अपने रिस्पांस टाइम को बेहतर करने की, क्योंकि किसी भी सूचना पर अभी भी विभाग का रिस्पांस टाइम लगभग 2 मिनट 30 सेकेंड प्रति किलोमीटर है. जो शहर में एंक्रोचमेंट और अन्य मुसीबतों की वजह से चाह कर भी नहीं बढ़ाया जा सकता है. यदि शहर से इन बाधाओं को दूर कर लिया जाता है तो विभाग का रिस्पांस टाइम डेढ़ मिनट प्रति किलोमीटर हो जाएगा.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि अग्निशमन विभाग को सूचना मिलने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचने की वजह से जल्द आग पर काबू पाने में बड़ी मदद मिलेगी. जिससे मौजूद संसाधनों का भी सही प्रयोग हो पाएगा. फिलहाल विभाग इस दिशा में अन्य विभागों के साथ मिलकर इन बाधाओं को दूर करने पर काम कर रहा है. इसके साथ ही शहर के मुख्य मार्गों पर जल्द ही बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.

क्योंकि, G-20 सम्मेलन को लेकर शहर के अधिकांश हिस्सों में अतिक्रमण हटाने का काम किया गया है. जिसका आने वाले समय में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. क्योंकि गर्मियों के सीजन में आग लगने की सूचना आने लगती है. ऐसी स्थिति में अभी किए गए प्रयास यदि अच्छा रिस्पांस देते हैं. इसके बाद अन्य विभागों की मदद से इसे आगे भी जारी रखने का काम किया जाएगा.

वाराणसी अग्निशमन विभाग के पास संसाधन की लिस्टः

हाइड्रोलिक प्लेटफार्म-4

फोम टेंडरः-
मोटरसाइकिल एडवांस रेस्क्यू टेंडर
वाटर वाउजर क्षमता 12000 लीटर
वाटर वाउजर क्षमता 11000 लीटर
वाटर वाउजर क्षमता 8000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (वी) 6500 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी) 5500 लीटर
वाटर टैंडर टाइप (बी) 5000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी)
हाई प्रेशर पंप 2500 लीटर
हाई प्रेशर मिनी टैंकर क्षमता 300 लीटर
वाटर टैंडर टाइप (बी) 2500 लीटर

हाई प्रेशरः-
वाटर टेंडर टाइप (बी) 2000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी) 2500 लीटर
टाटा मिस्ट 207 क्षमता 400 लीटर
टाटा मिस्ट 207 क्षमता 300 लीटर
पोर्टेबल पंप 60 जीपीएम

यह भी पढ़ें- वाराणसी में नमामि गंगे ने लिया गंगा सप्तमी पर गंगा की रक्षा संकल्प

वाराणसी अग्निशमन विभाग के हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की गाड़ियां.

वाराणसी: गर्मी की शुरुआत के साथ ही आग लगने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी की खबरें आने लगती हैं. कभी खेत खलिहान तो कभी घर या दुकानों पर ओवरलोडिंग की वजह से शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की सूचना आती है. बीते 5 साल में बनारस शहर के रिहायशी इलाकों के अलावा कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में आग लगने से जानमाल की काफी घटनाएं सामने आई थीं. जिसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आग लगने के बाद फायर डिपार्टमेंट समय पर पहुंचकर इसको काबू में क्यों नहीं कर पाता. जबकि इतने संसाधन हैं कि अग्निशमन विभाग आग लगने की घटनाओं को क्षण भर में काबू में कर सकता है. लेकिन शहर में अतिक्रमण की वजह से अग्निशमन विभाग का रिस्पांस टाइम पीछे हो जाता है.

वाराणसी अग्निशमन विभाग को सशक्त और मजबूत बनाने की प्लानिंग चल रही है. इस प्लान के तहत वाराणसी में पहले से मौजूद 4 हाईड्रोलिक प्लेटफार्म के बड़े-बड़े अग्निशमन वाहनों के बेड़े में कुछ और नए हाईड्रोलिक प्लेटफार्म वाले वाहन शामिल होने जा रहे हैं. इसके लिए पहले ही मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था. जिसकी स्वीकृति तो मिल गई. लेकिन, स्वीकृति मिलने के बाद अब सवाल यह उठता है कि आखिर इनका इस्तेमाल कहां होगा, क्योंकि बनारस में पहले से ही अग्निशमन विभाग के पास जो हाईड्रोलिक प्लेटफार्म हैं, उनको 14 मंजिल यानी 42 मीटर तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है और नए हाईड्रोलिक प्लेटफार्म से 72 मीटर यानी लगभग 24 मंजिल तक पहुंचने में आसानी होगी. जिससे रेस्क्यू करने के साथ ही आग पर काबू पाने में भी बड़ी मदद मिलेगी. लेकिन, सवाल फिर से यही है कि इतने ऊंचे और बड़े हाईड्रोलिक प्लेटफार्म को आखिर शहर में निकाला कैसे जाएगा? क्योंकि अभी सड़कों पर फैले तारों के जंजाल और सकरी गलियों और अतिक्रमण की वजह से इन प्लेटफार्म के साथ गाड़ियों को आगे बढ़ाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है.

इसके अलावा शहर के जाम और अतिक्रमण में फंसकर अग्निशमन विभाग के बड़े वाहन भी अक्सर समय से आग लगने की सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंच पाते हैं. जिससे नुकसान ज्यादा हो जाता है. इस बारे में मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत का कहना है कि अग्निशमन विभाग को बहुत से नए संसाधन जल्द मिलने जा रहे हैं. पुराने संसाधन भी विभाग के पास बड़ी मात्रा में मौजूद हैं. लेकिन, जरूरत है शहर में अपने रिस्पांस टाइम को बेहतर करने की, क्योंकि किसी भी सूचना पर अभी भी विभाग का रिस्पांस टाइम लगभग 2 मिनट 30 सेकेंड प्रति किलोमीटर है. जो शहर में एंक्रोचमेंट और अन्य मुसीबतों की वजह से चाह कर भी नहीं बढ़ाया जा सकता है. यदि शहर से इन बाधाओं को दूर कर लिया जाता है तो विभाग का रिस्पांस टाइम डेढ़ मिनट प्रति किलोमीटर हो जाएगा.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि अग्निशमन विभाग को सूचना मिलने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचने की वजह से जल्द आग पर काबू पाने में बड़ी मदद मिलेगी. जिससे मौजूद संसाधनों का भी सही प्रयोग हो पाएगा. फिलहाल विभाग इस दिशा में अन्य विभागों के साथ मिलकर इन बाधाओं को दूर करने पर काम कर रहा है. इसके साथ ही शहर के मुख्य मार्गों पर जल्द ही बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.

क्योंकि, G-20 सम्मेलन को लेकर शहर के अधिकांश हिस्सों में अतिक्रमण हटाने का काम किया गया है. जिसका आने वाले समय में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. क्योंकि गर्मियों के सीजन में आग लगने की सूचना आने लगती है. ऐसी स्थिति में अभी किए गए प्रयास यदि अच्छा रिस्पांस देते हैं. इसके बाद अन्य विभागों की मदद से इसे आगे भी जारी रखने का काम किया जाएगा.

वाराणसी अग्निशमन विभाग के पास संसाधन की लिस्टः

हाइड्रोलिक प्लेटफार्म-4

फोम टेंडरः-
मोटरसाइकिल एडवांस रेस्क्यू टेंडर
वाटर वाउजर क्षमता 12000 लीटर
वाटर वाउजर क्षमता 11000 लीटर
वाटर वाउजर क्षमता 8000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (वी) 6500 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी) 5500 लीटर
वाटर टैंडर टाइप (बी) 5000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी)
हाई प्रेशर पंप 2500 लीटर
हाई प्रेशर मिनी टैंकर क्षमता 300 लीटर
वाटर टैंडर टाइप (बी) 2500 लीटर

हाई प्रेशरः-
वाटर टेंडर टाइप (बी) 2000 लीटर
वाटर टेंडर टाइप (बी) 2500 लीटर
टाटा मिस्ट 207 क्षमता 400 लीटर
टाटा मिस्ट 207 क्षमता 300 लीटर
पोर्टेबल पंप 60 जीपीएम

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