वाराणसी: लगभग 70 दिनों का समय बीत गया और कोरोना महामारी की वजह से हर तरफ असमंजस की स्थिति है. भले ही सरकार ने अनलॉक-1 की घोषणा की हो, लेकिन वाराणसी में अब तक न पूरी तरह से धार्मिक स्थल खुले हैं और न होटल इंडस्ट्री पटरी पर आई है. साथ ही न ही शॉपिंग मॉल खोले जा सके हैं. शासनादेश के बाद जिला प्रशासन ने होटल कारोबारियों को सरकारी मानकों को पूरा करने पर होटल खोलने का आदेश दिया है.
साथ ही कंफर्मेशन लेटर प्रोवाइड किए जाने के बाद ही अनुमति पत्र देने के आदेश दिए हैं. इसके बाद होटल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी लगातार अपने होटल में सुविधाओं को पुख्ता कर सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने में जुटे हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर से उनकी जिंदगी और उनसे जुड़े कर्मचारियों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकेंगी.
वाराणसी पर्यटन की दृष्टि से काफी बड़ा सेंटर है. यहां पर हर साल लाखों की संख्या में सैलानियों का आना होता है, लेकिन इस महामारी के दौर में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. होटल कारोबारियों की मानें तो यह दो महीने का वक्त जिंदगी का सबसे बुरा दौर रहा. दो महीने से होटलों में ताले बंद हैं और कर्मचारियों को अपने पास से पैसे देने पड़ रहे हैं.
हालात यह हैं कि होटल कारोबारियों के आगे भी अब आमदनी न होने पर कई संकट खड़े होने लगे हैं. होटल कारोबारियों का कहना है कि 8 जून से सब जगह होटल खुल चुके हैं, लेकिन बनारस में अभी परमिशन नहीं मिली है. उम्मीद है कि हम अपने सारे मानक पूरे करने के बाद जल्द होटल खोलेंगे और सरकार हमारे ऊपर ध्यान देगी.
फिलहाल बनारस में होटल कारोबारियों में एक बार उम्मीद की किरण फिर से जगी है और माना जा रहा है कि जल्द ही होटल खुल जाएंगे. वहीं होटल मालिक कमरे, रिसेप्शन, किचन सब जगह साफ-सफाई रंग रोगन के साथ ही सैनिटाइजेशन का कार्य करा रहे हैं.
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होटल कारोबारियों को यह भी निर्देश है कि कर्मचारी पीपीई किट पहन कर ही काम करें. होटल कारोबारी भी मान रहे हैं कि बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा. कोशिश होगी कि एक कमरे में एक व्यक्ति को ही रुकने दिया जाए.