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कोविड संग गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने में जुटा होमी भाभा कैंसर संस्थान

पूरे देश सहित प्रदेश में कोरोना से लड़ाई जारी है. ऐसे में वाराणसी में स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में कोविड के साथ ही गंभीर मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है. यहां के महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर संस्थान में काम कर रहे डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ यहां ड्यूटी करने के साथ ही कोविड सेंटर में भी काम करने लगे.

होमी भाभा कैंसर संस्थान
होमी भाभा कैंसर संस्थान
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Published : May 12, 2021, 3:12 PM IST

वाराणसी: देश में कोविड -19 की दूसरी लहर के कारण पूरे वाराणसी में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आ गया. नतीजतन इलाज के लिए ऑक्सीजन और बेड से लेकर अस्पताल तक की कमी महसूस होने लगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने का अनुरोध किया. जिस पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने जिला प्रशासन के अनुरोध पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल को कोविड सेंटर के रूप में बदलने का फैसला लिया. 19 अप्रैल से यहां कोविड मरीजों का इलाज जारी है. इस दौरान इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया गया कि अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य दूसरे स्टाफ कैंसर इलाज को बिना प्रभावित किए कोविड मरीजों का भी इलाज जारी रखेंगे. होमी भाभा कैंसर अस्पताल में बाल कैंसर रोग की ओपीडी और आईपीडी सेवा को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में स्थानंतरित कर दिया गया. साथ ही महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में काम कर रहे डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ यहां ड्यूटी करने के साथ ही कोविड सेंटर में भी काम करने लगे.

कोविड के अलावा, गंभीर बीमारियों के मरीज भी भर्ती
सुचारू रूप से कोविड सर्विस जारी रखने के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल के उप-निदेशक डॉ. बी. के. मिश्रा को कोविड सेंटर का इंचार्ज, जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. असीम मिश्रा को इसका नोडल ऑफिसर बनाया गया. होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में निर्वाध कोविड इलाज देने के लिए मंडलायुक्त, नगर आयुक्त, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित दूसरे अधिकारियों का साथ अस्पताल को मिल रहा है. जिसके चलते मरीजों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इलाज में किसी भी तरह की समस्या न आए इसके लिए हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल को नर्सिंग स्टाफ दिए जाने के साथ ही 27 वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं बेहतर समन्वय के लिए एनडीआरएफ के कुछ जवानों की भी अस्पताल में लगाया गया है. अस्पताल में कोविड इलाज शुरू होने से लेकर अब तक 472 कोविड मरीजों को इलाज दिया जा चुका है, इनमें 263 सिर्फ कोविड के मरीज हैं, जबकि 209 ऐसे मरीज थे जिन्हें कैंसर और कोविड दोनों की समस्या रही. पिछले साल अस्पताल में कुल 141 कैंसर प्लस कोविड मरीजों को इलाज दिया गया था.

टाटा मेमोरियल सेंटर से मिलेंगे ऑक्सीजन कांसंट्रेटर
भारत में कोविड संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उच्च मांग के मद्देनजर, डॉ आर.ए. बडवे, निदेशक, टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई ने इस संबंध में पहल की और विदेशी दानदाताओं से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की अपील की. इसके चलते टाटा मेमोरियल सेंटर को 3 हजार से अधिक ऑक्सीजन कांसंट्रेटर डोनेशन के रूप में मिले. इनमें से कुछ ऑक्सीजन कांसंट्रेटर जल्द ही होमी भाभा कैंसर अस्पताल को मिलने वाले हैं, जिसे जिला प्रशासन की मदद से जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-कोरोना वायरस का तीसरा चरण 85 फीसदी बच्चों के लिए खतरनाक : डॉक्टर


डॉक्टरों और अन्य अस्पताल कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवाएं
कोरोना की दूसरी लहर अधिक संक्रामक होने के कारण तेजी से लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. यही कारण रहा कि एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच में इलाज देते वक्त अस्पताल के 452 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए, इनमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ सहित दूसरे स्टाफ शामिल हैं. अच्छी बात यह रही की ज्यादातर स्टाफ बीमारी से ठीक होने के बाद दोबारा काम पर लौट चुका है. इस दौरान कुछ डॉक्टर होमी भाभा में कोविड का इलाज लेते हुए वहां भर्ती दूसरे कोरोना मरीजों का भी स्वैच्छिक इलाज करते रहे. इनमें एमपीएमएमसीसी के उपनिदेशक डॉ. दुर्गातोष पांडेय और असिस्टेंट प्रो. डॉ. असीम मिश्रा मुख्य रूप से शामिल हैं. बता दें कि कोरोना की पहली लहर में अस्पताल के कुल 150 कर्मचारी कोविड संक्रमित हुए थे.

अस्पताल कर्मचारियों ने दिया एक दिन का वेतन
अस्पताल में कोरोना का इलाज ले रहे मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित दूसरे कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से अपना एक दिन का वेतन होमी भाभा कैंसर अस्पताल को दान किया है. इसका इस्तेमाल मरीजों के लिए दवाइयां खरीदने के साथ ही दूसरी जरूरी चीजों के लिए किया जाएगा.

वाराणसी: देश में कोविड -19 की दूसरी लहर के कारण पूरे वाराणसी में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आ गया. नतीजतन इलाज के लिए ऑक्सीजन और बेड से लेकर अस्पताल तक की कमी महसूस होने लगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने का अनुरोध किया. जिस पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने जिला प्रशासन के अनुरोध पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल को कोविड सेंटर के रूप में बदलने का फैसला लिया. 19 अप्रैल से यहां कोविड मरीजों का इलाज जारी है. इस दौरान इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया गया कि अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य दूसरे स्टाफ कैंसर इलाज को बिना प्रभावित किए कोविड मरीजों का भी इलाज जारी रखेंगे. होमी भाभा कैंसर अस्पताल में बाल कैंसर रोग की ओपीडी और आईपीडी सेवा को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में स्थानंतरित कर दिया गया. साथ ही महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में काम कर रहे डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ यहां ड्यूटी करने के साथ ही कोविड सेंटर में भी काम करने लगे.

कोविड के अलावा, गंभीर बीमारियों के मरीज भी भर्ती
सुचारू रूप से कोविड सर्विस जारी रखने के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल के उप-निदेशक डॉ. बी. के. मिश्रा को कोविड सेंटर का इंचार्ज, जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. असीम मिश्रा को इसका नोडल ऑफिसर बनाया गया. होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में निर्वाध कोविड इलाज देने के लिए मंडलायुक्त, नगर आयुक्त, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित दूसरे अधिकारियों का साथ अस्पताल को मिल रहा है. जिसके चलते मरीजों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इलाज में किसी भी तरह की समस्या न आए इसके लिए हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल को नर्सिंग स्टाफ दिए जाने के साथ ही 27 वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं बेहतर समन्वय के लिए एनडीआरएफ के कुछ जवानों की भी अस्पताल में लगाया गया है. अस्पताल में कोविड इलाज शुरू होने से लेकर अब तक 472 कोविड मरीजों को इलाज दिया जा चुका है, इनमें 263 सिर्फ कोविड के मरीज हैं, जबकि 209 ऐसे मरीज थे जिन्हें कैंसर और कोविड दोनों की समस्या रही. पिछले साल अस्पताल में कुल 141 कैंसर प्लस कोविड मरीजों को इलाज दिया गया था.

टाटा मेमोरियल सेंटर से मिलेंगे ऑक्सीजन कांसंट्रेटर
भारत में कोविड संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उच्च मांग के मद्देनजर, डॉ आर.ए. बडवे, निदेशक, टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई ने इस संबंध में पहल की और विदेशी दानदाताओं से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की अपील की. इसके चलते टाटा मेमोरियल सेंटर को 3 हजार से अधिक ऑक्सीजन कांसंट्रेटर डोनेशन के रूप में मिले. इनमें से कुछ ऑक्सीजन कांसंट्रेटर जल्द ही होमी भाभा कैंसर अस्पताल को मिलने वाले हैं, जिसे जिला प्रशासन की मदद से जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा.

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डॉक्टरों और अन्य अस्पताल कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवाएं
कोरोना की दूसरी लहर अधिक संक्रामक होने के कारण तेजी से लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. यही कारण रहा कि एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच में इलाज देते वक्त अस्पताल के 452 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए, इनमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ सहित दूसरे स्टाफ शामिल हैं. अच्छी बात यह रही की ज्यादातर स्टाफ बीमारी से ठीक होने के बाद दोबारा काम पर लौट चुका है. इस दौरान कुछ डॉक्टर होमी भाभा में कोविड का इलाज लेते हुए वहां भर्ती दूसरे कोरोना मरीजों का भी स्वैच्छिक इलाज करते रहे. इनमें एमपीएमएमसीसी के उपनिदेशक डॉ. दुर्गातोष पांडेय और असिस्टेंट प्रो. डॉ. असीम मिश्रा मुख्य रूप से शामिल हैं. बता दें कि कोरोना की पहली लहर में अस्पताल के कुल 150 कर्मचारी कोविड संक्रमित हुए थे.

अस्पताल कर्मचारियों ने दिया एक दिन का वेतन
अस्पताल में कोरोना का इलाज ले रहे मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित दूसरे कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से अपना एक दिन का वेतन होमी भाभा कैंसर अस्पताल को दान किया है. इसका इस्तेमाल मरीजों के लिए दवाइयां खरीदने के साथ ही दूसरी जरूरी चीजों के लिए किया जाएगा.

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