वाराणसी: देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर प्लान तैयार करने का मंथन जारी है. इसे लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), यूपी डीजीपी और मुख्य सचिव ने विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण किया था. विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा (Vishwanath Temple Security) को लेकर प्लान तैयार करने की प्लानिंग प्रोसेस में है. परिसर की पूरी सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक और हाई सिक्योरिटी करने की तैयारी है.
काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा को तीन अलग-अलग रेड, यलो और ग्रीन जोन में बांटने की तैयारी है. यह 3 जोन विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा का सबसे फुलप्रूफ प्लान होगा. रेड जोन में बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह के आसपास का पूरा इलाका रखा जाएगा, मंदिर के गर्भ गृह से लगभग 500 मीटर के दायरे में रेड जोन होगा. किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को या मोबाइल को इस जोन में ले जाने की परमिशन नहीं दी जाएगी. इसके अलावा येलो जोन और ग्रीन जोन में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक को ले जाने की परमिशन दी जा सकती है.
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मंदिर की पूरी सुरक्षा व्यवस्था यहां बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सिस्टम (Integrated Command Control System) में तैनात पुलिसकर्मियों की निगरानी में होगी. पूरे मंदिर और कॉरिडोर परिसर को लगभग 400 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा. इसमें गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी की निगरानी रहेगी. 50 हजार वर्ग मीटर एरिया में डेवलप किए गए विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्कैनर लगाए जाने के लिए फिलहाल तीन स्कैनर मशीन आ चुकी हैं.
इसके अलावा बाबा विश्वनाथ मंदिर के शिखर से लेकर गर्भ गृह और परिसर की निगरानी के लिए अलग-अलग जगहों पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की तैनाती होगी. इसे ध्यान में रखते हुए ऐसे करीब 50 सुरक्षा पॉइंट बनाए गए हैं, जहां पर 24 घंटे हाईटेक हथियार और दूरबीन से लैस जवान तैनात रहेंगे. आठ घंटे की तीन शिफ्ट में यहां जवानों की तैनाती रहेगी.
विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकलने के साथ ही मंदिर चौक और फिर फूड कोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण बिल्डिंग एरिया में मोबाइल को ले जाया जा सकेगा. फिलहाल इसकी प्लानिंग को अभी आगे बढ़ाने के लिए मंथन किया जा रहा है. पुलिस के अलावा पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के साथ ही एटीएस कमांडो को भी मंदिर परिसर में तैनात किया जाएगा. समय-समय पर डॉग स्क्वायड और बम स्क्वायड के साथ परिसर में जांच जारी रहेगी. इस पूरी प्लानिंग को फरवरी एंड तक लागू करने की तैयारी की जा रही है.
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