वाराणसी: काशी के कैण्ट थाना क्षेत्र स्थित मशहूर चर्च सेण्ट मैरी कैथेड्रल चर्च के बाहरी दीवारों लगे शिलापट्ट पर लिखे हुए विषय-वस्तु को लेकर हिंदूवादी संगठन सनातन भारत के राजन गुप्त ने आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि वाराणसी के कैंट थानांतर्गत कैंटोमेंट के सेण्ट मैरी कैथेड्रल चर्च में कई विवादास्पद शिलापट्ट लगाए गए हैं, जिसमें मंदिर का अपमान किया गया है.
सनातन भारत के महासचिव राजन गुप्त रविवार को कई लोगों के साथ कैंट थाने में काशी प्रान्त ईसाई सूबा के बिशप यूजीन जोसेफ, चर्च के पादरी विजय शांतिराज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे. उनका आरोप था कि सेण्ट मैरी चर्च के दीवारों पर 'मंदिर का विनाश और मंदिर का शुद्धिकरण' लिखें शिलापट्ट लगाए गए हैं. सनातन संस्कृति विरोधी ये शिलापट्ट भारतीय धर्म संस्कृति का अपमान कर रहे हैं. बहुसंख्यक भारतीय जनमानस की धार्मिक आस्था अपमानित हो रही हैं. कैण्ट थानाप्रभारी प्रभु कांत ने तहरीर लेकर जांच के लिए 24 घण्टे का समय मांगा है. उनका कहना था कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी. सनातन भारत के महासचिव राजन गुप्त ने कहा कि आज हम लोग कैण्ट थाने पर एक शिकायत दर्ज कराने आए हुए है कि कैण्ट थाना क्षेत्र अंतर्गत मशहूर चर्च सेण्ट मैरी कैथेड्रल चर्च के बाहर की दीवारों पर हिन्दू धर्म के अपमान विरुद्ध स्लोगन लगाएं गए है. जिसकी फोटो को हमने खींचा है. थाना प्रभारी को दिया है. यह स्लोगन है, मंदिर का विनाश, मंदिर का शुद्धिकरण. उन्होंने कहा कि काशी विश्व की प्राचीनतम सांस्कृतिक राजधानी है, जो पूरी दुनियां में धर्म का प्रतिनिधित्व करती है. यहां इस तरह का स्लोगन पूरी तरह सुनयोजित साजिश है. मेरा शासन-प्रशासन से आग्रह है कि इस विषय को गंभीरता से लिया जाए.
वहीं, इस संबंध में फादर थॉमस ने बताया कि चर्च की दीवारों पर जो स्लोगन का जो सन्दर्भ है वो येरूसालेम मंदिर के बारे में लिखी हुई बात है. बाइबल में इसका शब्द उद्धरित है. यह येरूसालेम मंदिर के बारे में लिखा हुआ है. दूसरा किसी मंदिर के बारे में नहीं, पुराने जमाने या आज भी हम अपने चर्च को मंदिर या गिरजाघर भी कहते है.
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