वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में आए दिन युवक-युवतियों के रील बनाने और अश्लील गानों पर डांस करने के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में वाराणसी के हिन्दूवादी दल राष्ट्रीय हिन्दू दल ने बीएचयू प्रोक्टोरियल बोर्ड को चेतावनी दी है कि मंदिर परिसर में इस तरह की होने वाली घटनाओं पर रोक लगाई जाए. इसके साथ ही परिसर में छोटे कपड़ों में आने वाले युवक-युवतियों को रोका जाए. जिसके लिए चेतावनी बोर्ड लगाकर ड्रेस कोड लागू किया जाए.
राष्ट्रीय हिन्दू दल के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय और उनके समर्थकों ने बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड के चीफ विनय पाण्डेय को एक पत्र सौंपा है. इस पत्र में उन्होंने विश्वनाथ मंदिर में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही युवतियों के छोटे-छोटे कपड़े पहनकर मंदिर परिसर में जाने पर रोक लगाने की बात कही है.
विश्वनाथ मंदिर में अश्लीलता फैलाने का आरोप: रोशन पाण्डेय ने कहा कि बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर के व्यवस्थापक विनय पाण्डेय को संगठन की तरफ से पत्र दिया गया है. पत्र के माध्यम से यह मांग की है कि विश्वनाथ मंदिर में अश्लीलता बढ़ती जा रही है. इस पर तत्काल रूप से रोक लगाई जाए. युवक-युवतियों द्वारा आए दिन वहां पर अश्लीलता परोसी जा रही है. छोटे-छोटे कपड़ों में कामुक प्रदर्शन किया जा रहा है. वह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है. यह मन्दिर धार्मिक आस्था का केंद्र है.
छोटे कपड़ों में मंदिर में प्रवेश पर लगे रोक: रोशन पांडेय ने कहा कि मन्दिर एक पवित्र जगह है. मन्दिर की एक पवित्र मर्यादा होती है. उस मर्यादा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसलिए पत्र देकर उन्हें चेतावनी दी है. इसके साथ ही वहां पर एक चेतावनी बोर्ड लगाने की भी मांग की है. किसी भी युवक-युवती को वहां प्रवेश न दिया जाए. दल ने मांग की है कि युवतियों को छोटे कपड़ों में मंदिर में प्रवेश न करने दिया जाए. अगर ऐसा चलता रहा तो काशी के मन्दिरों में बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को इससे क्या संदेश मिलेगा?
बीएचयू प्रशासन को दी चेतावनी: रोशन पाण्डेय ने कहा कि अगर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा वहां पर चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया जाता है तो फिर राष्ट्रीय हिन्दू दल यह काम करेगा. मन्दिर एक आस्था का केंद्र है. मन्दिर हमारे धर्म की आस्था का केंद्र है. धर्म पर होने वाला आघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विश्वनाथ मंदिर में अश्लीता रुकनी चाहिए. उम्मीद है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी इस बात को सुनेगा, अन्यथा संगठन इस कार्रावाई को करने के लिए बाध्य होगा.
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