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ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को लेकर अब 7 जुलाई को होगी सुनवाई - Archaeological Survey Department

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को लेकर होने वाली सुनवाई यानी 6 जुलाई के अगले दिन 7 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है.

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Published : May 22, 2023, 4:29 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर इन दिनों लोकल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामला गरमाया हुआ है. वाराणसी कोर्ट में भी पिछले दिनों वादी पक्ष यानी हिंदू पक्ष की तरफ से शिवलिंग के साथ ही पूरे परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे कराए जाने की मांग का प्रार्थना पत्र जिला जज न्यायालय में दिया गया था. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी.

इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को लेकर होने वाली सुनवाई यानी 6 जुलाई के अगले दिन 7 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है. साथ ही एक ही नेचर के मुकदमों को एक ही जगह सुनने को लेकर पत्रावली के अवलोकन और बहस पूरी होने के बाद इस प्रकरण में सोमवार की शाम को फैसला आ सकता है.

दरअसल, 16 मई 2022 को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में कमीशन सर्वे के दौरान एक कथित काले रंग का पत्थर मिला था, जिसे प्रतिवादी पक्ष ने शिवलिंग बताकर आदि विशेश्वर का पुरातन शिवलिंग इसे ही माना था और तत्काल इस संदर्भ में इसे सील करने की अपील कोर्ट से की थी. इसके बाद इस पूरे परिसर को सील किया जा चुका है.

इस मामले में सुनवाई लगातार जारी थी कि इस बीच हिंदू पक्ष के लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इस शिवलिंग नुमा पत्थर की वैज्ञानिक विधि से जांच की अपील की थी. जिस पर कोर्ट ने पिछले दिनों इसका पुरातन पद्धति से आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सर्वे करने का आदेश दिया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही रोक लगाई है.

इस मामले में जिला न्यायालय में भी प्रतिवादी पक्ष की तरफ से पूरे परिसर का सर्वे कराए जाने की अपील की गई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अगले दिन 7 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. कोर्ट के द्वारा उन मुकदमों को एक जगह जाने को लेकर आदेश आज शाम तक देने की बात कही है. कोर्ट की तरफ से वैज्ञानिक विधि से जांच को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज करने के लिए 19 मई की तिथि मुकर्रर की गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसके लिए समय मांगा था और 22 मई तक इसे दाखिल करना था, जिसे आज मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दाखिल कर दिया है.

इन 7 मुकदमों को एक जगह सुनने को लेकर कोर्ट के आदेश का इंतजार
1. प्राचीन आदि विश्वेश्वर-काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वंस होने के बावजूद बचे हुए साक्ष्य तीनों भव्य शिखर की जीपीआर पद्धति से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच की मांग की जाएगी.
2. नागर शैली में बने मंदिर की पश्चिमी दीवार की पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से वैज्ञानिक जांच की मांग की जायेगी.
3. विभिन्न तहखानों की वैज्ञानिक जांच.
4. दिनांक 16 मई को कथित ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में प्रकट हुए शिवलिंग की जांच होगी तो उसके पांच खांचे में कटे हुए तथा शिवलिंग के उपर अलग से लगे मैटेरियल की भी जांच की मांग की जायेगी.
5. कथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सीढ़ी के पास पांच फिट की विद्यमान संगमरमर की आधी कटी मूर्ति की भी जांच की जायेगी.
6. मंदिर के ही 20 फिट ऊंची दीवार पर तीनों गुंबद के निर्माण की जांच अर्थात गुंबद का नींव नहीं है केवल औरंगजेब द्वारा ऊपर से गोल टोपी पहना दी गई है.
7. आदि विश्वेश्वर महादेव के प्रवेश मार्ग को बडे़-बडे़ पत्थरों से बंदकर, मूल गर्भगृह को पाटकर शानदार सांस्कृतिक धरोहर को ध्वंस कर मस्जिद बनाने की कुत्सित मानसिकता का प्रयास की जांच.

जानिए क्या है पूरा मामला?
ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े सात याचिकाओं को जिला जज न्यायालय में एक साथ सुनने की अपील महिला वादियों की तरफ से की गई थी. 17 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश के बाद पहली बार 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी याचिकाओं को निकलवा कर एक साथ जिला जज के सामने रखने का आदेश दिया था. सात मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही कोर्ट में करने की मांग जो की गई है, उसमें 6 सिविल जज सीनियर और एक केस किरण सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है.

पढ़ेंः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज पूरी नहीं हो सकी मुस्लिम पक्ष की बहस, कोर्ट ने कल तक का दिया वक्त

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर इन दिनों लोकल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामला गरमाया हुआ है. वाराणसी कोर्ट में भी पिछले दिनों वादी पक्ष यानी हिंदू पक्ष की तरफ से शिवलिंग के साथ ही पूरे परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे कराए जाने की मांग का प्रार्थना पत्र जिला जज न्यायालय में दिया गया था. जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी.

इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को लेकर होने वाली सुनवाई यानी 6 जुलाई के अगले दिन 7 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है. साथ ही एक ही नेचर के मुकदमों को एक ही जगह सुनने को लेकर पत्रावली के अवलोकन और बहस पूरी होने के बाद इस प्रकरण में सोमवार की शाम को फैसला आ सकता है.

दरअसल, 16 मई 2022 को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में कमीशन सर्वे के दौरान एक कथित काले रंग का पत्थर मिला था, जिसे प्रतिवादी पक्ष ने शिवलिंग बताकर आदि विशेश्वर का पुरातन शिवलिंग इसे ही माना था और तत्काल इस संदर्भ में इसे सील करने की अपील कोर्ट से की थी. इसके बाद इस पूरे परिसर को सील किया जा चुका है.

इस मामले में सुनवाई लगातार जारी थी कि इस बीच हिंदू पक्ष के लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इस शिवलिंग नुमा पत्थर की वैज्ञानिक विधि से जांच की अपील की थी. जिस पर कोर्ट ने पिछले दिनों इसका पुरातन पद्धति से आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सर्वे करने का आदेश दिया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही रोक लगाई है.

इस मामले में जिला न्यायालय में भी प्रतिवादी पक्ष की तरफ से पूरे परिसर का सर्वे कराए जाने की अपील की गई थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अगले दिन 7 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. कोर्ट के द्वारा उन मुकदमों को एक जगह जाने को लेकर आदेश आज शाम तक देने की बात कही है. कोर्ट की तरफ से वैज्ञानिक विधि से जांच को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज करने के लिए 19 मई की तिथि मुकर्रर की गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसके लिए समय मांगा था और 22 मई तक इसे दाखिल करना था, जिसे आज मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दाखिल कर दिया है.

इन 7 मुकदमों को एक जगह सुनने को लेकर कोर्ट के आदेश का इंतजार
1. प्राचीन आदि विश्वेश्वर-काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वंस होने के बावजूद बचे हुए साक्ष्य तीनों भव्य शिखर की जीपीआर पद्धति से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच की मांग की जाएगी.
2. नागर शैली में बने मंदिर की पश्चिमी दीवार की पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से वैज्ञानिक जांच की मांग की जायेगी.
3. विभिन्न तहखानों की वैज्ञानिक जांच.
4. दिनांक 16 मई को कथित ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में प्रकट हुए शिवलिंग की जांच होगी तो उसके पांच खांचे में कटे हुए तथा शिवलिंग के उपर अलग से लगे मैटेरियल की भी जांच की मांग की जायेगी.
5. कथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सीढ़ी के पास पांच फिट की विद्यमान संगमरमर की आधी कटी मूर्ति की भी जांच की जायेगी.
6. मंदिर के ही 20 फिट ऊंची दीवार पर तीनों गुंबद के निर्माण की जांच अर्थात गुंबद का नींव नहीं है केवल औरंगजेब द्वारा ऊपर से गोल टोपी पहना दी गई है.
7. आदि विश्वेश्वर महादेव के प्रवेश मार्ग को बडे़-बडे़ पत्थरों से बंदकर, मूल गर्भगृह को पाटकर शानदार सांस्कृतिक धरोहर को ध्वंस कर मस्जिद बनाने की कुत्सित मानसिकता का प्रयास की जांच.

जानिए क्या है पूरा मामला?
ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े सात याचिकाओं को जिला जज न्यायालय में एक साथ सुनने की अपील महिला वादियों की तरफ से की गई थी. 17 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश के बाद पहली बार 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी याचिकाओं को निकलवा कर एक साथ जिला जज के सामने रखने का आदेश दिया था. सात मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही कोर्ट में करने की मांग जो की गई है, उसमें 6 सिविल जज सीनियर और एक केस किरण सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है.

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