ETV Bharat / state

varanasi news: ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े चार मामलों की हुई सुनवाई, जानिए अब कब होगी सुनवाई

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में सोमवार को चार मामलों में सुनवाई हुई. इन मामलों को लेकर कोर्ट में क्या हुआ चलिए जानते हैं.

Etv bharat
ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े चार मामलों की हुई सुनवाई, हाईकोर्ट में मामला होने के चलते अब मार्च में होगी अगली सुनवाई
author img

By

Published : Jan 23, 2023, 6:18 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज चार मामलों की सुनवाई हुई. राखी सिंह समेत 5 महिलाओ की तरफ से दाखिल वाद में जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हाईकोर्ट इलाहाबाद के दिशा निर्देश के चलते सुनवाई टल गई. अब इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 मार्च नियत कर दी गई. उधर, सिविल जज सीनियर जज फ़ास्ट ट्रैक़ कोर्ट महेंद्र कुमार पाण्डेय की अदालत में किरन सिंह के मामले में 17 फ़रवरी की तिथि नियत कर दी गई.

बता दें कि इस मामले में कई लोगों की ओर से पक्षकार बनने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है, जिस पर सुनवाई होनी है. वहीं हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्त की तरफ से दाखिल वाद में 13 फ़रवरी की तिथि नियत कर दी गई. इस मामले में अंजुमन इंतजामिया की तरफ से आवेदन देकर कहा गया है की हिन्दू पक्ष ने वाद में वेद पुराण, स्मृतियों के साथ औरंगजेब के फरमान का जिक्र किया है लेकिन उसका साक्ष्य नहीं दिया गया है. ऐसे में वह साक्ष्य दें, ताकि आपत्ति दाखिल की जा सके.

सिविल जज सीनियर डिवीजन अश्वनी कुमार की अदालत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दाखिल वाद में सोमवार को सुनवाई हुई. इस वाद में वादी संख्या दो राम सजीवन शुक्ला की तरफ से आवेदन देकर कहा गया कि भगवान प्रकट शिवलिंग का रागभोग से संबंधित वाद इस कोर्ट में दाखिल है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है.

कोर्ट भी भगवान को नाबालिग ही स्वीकार करती है. उसकी देखरेख करने वाले अन्य होते हैं. देवता जब नाबालिग हैं तो उनको एक दिन भी भूखा रखना सनातन धर्म व विधि के अनुकूल नही है. इसके चलते यह वाद तत्काल एवं त्वरित सुनवाई योग्य है. कोर्ट में हाजिर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद दूसरे पक्ष के है, जो हम सनातनियों के देवता को नही स्वीकार करते है. जिसके चलते लंबी तारीख लेना चाहते है और शुरू में ही अदालत के बिना नोटिस के हाज़िर हुए है.

ऐसे में सुनवाई के बाद ही अन्य प्रार्थना पत्र सुनवाई किया जाना आवश्यक है, ताकि प्रकट शिवलिंग का यथोचित सनातनी हिन्दू परम्परा के मुताबिक पूजा पाठ राग भोग से भगवान वंचित न हो सके. अदालत से विपक्षी के आपत्ति दाखिल करने तक मौजूदा शिवलिंग का पूजा करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि भगवान को एक दिन भी भूखा न रखा जा सके. अदालत में यह आवेदन बीते वर्ष 5 अगस्त के दिया गया है. वादी के अधिवक्ता रमेश उपाध्याय आदि की ओर से कहा गया कि पांच माह से अधिक अवधि आपत्ति दाखिल करने हेतु बीत गयी है, फिर भी विपक्षी आवेदन देकर आपत्ति हेतु समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की है, जो विधि के खिलाफ है. ऐसे इस आवेदन का निस्तारण किया जाना आवश्यक है. अदालत ने वादी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित कर लिया है.

ये भी पढ़ेंः Jhansi के इस घर में अचानक जलने लगती अलमारी, बेड और कपड़े, कई बार आग बुझा-बुझाकर थका परिवार

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज चार मामलों की सुनवाई हुई. राखी सिंह समेत 5 महिलाओ की तरफ से दाखिल वाद में जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हाईकोर्ट इलाहाबाद के दिशा निर्देश के चलते सुनवाई टल गई. अब इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 मार्च नियत कर दी गई. उधर, सिविल जज सीनियर जज फ़ास्ट ट्रैक़ कोर्ट महेंद्र कुमार पाण्डेय की अदालत में किरन सिंह के मामले में 17 फ़रवरी की तिथि नियत कर दी गई.

बता दें कि इस मामले में कई लोगों की ओर से पक्षकार बनने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है, जिस पर सुनवाई होनी है. वहीं हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्त की तरफ से दाखिल वाद में 13 फ़रवरी की तिथि नियत कर दी गई. इस मामले में अंजुमन इंतजामिया की तरफ से आवेदन देकर कहा गया है की हिन्दू पक्ष ने वाद में वेद पुराण, स्मृतियों के साथ औरंगजेब के फरमान का जिक्र किया है लेकिन उसका साक्ष्य नहीं दिया गया है. ऐसे में वह साक्ष्य दें, ताकि आपत्ति दाखिल की जा सके.

सिविल जज सीनियर डिवीजन अश्वनी कुमार की अदालत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दाखिल वाद में सोमवार को सुनवाई हुई. इस वाद में वादी संख्या दो राम सजीवन शुक्ला की तरफ से आवेदन देकर कहा गया कि भगवान प्रकट शिवलिंग का रागभोग से संबंधित वाद इस कोर्ट में दाखिल है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है.

कोर्ट भी भगवान को नाबालिग ही स्वीकार करती है. उसकी देखरेख करने वाले अन्य होते हैं. देवता जब नाबालिग हैं तो उनको एक दिन भी भूखा रखना सनातन धर्म व विधि के अनुकूल नही है. इसके चलते यह वाद तत्काल एवं त्वरित सुनवाई योग्य है. कोर्ट में हाजिर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद दूसरे पक्ष के है, जो हम सनातनियों के देवता को नही स्वीकार करते है. जिसके चलते लंबी तारीख लेना चाहते है और शुरू में ही अदालत के बिना नोटिस के हाज़िर हुए है.

ऐसे में सुनवाई के बाद ही अन्य प्रार्थना पत्र सुनवाई किया जाना आवश्यक है, ताकि प्रकट शिवलिंग का यथोचित सनातनी हिन्दू परम्परा के मुताबिक पूजा पाठ राग भोग से भगवान वंचित न हो सके. अदालत से विपक्षी के आपत्ति दाखिल करने तक मौजूदा शिवलिंग का पूजा करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि भगवान को एक दिन भी भूखा न रखा जा सके. अदालत में यह आवेदन बीते वर्ष 5 अगस्त के दिया गया है. वादी के अधिवक्ता रमेश उपाध्याय आदि की ओर से कहा गया कि पांच माह से अधिक अवधि आपत्ति दाखिल करने हेतु बीत गयी है, फिर भी विपक्षी आवेदन देकर आपत्ति हेतु समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की है, जो विधि के खिलाफ है. ऐसे इस आवेदन का निस्तारण किया जाना आवश्यक है. अदालत ने वादी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित कर लिया है.

ये भी पढ़ेंः Jhansi के इस घर में अचानक जलने लगती अलमारी, बेड और कपड़े, कई बार आग बुझा-बुझाकर थका परिवार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.