वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले (gyanvapi shringar gauri case) को लेकर भले ही जिला जज न्यायालय में सुनवाई चल रही हो और 12 सितंबर को जिला जज इस मामले की पोषणीयताको लेकर अपना फैसला सुनाएंगे. इसके अतिरिक्त विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह की तरफ से दाखिल की गई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक अन्य याचिका पर सुनवाई आज की गई. इसमें किरण सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के पूजा के अधिकार, परिसर हिंदुओं को सौंपने और परिसर में मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है. जिस पर मुस्लिम पक्ष ने मामले को पोषणीय ना मानते हुए इसे रद करने की बात पिछले दिनों न्यायालय के समक्ष रखी थी. इस पर हिंदू पक्ष की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है और आज उस पर मुस्लिम पक्ष को अपना जवाब देना था, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसका जवाब नहीं दिया और अगली तिथि मांगी जिसके बाद न्यायालय ने 13 सितंबर को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर कर दी है.
इस बारे में जीतेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर को लेकर मुकदमा नंबर 712 /2022 भगवान श्री आदि विशेश्वर विराजमान (श्रीमती किरन सिंह) की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी. आज न्यायालय में वादी पक्ष की ओर से प्रतिवादी संख्या 4 अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की एप्लीकेशन का जवाब फाइल किया गया. इस पर प्रतिवादी संख्या 4 अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी ने यह कहकर न्यायालय से समय मांगा कि हमें वादी पक्ष की और से आई जवाब का जवाब फाइल करना है इसलिए हमें समय दिया जाए.
इस पर वादी पक्ष तथा न्यायालय ने विपक्षी को यह कहा कि यह जवाब तो आपकी जो एप्लीकेशन 7/11 की लगाई गई थी, उसी का जवाब है. अब आप 7/11 पर अपना पक्ष रखें. किंतु प्रतिवादी संख्या 4 ने न्यायालय से जवाब का जवाब फाइल करने का समय मांगा. अंततः न्यायालय में प्रतिवादी संख्या 4 को 13 सितंबर तक का समय दिया और 13 सितंबर से 7/11 पर बहस के लिए कहा गया. 13 सितंबर 2022 से उपरोक्त केस में 7/11 पर बहस प्रारंभ होगी.
आज सुबह न्यायालय में सुनवाई शुरू होने से पहले जितेंद्र सिंह बिसेन ने प्रशासन पर उनकी और उनके वकील की सुरक्षा में लापरवाही करने का आरोप लगाया था. जितेंद्र का कहना था कि उनके वकील रात में ही वाराणसी पहुंच गए थे और इसका बाकायदा लिखित सूचना मैसेज अधिकारियों को दिया गया था. इसके बाद भी उन्हें सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी उपलब्ध नहीं करवाए गए, जबकि उन्हें और उनके लोगों को लगातार धमकियां मिल रही हैं और किसी हादसे का शक पहले ही जितेन सिंह जता चुके थे. इसके बाद भी सुरक्षा न मिलने को लेकर उन्होंने सवाल खड़े किए थे. हालांकि बाद में पुलिस विभाग की तरफ से एक सुरक्षाकर्मी उनके वकील शिवम को करवाया गया जिस पर भी जितेंद्र सिंह को आपत्ति थी. उनका कहना था पहले दो सुरक्षाकर्मी रखे जाते थे और एक वह भी कहने के 13 से 14 घंटे बाद दिया गया है जो सही नहीं है.
ये भी पढ़ेंः लखनऊ के होटल लेवाना में लगी आग, चार की मौत, सीएम ने दिए जांच के आदेश
ये भी पढ़ेंः सीएम योगी बोले, छात्रों के साथ टीचर भी लगाएं स्कूल में झाड़ू, तो बुराई नहीं