वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण पर अलग-अलग न्यायालयों में कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही हैं. मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत लगभग 2000 लोगों के खिलाफ 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग कोर्ट से की गई है. जो कथित तौर पर शिवलिंग को फव्वारा कहने और धार्मिक भावनाएं आहत करने के संदर्भ में दिए गए बयान से जुड़ा है.
गौरतलब है कि मामले में बुधवार को एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय के कोर्ट में सुनवाई हुई और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से दायर की गई एक याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि निर्धारित की है. बता दे कमीशन कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के अंदर एक कथित शिवलिंग मिलने की बात सामने आई थी, जिसे लेकर उस वक्त अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया में कई बयान भी दिए थे.
वहीं बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान वहां पर बड़ी भीड़ इकट्ठा करने के साथ ही कथित शिवलिंग के आसपास वजूखाने के रूप में होने की वजह से वहां गंदगी फैलाने और धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़े प्रकरण को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता की तरफ से एसीजेएम पंचम के न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. इस प्रार्थना पत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता ने अखिलेश यादव समेत असदुद्दीन ओवैसी अंजुमन इंतजामियां से जुड़े पदाधिकारियों और लगभग डेढ़ हजार से ज्यादा नमाजियों के खिलाफ 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बीते दिनों स्वीकार कर इसे सुनवाई योग्य माना था.
इस प्रकरण में अंजुमन इंतजामियां की तरफ से मौलाना अब्दुल बागी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री नाथ त्रिपाठी ने प्रतिवादी पक्ष की तरफ से अपनी बात रखने का एक प्रार्थना पत्र दिया था. इस पर बीते कई दिनों से सुनवाई हो रही थी. बुधवार को इस प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने यह कह कर खारिज कर दिया कि पिछले दिनों स्वीकार किया गया प्रार्थना पत्र इस मामले में सुनवाई योग्य है या नहीं, इस प्रकरण से जुड़ा था ना कि एफआईआर हो या ना इस संदर्भ से जुड़ा हुआ है. इसलिए कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए इस मामले में अब आगे सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि निर्धारित की है.
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