ETV Bharat / state

ज्ञानवापी सर्वे : ASI आज सौंपेगा 300 से ज्यादा सबूत, सर्वे में मिले थे हनुमानजी की खंडित प्रतिमा, कलश - ज्ञानवापी 17 नवंबर

ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) के पुरातत्व सर्वेक्षण (archaeological survey) का काम पूरा हो चुका है. 17 नवंबर (17 November) को कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में इसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी. इस साल 21 जुलाई को जिला जज ने सर्वे का आदेश दिया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 16, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Nov 17, 2023, 11:05 AM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई सर्वे का काम 2 नवंबर को ही पूरा कर लिया गया है. इसके बाद रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने एएसआई की टीम को 17 नवंबर तक का वक्त दिया है. कल लगभग 400 से ज्यादा पन्नों की यह रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी. जिसमें 21 जुलाई के आदेश के बाद 4 अगस्त से शुरू हुए सर्वे में मिली एक-एक जानकारी को समाहित किया गया है.

इसके पहले कोर्ट ने सर्वे के लिए दिया था 14 दिन का अतिरिक्त समय.
इसके पहले कोर्ट ने सर्वे के लिए दिया था 14 दिन का अतिरिक्त समय.

जिला जज ने 21 जुलाई को दिया था सर्वे का आदेश

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज न्यायालय से आदेश मिलने के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी. बीच में मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से इस पर रोक लगा दी गई. हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई फिर से शुरू हुई तो आदेश के बाद 4 अगस्त से यह सर्वे लगातार जारी रहा. जिसमें ज्ञानवापी के गुंबद से लेकर परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने, मुस्लिम पक्ष के तहखाने और अन्य हिस्सों की जांच एएसआई की टीम लगातार करती रही. वैज्ञानिक रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई की टीम को पहले 4 सितंबर तक का वक्त दिया गया था, लेकिन कोर्ट से उन्होंने अतिरिक्त समय मांगा और कोर्ट ने 6 सितंबर को इसमें अतिरिक्त वक्त देते हुए रिपोर्ट 17 नवंबर को दाखिल करने का आदेश दिया.

सर्वे का अंजुमन ने किया था विरोध

वाराणसी जिला न्यायालय ने पांच हिंदू महिलाओं की तरफ से वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग पर यह आदेश जारी किया था. जिसका अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी लगातार विरोध करती रही. लेकिन सर्वे की कार्रवाई जारी रही. मीडिया कवरेज को देखते हुए मुस्लिम पक्ष ने इस पर विरोध किया कि अंदर क्या मिल रहा है और सर्वे की कार्रवाई कैसी चल रही है, इसे लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट ने मीडिया कवरेज को एक व्यवस्थित और सही तरीके से करने का आदेश दिया, तब से सर्वे की कार्रवाई जारी थी.

एएसआई सर्वे में मिले कुल 300 साक्ष्य

वैज्ञानिक विधि से ज्ञानवापी में सर्वे की कार्रवाई शुरू होने से पहले पिछले साल भी बहुत से साक्ष्य हाथ लगे थे. इस दौरान वकील, कमिश्नर की नियुक्ति के साथ ही यहां पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हुई थी. जिसमें दीवारों पर त्रिशूल, कलश, कमल, स्वास्तिक के निशान मिलने के साथ ही तहखाने में बहुत सी खंडित मूर्तियों के मिलने का दावा किया गया. जिसके बाद इस बार के सर्वे में इन सारी चीजों को सुरक्षित और संरक्षित करने की मांग कोर्ट से की गई थी. जिसे कोर्ट ने महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की निगरानी में इन सारे साक्ष्य को सुरक्षित रखने का आदेश दिया. जिसे बाद में सर्वे पूर्ण होते ही एएसआई की टीम ने सुरक्षित रखवाया. जिसमें 300 से ज्यादा साक्ष्य जुटाए गए हैं.

सील बंद लिफाफे में है एएसआई सर्वे की रिपोर्ट

माना जा रहा है कि कल 11 बजे के बाद एएसआई की टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेगी. कोर्ट के आदेश के मुताबिक सील बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल होनी है. टीम की तरफ से सर्वे में रडार तकनीक का प्रयोग भी किया गया है. लगभग 20 दिन के आसपास कानपुर आईआईटी की टीम के साथ रडार तकनीक का प्रयोग कर ज्ञानवापी परिसर के हर हिस्से की जांच की गई है. इसके अलावा जमीन के अंदर एक्स रे मशीनों का प्रयोग करके लगभग 8 फीट तक छुपे राज बाहर निकलने का प्रयास भी टीम ने किया है. जिसकी रिपोर्ट भी कल कोर्ट में सबमिट होगी.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे पूरा, कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दिया 14 दिन का अतिरिक्त समय

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case : एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के लिए चार सप्ताह का समय और मिला, मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई सर्वे का काम 2 नवंबर को ही पूरा कर लिया गया है. इसके बाद रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने एएसआई की टीम को 17 नवंबर तक का वक्त दिया है. कल लगभग 400 से ज्यादा पन्नों की यह रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी. जिसमें 21 जुलाई के आदेश के बाद 4 अगस्त से शुरू हुए सर्वे में मिली एक-एक जानकारी को समाहित किया गया है.

इसके पहले कोर्ट ने सर्वे के लिए दिया था 14 दिन का अतिरिक्त समय.
इसके पहले कोर्ट ने सर्वे के लिए दिया था 14 दिन का अतिरिक्त समय.

जिला जज ने 21 जुलाई को दिया था सर्वे का आदेश

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज न्यायालय से आदेश मिलने के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी. बीच में मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से इस पर रोक लगा दी गई. हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई फिर से शुरू हुई तो आदेश के बाद 4 अगस्त से यह सर्वे लगातार जारी रहा. जिसमें ज्ञानवापी के गुंबद से लेकर परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने, मुस्लिम पक्ष के तहखाने और अन्य हिस्सों की जांच एएसआई की टीम लगातार करती रही. वैज्ञानिक रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई की टीम को पहले 4 सितंबर तक का वक्त दिया गया था, लेकिन कोर्ट से उन्होंने अतिरिक्त समय मांगा और कोर्ट ने 6 सितंबर को इसमें अतिरिक्त वक्त देते हुए रिपोर्ट 17 नवंबर को दाखिल करने का आदेश दिया.

सर्वे का अंजुमन ने किया था विरोध

वाराणसी जिला न्यायालय ने पांच हिंदू महिलाओं की तरफ से वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग पर यह आदेश जारी किया था. जिसका अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी लगातार विरोध करती रही. लेकिन सर्वे की कार्रवाई जारी रही. मीडिया कवरेज को देखते हुए मुस्लिम पक्ष ने इस पर विरोध किया कि अंदर क्या मिल रहा है और सर्वे की कार्रवाई कैसी चल रही है, इसे लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट ने मीडिया कवरेज को एक व्यवस्थित और सही तरीके से करने का आदेश दिया, तब से सर्वे की कार्रवाई जारी थी.

एएसआई सर्वे में मिले कुल 300 साक्ष्य

वैज्ञानिक विधि से ज्ञानवापी में सर्वे की कार्रवाई शुरू होने से पहले पिछले साल भी बहुत से साक्ष्य हाथ लगे थे. इस दौरान वकील, कमिश्नर की नियुक्ति के साथ ही यहां पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हुई थी. जिसमें दीवारों पर त्रिशूल, कलश, कमल, स्वास्तिक के निशान मिलने के साथ ही तहखाने में बहुत सी खंडित मूर्तियों के मिलने का दावा किया गया. जिसके बाद इस बार के सर्वे में इन सारी चीजों को सुरक्षित और संरक्षित करने की मांग कोर्ट से की गई थी. जिसे कोर्ट ने महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की निगरानी में इन सारे साक्ष्य को सुरक्षित रखने का आदेश दिया. जिसे बाद में सर्वे पूर्ण होते ही एएसआई की टीम ने सुरक्षित रखवाया. जिसमें 300 से ज्यादा साक्ष्य जुटाए गए हैं.

सील बंद लिफाफे में है एएसआई सर्वे की रिपोर्ट

माना जा रहा है कि कल 11 बजे के बाद एएसआई की टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेगी. कोर्ट के आदेश के मुताबिक सील बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल होनी है. टीम की तरफ से सर्वे में रडार तकनीक का प्रयोग भी किया गया है. लगभग 20 दिन के आसपास कानपुर आईआईटी की टीम के साथ रडार तकनीक का प्रयोग कर ज्ञानवापी परिसर के हर हिस्से की जांच की गई है. इसके अलावा जमीन के अंदर एक्स रे मशीनों का प्रयोग करके लगभग 8 फीट तक छुपे राज बाहर निकलने का प्रयास भी टीम ने किया है. जिसकी रिपोर्ट भी कल कोर्ट में सबमिट होगी.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे पूरा, कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दिया 14 दिन का अतिरिक्त समय

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case : एएसआई को ज्ञानवापी सर्वे के लिए चार सप्ताह का समय और मिला, मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध

Last Updated : Nov 17, 2023, 11:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.