वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर आज जिला जज अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में एक बार फिर से सुनवाई हुई. दीपावली से पहले हुई सुनवाई में जिला जज ने 2 नवंबर की तिथि मुकर्रर की थी सुनवाई के लिए, आज इस दिशा में सुनवाई आगे बढ़ी कि कमीशन की कार्यवाही जो मई 2022 में की गई थी उस वक्त ज्ञानवापी परिसर में नीचे बेसमेंट यानी तहखाने में दीवार और मिट्टी होने की वजह से वहां कार्यवाही नहीं आगे बढ़ाई जा सकी थी. जिसमें फिर से कमीशन कार्रवाई कराए जाने की मांग वादी यानी हिंदू पक्ष की तरफ से की गई थी. इसे लेकर आज मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति दाखिल की है और इस पर आपत्ति आने के बाद जिला जज ने अब वादी पक्ष को प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए 11 नवंबर की तिथि मुकर्रर की है.
इसके अतिरिक्त 82 ग के तहत विश्वनाथ धाम के निर्माण के दौरान खरीदी गई कारमाइकल लाइब्रेरी के ध्वस्तीकरण में मिली लक्ष्मी गणेश की मूर्ति को संरक्षित करने के मामले में भी आपत्ति दाखिल करने के लिए मुस्लिम पक्ष से कोर्ट ने आज कहा है. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में सुनवाई अब 11 नवंबर को आगे बढ़ाई जाएगी.
इससे पहले बीती 21 अक्टूबर को कोर्ट ने मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए दी गई सभी एप्लिकेशन को खारिज कर दिया था. इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए वादी हिंदू पक्ष की मांग पर कोर्ट ने सुनवाई की थी. वादी पक्ष की मांग पर प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के एडवोकेट के द्वारा आपत्ति न दाखिल करके समय मांगा गया था. इस पर कोर्ट ने 100 रुपए का जुर्माना लगाया था.
वादिनी महिलाओं ने ज्ञानवापी में बीती 16 मई को मिले कथित शिवलिंग की पूर्वी दीवार और नंदी के मुंह के सामने वाले तहखाने की उत्तरी दीवार को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग की है. साथ ही, ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग की पश्चिमी दीवार के बंद दरवाजे को तोड़ कर एडवोकेट कमिश्नर को कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग कोर्ट से की है. वादिनी महिलाओं की ओर से कोर्ट में यह एप्लिकेशन बीती 17 मई को ही दाखिल की गई थी.
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