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ज्ञानवापी विवाद: आज पश्चिमी गेट से तहखाने तक सर्वे पूरा, कल मस्जिद के ऊपरी कमरों का सर्वेक्षण - ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी

न्यायालय के आदेश पर वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्यवाही हुई. 14 मई को मस्जिद के तहखाने के चार कमरों और पश्चिमी दीवार के सर्वे की कार्यवाही पूरी हुई.सर्वे का काम अभी जारी रहेगा.

ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रांगण.
ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रांगण.
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Published : May 13, 2022, 10:52 PM IST

Updated : May 14, 2022, 5:00 PM IST

वाराणसी: न्यायालय के आदेश पर शनिवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्यवाही पूरी हो गई. सर्वे के दौरान एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा, विशाल सिंह और असिस्टेंट कमिश्नर अजय प्रताप मौजूद रहे. वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. ज्ञानवापी मस्जिद के ऊपर के कमरों का सर्वे रविवार को होगा. डीएम वाराणसी भी तहखाने में मौजूद थे. सर्वे के दौरान एक और तहखाना मिला. तहखाने के चारों कमरों का सर्वे शनिवार को पूरा कर लिया गया. टीम ने पश्चिमी दीवार और नंदी के पास के इलाके का भी सर्वे किया. तहखाने का एक कमरा हिंदू और तीन कमरे मुसलमानों के पास हैं. गौरतलब है कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में शनिवार को वकील कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग परिसर में पहुंचे.

शनिवार के सर्वे से संतुष्ट सभी पक्ष

वाराणसी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि शनिवार को 50 प्रतिशत सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई. सर्वे में क्या हुआ, किस जगह का सर्वे हुआ, यह कोर्ट के आदेश के कारण बताया नहीं जा सकता है. शेष सर्वे की कार्यवाही कल पूरी होगी. आज तक कार्रवाई से सभी पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट हैं. वीडियोग्राफी करने वाले वीडियो ग्राफर ने बताया कि अंदर अंधेरा होने की वजह से कुछ दिक्कतें थीं, लेकिन वाराणसी प्रशासन की तरफ से इस दिशा में पहल करते हुए लाइट की व्यवस्था की गई और अंदर फोटोग्राफी पूरी हो सकी.

ज्ञानवापी विवाद पर प्रतिक्रिया

इस मामले में हिंदू पक्ष के वकीलों का कहना है कि कार्यवाही के तहत अंदर बहुत सी ऐसी चीजें मिली हैं जिनको बताना उचित नहीं है. यह सारी चीजें न्यायालय के समक्ष सबूत के तौर पर रखी जाएंगी.शनिवार को लगभग 4 घंटे चले सर्वे में तहखाना समेत मस्जिद के बाहरी हिस्सों की वीडियोग्राफी की गई. रविवार सुबह 8:00 बजे से वीडियोग्राफी फिर से शुरू की जाएगी और 12:00 बजे तक जारी रहेगी. अगर कल भी काम पूरा नहीं होता तो सोमवार को भी वीडियोग्राफी की जाएगी.

जानकारी देते विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन.

इस प्रकरण में वादी सीता साहू का कहना है कि आज हमें काफी संतोष मिला है. प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया, हम अंदर गए, तहखाने में भी दाखिल हुए और वीडियोग्राफी की कार्यवाही बिना किसी परेशानी के पूरी हुई. हिंदू पक्ष के वकीलों का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से और प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग किया गया. किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ और शांतिपूर्ण तरीके से 4 घंटे तक सर्वेक्षण का काम चलता रहा. अंदर क्या मिला क्या नहीं मिला इस बारे में सभी ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन कई सालों से बंद कमरे अंधेरे में डूबे हुए थे. प्रशासन ने बाद में रोशनी की व्यवस्था की जिसके बाद वीडियोग्राफर्स ने अपना काम पूरा किया. वाराणसी के कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि शनिवार की कार्यवाही पूरी हो गई और रविवार को सुबह 8 बजे फिर सर्वे होगा.

जानकारी देते मौलाना शहाबुद्दीन.

मीडिया को ज्ञानवापी परिसर से दूर रखा गया

मीडिया को ज्ञानवापी परिसर और मुख्य द्वार से लगभग 1 किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया. ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी सर्वे की कार्यवाही सुबह 8 बजे शुरू हुई और 12 बजे तक चली. ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास भारी पुलिस तैनात रहा. इससे पहले जिला प्रशासन के अल्टीमेटम के बावजूद इंतजामियां कमेटी ने तहखाने की चाबी नहीं सौंपी थी. सर्वे टीम ने चाबी मिलने के लिए इंतजार किया. कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी वाराणसी ने अंजुमन इंतजामियां मसाजिद से मस्जिद के अंदर बंद तालों की चाबी हैंड ओवर करने के लिए नोटिस जारी किया था. जिलाधिकारी वाराणसी ने दोनों पक्षों को अमन-चैन बनाए रखने की हिदायत दी थी.

जानकारी देते डीएम कौशल राज शर्मा.

ईटीवी भारत की टीम ज्ञानवापी परिसर में उस जगह पर पहुंची जिसे लेकर विवाद चल रहा है

प्रारंभिक सूचना के मुताबिक जिला प्रशासन की निगरानी में 16 मई तक लगातार वीडियोग्राफी सर्वे की कार्यवाही पूरी की जाएगी. यदि कार्रवाई पूरी नहीं होती है, तो 17 मई को कोर्ट से अनुमति लेने के बाद कार्यवाही पूरी करके रिपोर्ट फाइल की जाएगी.

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए. आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए. सुनवाई के क्रम में 8 अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मामले में नियुक्त कोर्ट कमिश्नर EXCLUSIVE: निष्पक्ष सर्वे की कही बात, सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

अदालत ने मुस्लिम पक्ष की कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग को 12 मई को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर के साथ दो नए वकील भी जोड़े थे. अदालत ने पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा था कि जब तक मस्जिद के कमिशन की कार्यवाही पूरी नहीं होती है, तब तक सर्वे जारी रहेगा. 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट में सौंपा जाना है. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के चप्पे-चप्पे का सर्वे होगा.

मामले को फिरकापरस्त ताकतें बढ़ा रही हैं आगे-मौलाना शहाबुद्दीन
सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े केंद्र दरगाह आलाहजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने ज्ञानवापी विवाद पर कहा कि ये मामला इस वक्त तूल पकड़ता जा रहा है. इसे जानबूझकर फिरकापरस्त ताकतें आगे बढ़ा रही हैं.

जानें कब क्या हुआ...
दरअसल, श्रृंगार गौरी केस में अगस्त 2021 को राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी में रोजाना दर्शन पूजन की मांग सहित अन्य मांगों के साथ एक बात दर्ज कराया गया था. इस मांग में इन सभी ने कोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि माता श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूर्व की तरह दर्शन पूजन शुरू करवाया जाए. गणेश जी, हनुमान जी, नंदी भगवान जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष देवता परिक्षेत्र में विद्यमान हैं. उनकी स्थिति जानने के लिए एक कमीशन बनाया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए मौके की स्थिति को जानने के लिए 8 अप्रैल 2022 को एक कमीशन गठित करते हुए अधिवक्ता कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्र को नियुक्त कर पूरे परिसर की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया और इसकी रिपोर्ट 20 अप्रैल को दायर करने के आदेश दिए .

18 अप्रैल को जिला प्रशासन की तरफ से वीडियोग्राफी के लिए दिशानिर्देश बिंदुवार जारी करने और अन्य स्थिति स्पष्ट करते हुए कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया था. जिसको बाद में कोर्ट ने खारिज कर 26 अप्रैल को पुराने 8 अप्रैल के आदेश को यथावत रखते हुए कमीशन की कार्यवाही को 6 मई और 7 मई को करने का आदेश जारी किया. कमीशन की कार्यवाही पूरी कर 10 मई को रिपोर्ट सबमिट करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन 6 मई को कार्यवाही पूरी होने के बाद मुस्लिम पक्ष की तरफ से विरोध हुआ और 7 मई को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

7 मई को ही मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट में वकील कमिश्नर को एकतरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग का लिखित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए 12 मई को पुराने वकील कमिश्नर को बनाए रखते हुए उनके साथ दो अन्य वकील कमिश्नर को सहायक के तौर पर नियुक्त कर दिया और एक अन्य याचिका जो हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई थी. जिसमें पूर्व की भांति मस्जिद परिसर का वीडियो ग्राफी सर्वेक्षण कराने के अलावा मस्जिद में मौजूद तहखानों के ताले खोलकर उसका निरीक्षण और वीडियोग्राफी करने की भी अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन वाराणसी और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को स्पष्ट निर्देश दिया कि उनकी मौजूदगी में यह कार्यवाही पूर्ण की जाए. 17 मई को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की जाए. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी कार्यवाही में किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए, यदि कोई बाधा उत्पन्न करता है. उसको तत्काल गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए.

डीजीपी और प्रमुख सचिव को निगरानी रखने के आदेश
इस पूरे मामले में कोर्ट ने डीजीपी और प्रमुख सचिव को निगरानी रखने के भी आदेश दिए हैं. जिसके बाद जिलाधिकारी वाराणसी ने शुक्रवार को इस पूरे प्रकरण में दोनों पक्षों के साथ बैठक करके शांति व्यवस्था बनाने की अपील की. मुस्लिम पक्षकार यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद को इस पूरे मामले में कोर्ट का आदेश मानते हुए मस्जिद के बंद कमरों की चाबियां जिला प्रशासन को सौंपने के आदेश भी दिए. इसके अलावा मस्जिद परिसर में मौजूद सीआरपीएफ के जवानों को वहां से हटाकर बाहर तैनात होने के निर्देश दिए गए हैं.

मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विशेष सतर्कता

फिलहाल शनिवार को कार्यवाही से पहले जिला प्रशासन शहर में पूरी तरह से कानून व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहा . मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है और लगातार पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स की मौजूदगी में शांति व्यवस्था कायम रखने की कोशिश है. स्थानीय लोगों के से भी सहयोग लिया जा रहा है. जिलाधिकारी वाराणसी ने साफ कर दिया था कि सभी को मिलकर कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए इस कार्यवाही को पूर्ण करना होगा और शांति व्यवस्था कायम रहे यह दोनों पक्षों की जिम्मेदारी बनती है. शुक्रवार को भी ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाली जुमे की नमाज की वजह से दोपहर में नमाजियों की जबरदस्त भीड़ परिसर के बाहर इकट्ठा थी. जिसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी मुस्तैद रखी गई थी.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी सर्वेक्षण पर तत्काल रोक लगाने से SC का इनकार

वाराणसी: न्यायालय के आदेश पर शनिवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्यवाही पूरी हो गई. सर्वे के दौरान एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा, विशाल सिंह और असिस्टेंट कमिश्नर अजय प्रताप मौजूद रहे. वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. ज्ञानवापी मस्जिद के ऊपर के कमरों का सर्वे रविवार को होगा. डीएम वाराणसी भी तहखाने में मौजूद थे. सर्वे के दौरान एक और तहखाना मिला. तहखाने के चारों कमरों का सर्वे शनिवार को पूरा कर लिया गया. टीम ने पश्चिमी दीवार और नंदी के पास के इलाके का भी सर्वे किया. तहखाने का एक कमरा हिंदू और तीन कमरे मुसलमानों के पास हैं. गौरतलब है कि ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में शनिवार को वकील कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग परिसर में पहुंचे.

शनिवार के सर्वे से संतुष्ट सभी पक्ष

वाराणसी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि शनिवार को 50 प्रतिशत सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई. सर्वे में क्या हुआ, किस जगह का सर्वे हुआ, यह कोर्ट के आदेश के कारण बताया नहीं जा सकता है. शेष सर्वे की कार्यवाही कल पूरी होगी. आज तक कार्रवाई से सभी पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट हैं. वीडियोग्राफी करने वाले वीडियो ग्राफर ने बताया कि अंदर अंधेरा होने की वजह से कुछ दिक्कतें थीं, लेकिन वाराणसी प्रशासन की तरफ से इस दिशा में पहल करते हुए लाइट की व्यवस्था की गई और अंदर फोटोग्राफी पूरी हो सकी.

ज्ञानवापी विवाद पर प्रतिक्रिया

इस मामले में हिंदू पक्ष के वकीलों का कहना है कि कार्यवाही के तहत अंदर बहुत सी ऐसी चीजें मिली हैं जिनको बताना उचित नहीं है. यह सारी चीजें न्यायालय के समक्ष सबूत के तौर पर रखी जाएंगी.शनिवार को लगभग 4 घंटे चले सर्वे में तहखाना समेत मस्जिद के बाहरी हिस्सों की वीडियोग्राफी की गई. रविवार सुबह 8:00 बजे से वीडियोग्राफी फिर से शुरू की जाएगी और 12:00 बजे तक जारी रहेगी. अगर कल भी काम पूरा नहीं होता तो सोमवार को भी वीडियोग्राफी की जाएगी.

जानकारी देते विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन.

इस प्रकरण में वादी सीता साहू का कहना है कि आज हमें काफी संतोष मिला है. प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया, हम अंदर गए, तहखाने में भी दाखिल हुए और वीडियोग्राफी की कार्यवाही बिना किसी परेशानी के पूरी हुई. हिंदू पक्ष के वकीलों का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से और प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग किया गया. किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ और शांतिपूर्ण तरीके से 4 घंटे तक सर्वेक्षण का काम चलता रहा. अंदर क्या मिला क्या नहीं मिला इस बारे में सभी ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन कई सालों से बंद कमरे अंधेरे में डूबे हुए थे. प्रशासन ने बाद में रोशनी की व्यवस्था की जिसके बाद वीडियोग्राफर्स ने अपना काम पूरा किया. वाराणसी के कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि शनिवार की कार्यवाही पूरी हो गई और रविवार को सुबह 8 बजे फिर सर्वे होगा.

जानकारी देते मौलाना शहाबुद्दीन.

मीडिया को ज्ञानवापी परिसर से दूर रखा गया

मीडिया को ज्ञानवापी परिसर और मुख्य द्वार से लगभग 1 किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया. ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी सर्वे की कार्यवाही सुबह 8 बजे शुरू हुई और 12 बजे तक चली. ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास भारी पुलिस तैनात रहा. इससे पहले जिला प्रशासन के अल्टीमेटम के बावजूद इंतजामियां कमेटी ने तहखाने की चाबी नहीं सौंपी थी. सर्वे टीम ने चाबी मिलने के लिए इंतजार किया. कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी वाराणसी ने अंजुमन इंतजामियां मसाजिद से मस्जिद के अंदर बंद तालों की चाबी हैंड ओवर करने के लिए नोटिस जारी किया था. जिलाधिकारी वाराणसी ने दोनों पक्षों को अमन-चैन बनाए रखने की हिदायत दी थी.

जानकारी देते डीएम कौशल राज शर्मा.

ईटीवी भारत की टीम ज्ञानवापी परिसर में उस जगह पर पहुंची जिसे लेकर विवाद चल रहा है

प्रारंभिक सूचना के मुताबिक जिला प्रशासन की निगरानी में 16 मई तक लगातार वीडियोग्राफी सर्वे की कार्यवाही पूरी की जाएगी. यदि कार्रवाई पूरी नहीं होती है, तो 17 मई को कोर्ट से अनुमति लेने के बाद कार्यवाही पूरी करके रिपोर्ट फाइल की जाएगी.

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए. आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए. सुनवाई के क्रम में 8 अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.

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अदालत ने मुस्लिम पक्ष की कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग को 12 मई को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर के साथ दो नए वकील भी जोड़े थे. अदालत ने पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा था कि जब तक मस्जिद के कमिशन की कार्यवाही पूरी नहीं होती है, तब तक सर्वे जारी रहेगा. 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट में सौंपा जाना है. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के चप्पे-चप्पे का सर्वे होगा.

मामले को फिरकापरस्त ताकतें बढ़ा रही हैं आगे-मौलाना शहाबुद्दीन
सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े केंद्र दरगाह आलाहजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने ज्ञानवापी विवाद पर कहा कि ये मामला इस वक्त तूल पकड़ता जा रहा है. इसे जानबूझकर फिरकापरस्त ताकतें आगे बढ़ा रही हैं.

जानें कब क्या हुआ...
दरअसल, श्रृंगार गौरी केस में अगस्त 2021 को राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी में रोजाना दर्शन पूजन की मांग सहित अन्य मांगों के साथ एक बात दर्ज कराया गया था. इस मांग में इन सभी ने कोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि माता श्रृंगार गौरी के मंदिर में पूर्व की तरह दर्शन पूजन शुरू करवाया जाए. गणेश जी, हनुमान जी, नंदी भगवान जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष देवता परिक्षेत्र में विद्यमान हैं. उनकी स्थिति जानने के लिए एक कमीशन बनाया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए मौके की स्थिति को जानने के लिए 8 अप्रैल 2022 को एक कमीशन गठित करते हुए अधिवक्ता कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्र को नियुक्त कर पूरे परिसर की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया और इसकी रिपोर्ट 20 अप्रैल को दायर करने के आदेश दिए .

18 अप्रैल को जिला प्रशासन की तरफ से वीडियोग्राफी के लिए दिशानिर्देश बिंदुवार जारी करने और अन्य स्थिति स्पष्ट करते हुए कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया था. जिसको बाद में कोर्ट ने खारिज कर 26 अप्रैल को पुराने 8 अप्रैल के आदेश को यथावत रखते हुए कमीशन की कार्यवाही को 6 मई और 7 मई को करने का आदेश जारी किया. कमीशन की कार्यवाही पूरी कर 10 मई को रिपोर्ट सबमिट करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन 6 मई को कार्यवाही पूरी होने के बाद मुस्लिम पक्ष की तरफ से विरोध हुआ और 7 मई को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

7 मई को ही मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट में वकील कमिश्नर को एकतरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग का लिखित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए 12 मई को पुराने वकील कमिश्नर को बनाए रखते हुए उनके साथ दो अन्य वकील कमिश्नर को सहायक के तौर पर नियुक्त कर दिया और एक अन्य याचिका जो हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई थी. जिसमें पूर्व की भांति मस्जिद परिसर का वीडियो ग्राफी सर्वेक्षण कराने के अलावा मस्जिद में मौजूद तहखानों के ताले खोलकर उसका निरीक्षण और वीडियोग्राफी करने की भी अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन वाराणसी और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को स्पष्ट निर्देश दिया कि उनकी मौजूदगी में यह कार्यवाही पूर्ण की जाए. 17 मई को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की जाए. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी कार्यवाही में किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए, यदि कोई बाधा उत्पन्न करता है. उसको तत्काल गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए.

डीजीपी और प्रमुख सचिव को निगरानी रखने के आदेश
इस पूरे मामले में कोर्ट ने डीजीपी और प्रमुख सचिव को निगरानी रखने के भी आदेश दिए हैं. जिसके बाद जिलाधिकारी वाराणसी ने शुक्रवार को इस पूरे प्रकरण में दोनों पक्षों के साथ बैठक करके शांति व्यवस्था बनाने की अपील की. मुस्लिम पक्षकार यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद को इस पूरे मामले में कोर्ट का आदेश मानते हुए मस्जिद के बंद कमरों की चाबियां जिला प्रशासन को सौंपने के आदेश भी दिए. इसके अलावा मस्जिद परिसर में मौजूद सीआरपीएफ के जवानों को वहां से हटाकर बाहर तैनात होने के निर्देश दिए गए हैं.

मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विशेष सतर्कता

फिलहाल शनिवार को कार्यवाही से पहले जिला प्रशासन शहर में पूरी तरह से कानून व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहा . मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है और लगातार पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स की मौजूदगी में शांति व्यवस्था कायम रखने की कोशिश है. स्थानीय लोगों के से भी सहयोग लिया जा रहा है. जिलाधिकारी वाराणसी ने साफ कर दिया था कि सभी को मिलकर कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए इस कार्यवाही को पूर्ण करना होगा और शांति व्यवस्था कायम रहे यह दोनों पक्षों की जिम्मेदारी बनती है. शुक्रवार को भी ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाली जुमे की नमाज की वजह से दोपहर में नमाजियों की जबरदस्त भीड़ परिसर के बाहर इकट्ठा थी. जिसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी मुस्तैद रखी गई थी.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी सर्वेक्षण पर तत्काल रोक लगाने से SC का इनकार

Last Updated : May 14, 2022, 5:00 PM IST
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