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ज्ञानवापी में पूजा के अधिकार और अन्य मामले की याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर

ज्ञानवापी मामला
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Published : Oct 20, 2022, 6:20 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 6:46 PM IST

18:06 October 20

ज्ञानवापी मस्जिद गिराकर हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक संबंधी वाद पर 15 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी.

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में पूजा-पाठ की अनुमति देने की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने पूजा के अधिकार और इससे जुड़े अन्य मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया.

जानकारी के अनुसार, सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण में दाखिल झारखण्ड निवासी पर्यावरण विद प्रभुनरायन की तरफ से दाखिल वाद की प्रति यूपी सरकार, डीएम, पुलिस कमिश्नर और अन्जुमन इन्तजामिया मसाजिद उपलब्ध करा दी गई. इसी के साथ पत्रावली विचारण के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानातरित कर दी गई.

गौरतलब है कि इसके पहले सिविल जज की अदालत ने सीपीसी 80 के तहत दो महीने की मियाद अवधि का लाभ वादी को देते हुए नोटिस देने से छूट प्रदान कर दी गई थी. यह वाद पर्यावरणविद की तरफ से अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने दाखिल किया था. उनका कहना था कि ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन के साथ गैर हिदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है. वाद में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर ध्यान दिए जाने का अनुरोध किया गया है. फिलहाल कोर्ट की तरफ से अगली तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है और माना जा रहा है कि दीपावली के बाद ही इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः BHU में फीस वृद्धि को लेकर बवाल, सेंट्रल ऑफिस का घेराव कर छात्रों का विरोध प्रदर्शन

18:06 October 20

ज्ञानवापी मस्जिद गिराकर हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक संबंधी वाद पर 15 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी.

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में पूजा-पाठ की अनुमति देने की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने पूजा के अधिकार और इससे जुड़े अन्य मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया.

जानकारी के अनुसार, सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण में दाखिल झारखण्ड निवासी पर्यावरण विद प्रभुनरायन की तरफ से दाखिल वाद की प्रति यूपी सरकार, डीएम, पुलिस कमिश्नर और अन्जुमन इन्तजामिया मसाजिद उपलब्ध करा दी गई. इसी के साथ पत्रावली विचारण के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानातरित कर दी गई.

गौरतलब है कि इसके पहले सिविल जज की अदालत ने सीपीसी 80 के तहत दो महीने की मियाद अवधि का लाभ वादी को देते हुए नोटिस देने से छूट प्रदान कर दी गई थी. यह वाद पर्यावरणविद की तरफ से अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने दाखिल किया था. उनका कहना था कि ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन के साथ गैर हिदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है. वाद में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर ध्यान दिए जाने का अनुरोध किया गया है. फिलहाल कोर्ट की तरफ से अगली तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है और माना जा रहा है कि दीपावली के बाद ही इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाया जाएगा.

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Last Updated : Oct 20, 2022, 6:46 PM IST
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