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ज्ञानवापी प्रकरण को कोर्ट के बाहर हल करने के लिए मुस्लिम पक्ष को लिखा पत्र, कही ये बड़ी बात

ज्ञानवापी प्रकरण को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ (Gyanvapi case Letter to Muslim side) की ओर से मुस्लिम पक्ष को पत्र लिखा गया है. बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने पर जोर दिया गया.

Gyanvapi case Letter to Muslim side
Gyanvapi case Letter to Muslim side
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Published : Aug 14, 2023, 9:10 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी प्रकरण को कोर्ट से बाहर हल करने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से एक पत्र लिखा गया है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को लिखे इस पत्र में आपसी समझौते के साथ मामले का निपटारा करने की बात कही गई है. वहीं सोमवार को न्यायालय में दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई होनी थी. एक मामले में सुनवाई के बाद 22 अगस्त की तिथि दी गई, जबकि दूसरे प्रकरण की सुनवाई नहीं हो सकी.

जारी किए गए पत्र का हिस्सा.
जारी किए गए पत्र का हिस्सा.

पत्र में लिखी हैं ये बातें : विश्व वैदिक सनातन संघ ने पत्र में लिखा है कि सर्व विदित है, कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर हिंदू पक्ष व मुस्लिम पक्ष अपने-अपने पक्ष को सही सिद्ध करने के लिए न्यायालय में संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं. इसका कुछ असामाजिक तत्व फायदा उठाना चाहते हैं. यह देश और समाज दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य है कि इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत के माध्यम से करके मिसाल कायम किया जाए. पत्र में आमंत्रण को स्वीकार करते हुए बातचीत के लिए आगे आने की बात कही गई है. हो सकता है न्यायालय के बाहर ही कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल जाए. वार्ता के लिए स्वागत है. विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि हम समझौते के लिए बात करने को तैयार हैं. बशर्ते दूसरा पक्ष भी हमारे साथ इस मुद्दे पर आगे आए. बता दें कि मुकदमे में विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से राखी सिंह वादी के रूप में हैं.

कोर्ट में हुई सुनवाई : सिविल जज सीनियर डिवीजन/फर्स्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी के संबंध में श्रावण मास में अधिमास का हवाला देकर पूजा पाठ करने के लिए एक और वाद पर सुनवाई हुई. कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से जवाबदेही दाखिल करने के लिए समय मांगा. सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता को जवाबदेही दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तिथि नियत की गई है.

शिवलिंग की पूजा करने की मांगी थी अनुमति : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के शिष्य शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने पिछले दिनों कोर्ट में वाद दाखिल किया था. वाद पत्र में कहा गया कि हमलोग सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं जबकि ज्ञानवापी परिसर में साक्षात शिवलिंग प्रकट हुआ है. ऐसे में श्रावण मास के इस अधिकमास में उस शिवलिंग की पूजा-अर्चना की जानी जरूरी है. इसलिए हम सनातनियों को अति शीघ्र ज्ञानवापी परिसर पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाए. वहीं सिविल जज सीनियर डिविजन/ एफटीसी की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी सबंधित एक अन्य मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. इस समय कोर्ट रिक्त होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि नियत की है. विष्णु गुप्ता आदि ने कोर्ट में वाद दाखिल कर कहा की गैर हिंदुओं के प्रवेश को वर्जित करने और ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की पूजा दर्शन एवं अन्य धार्मिक आयोजन करने की अनुमति देने की मांग की गई थी.

यह भी पढ़ें : क्या बौद्ध मठ गिराकर बनाई गई मेरठ की शाही मस्जिद, देखें क्या कहते हैं इतिहासकारों के साक्ष्य

ज्ञानवापी मस्जिद पहले था मोक्ष लक्ष्मी विलास, गुंबद के नीचे मौजूद है भगवान आदि विश्वेश्वर

वाराणसी : ज्ञानवापी प्रकरण को कोर्ट से बाहर हल करने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से एक पत्र लिखा गया है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को लिखे इस पत्र में आपसी समझौते के साथ मामले का निपटारा करने की बात कही गई है. वहीं सोमवार को न्यायालय में दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई होनी थी. एक मामले में सुनवाई के बाद 22 अगस्त की तिथि दी गई, जबकि दूसरे प्रकरण की सुनवाई नहीं हो सकी.

जारी किए गए पत्र का हिस्सा.
जारी किए गए पत्र का हिस्सा.

पत्र में लिखी हैं ये बातें : विश्व वैदिक सनातन संघ ने पत्र में लिखा है कि सर्व विदित है, कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर हिंदू पक्ष व मुस्लिम पक्ष अपने-अपने पक्ष को सही सिद्ध करने के लिए न्यायालय में संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं. इसका कुछ असामाजिक तत्व फायदा उठाना चाहते हैं. यह देश और समाज दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य है कि इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत के माध्यम से करके मिसाल कायम किया जाए. पत्र में आमंत्रण को स्वीकार करते हुए बातचीत के लिए आगे आने की बात कही गई है. हो सकता है न्यायालय के बाहर ही कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल जाए. वार्ता के लिए स्वागत है. विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि हम समझौते के लिए बात करने को तैयार हैं. बशर्ते दूसरा पक्ष भी हमारे साथ इस मुद्दे पर आगे आए. बता दें कि मुकदमे में विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से राखी सिंह वादी के रूप में हैं.

कोर्ट में हुई सुनवाई : सिविल जज सीनियर डिवीजन/फर्स्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी के संबंध में श्रावण मास में अधिमास का हवाला देकर पूजा पाठ करने के लिए एक और वाद पर सुनवाई हुई. कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से जवाबदेही दाखिल करने के लिए समय मांगा. सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता को जवाबदेही दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तिथि नियत की गई है.

शिवलिंग की पूजा करने की मांगी थी अनुमति : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के शिष्य शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने पिछले दिनों कोर्ट में वाद दाखिल किया था. वाद पत्र में कहा गया कि हमलोग सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं जबकि ज्ञानवापी परिसर में साक्षात शिवलिंग प्रकट हुआ है. ऐसे में श्रावण मास के इस अधिकमास में उस शिवलिंग की पूजा-अर्चना की जानी जरूरी है. इसलिए हम सनातनियों को अति शीघ्र ज्ञानवापी परिसर पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाए. वहीं सिविल जज सीनियर डिविजन/ एफटीसी की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी सबंधित एक अन्य मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. इस समय कोर्ट रिक्त होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि नियत की है. विष्णु गुप्ता आदि ने कोर्ट में वाद दाखिल कर कहा की गैर हिंदुओं के प्रवेश को वर्जित करने और ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की पूजा दर्शन एवं अन्य धार्मिक आयोजन करने की अनुमति देने की मांग की गई थी.

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