वाराणसी: 12 फरवरी से माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इस नवरात्र में दो दिन षष्ठी तिथि होने के कारण यह नवरात्र 10 दिन के होंगे. ज्योतिषियों के अनुसार गुप्त नवरात्र में सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है. इन सिद्धियों की प्राप्ति से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. गुप्त नवरात्र में सात्विक और तांत्रिक दोनों प्रकार की पूजा का विधान है.
ज्योतिषियों की राय
गुप्त नवरात्र के सम्बंध में काशी के ज्योतिषाचार्य डॉ. मुक्तेश्वर मिश्रा ने बताया कि वर्ष में चार नवरात्र होते हैं. इनमें दो नवरात्र धूमधाम से मनाए जाते हैं, जबकि दो गुप्त नवरात्र में तांत्रिक सिद्धि की जाती है. गुप्त नवरात्र में मनोकामनाओं की सिद्धि की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें पूजा
डॉ. मुक्तेश्वर मिश्रा ने बताया कि गुप्त नवरात्र में यदि घर पर पूजा कर रहे है तो कलश स्थापना करें. यदि मन्दिर में पूजा कर रहे हैं तो कलश स्थापना की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि गुप्त नवरात्र में मां भगवती को किशमिश, काजू, छुहारे आदि मेवे का भोग लगाएं और मंत्रो की सिद्धि करें. धर्म-कर्म-वचन से मंत्रों की सिद्धि करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
वर्ष में होते हैं चार नवरात्र
उन्होंने बताया कि वर्ष में चार नवरात्र होते हैं. इनमें अश्विनी माह से शारदीय नवरात्र और चैत्र माह में वसंत की शुरुआत होती है. इस वर्ष के पहले गुप्त नवरात्र की शुरुआत 12 फरवरी से हो रही है और 21 फरवरी तक रहेगी. अगले गुप्त नवरात्र की शुरुआत 18 जुलाई 2021 से हो रही है.