वाराणसीः काशी की गुलाबी मीनाकारी एकबार फिर दुनिया में अपनी खूबसूरती की चमक बिखेर रही है. यूपी में कोरोना संकट (Corona crisis in UP) के बावजूद इस उद्योग ने पिछले 3 महीनों में करीब 1 करोड़ का व्यवसाय किया है. कारीगरों के पास अगले दो महीने के आर्डर भी हैं. दशकों से कराह रही गुलाबी मीनाकारी उद्योग को पिछले सात सालों से पुरानी रंगत में लौट आई है.
पहली पसंद बनी गुलाबी मीनाकारी...
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस उद्योग को ऐसा पर लगाया कि वह सात समुन्दर पार तक उड़ने भरने लगी. साथ ही घरेलु बाजार में भी इसकी मांग बढ़ी है. दीपावली, शादी और कॉर्पोरेट गिफ्ट के लिए गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर (Third wave Corona) में भी गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की मांग कम नहीं हुई है.
ग़ुलाबी मीनाकारी के लिए नेशनल अवार्ड पाने वाले कुंज बिहारी ने बताया कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में करीब एक करोड़ का व्यवसाय हुआ है. आने वाले दो महीनों का ऑर्डर बुक हो चुका है. कुंज बिहारी का मानना है कि वाराणसी के इस खास हुनर को जीआई टैग मिलने के बाद इससे जुड़े कारीगरों को नई पहचान मिली है. वाराणसी में गुलाबी मीनाकारी के काम में करीब 75 से 80 परिवार के 300 से अधिक लोग जुड़े हैं.
वाराणसी जिला उद्योग केंद्र (Varanasi District Industries Center) के उपायुक्त वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जबसे पीएम मोदी अमेरिका समेत अन्य देशों के राजनेताओं को गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरूप दिए हैं और पीएम मोदी व सीएम योगी ने लोगों से जीआई उत्पाद व वन डिस्ट्रीशीट वन प्रोडक्ट (One District One Product) को उपहार में देने की अपील की है, तब से इन उत्पादों के काम में तेजी आई है. व्यापार से जुड़े लोग बताते हैं कि उद्योग दोबारा खड़ा हो गया है.
गुलाबी मीनाकारी सोने और चांदी दोनों ही की सुंदरता में चार चांद लगाती है. दोनों धातुओं को शुभ माना जाता है. इसलिए शादी में गुलाबी मीनाकारी के गणेश जी की डिमांड ज्यादा रहती है. साथ ही उपहार के लिए पिकॉक की भी मांग खूब है.
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