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G20 Summit: काशी की काष्ठ कला से सम्मानित होंगे G20 के मेहमान, यूपी सरकार ने दिया ऑर्डर - बनारस की काष्ठ कला से तैयार मिरर

वाराणसी में G20 के मेहमान को काशी की काष्ठ कला से सम्मानित किया जाएगा. जिसके लिए काशी मेंं काष्ठ कला के मिरर बनाए जा रहे हैं.

काशी की काष्ठकला से मिरर फ्रेम बनाती महिलाएं
काशी की काष्ठकला से मिरर फ्रेम बनाती महिलाएं
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Published : Jan 25, 2023, 5:50 PM IST

काशी की काष्ठकला से मिरर फ्रेम बनाती महिलाएं

वाराणसी: G20 सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश आने वाले डेलीगेट्स का स्वागत एक खास उपहार के साथ किया जाएगा. यह उपहार न सिर्फ काशी को नई पहचान दिलाएंगे बल्कि कलाकारों को भी नई उड़ान देंगे. इस उपहार से यूपी की काष्ठ कला समेत अन्य ODOP उत्पादों को दुनिया के सामने एक बेहतरीन उपहार के रूप में भेंट किया जाएगा. यूपी सरकार ने जी 20 के लिए इस भेंट को तैयार करवाना शुरू कर दिया है. इसकी तस्वीर वाराणसी में नजर आई है. जहां, काष्ठ कला से निर्मित मिरर फ्रेम का ऑर्डर दिया गया है. जिसे लकड़ी पर उकेर कर अनोखे तरीके से तैयार किया जा रहा है.

25 सौ फ्रेम का मिला ऑर्डर: बताते चलें कि लखनऊ सचिवालय से वाराणसी के लोलार्क कुंड स्थित वुडेन इम्पोरियम में बिहारी लाल अग्रवाल को 2500 वूडेन लैकरवेयर हैंड पेंटेड मिरर फ्रेम का ऑर्डर दिया गया है. खास बात यह है कि हाथ से बने इस फ्रेम में एक दर्पण लगा हुआ है. साथ ही इसके अलग-अलग खानों में लकड़ी के खिलौने लगाए गए हैं, जो इसे और भी ज्यादा आकर्षित बना रहे हैं.

55 लोगों को मिला रोजगार: मिरर फ्रेम को तैयार करवाने वाली शुभी अग्रवाल ने बताया कि ये सभी फ्रेम जी 20 में आने वाले डेलीगेट्स को उपहरा स्वरूप दिया जाएगा. इस मिरर फ्रेम को पूरी तरह से बनारस की काष्ठ कला से तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने के लिए 55 कारीगर लगाए गए हैं. इन 55 कारीगरों में 48 महिलाएं शामिल हैं.

24 लंबा और 19 सेंटीमीटर चौड़ा फ्रेम : वहीं, इस बारे में बिहारी लाल अग्रवाल बताते हैं कि इस फ्रेम में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है. साथ ही इनमें अलग-अलग खाने बनाए गए हैं. जिसमें लकड़ी के खिलौनों जैसे शेर, मोर, तोता अन्य चीजें लगाई जा रही हैं. इन्हे तैयार कर के 28 जनवरी तक देना है. उन्होंने बताया कि यह लगभग 24 सेंटीमीटर लंबा 19 सेंटीमीटर चौड़ा ये फ्रेम लटकाने के साथ स्टैंड पर रख कर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है.


कला को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश या बनारस के हस्तशिल्प कलाओं की ब्रांडिंग का सिलसिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू हुआ था. जिसे अब मुख्यमंत्री योगी आगे बढ़ा रहे हैं. पहले भी विदेशों से आए मेहमानों को ऐसी कलाकृतियों को देकर कारीगरों के उत्साह को बढ़ाया गया है. अब जी 20 सम्मेलन में बनारस की काष्ठ कला को भेंट स्वरूप देना. इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई और कारीगरों के लिए बड़ा वरदान साबित होगा. क्योंकि इस भेंट से इस उद्योग की ब्रांडिंग न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी, बल्कि इसकी पहचान और भी मजबूत बनेगी.

यह भी पढ़ें: Civil Services Exam की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही देव भाषा 'संस्कृत'

काशी की काष्ठकला से मिरर फ्रेम बनाती महिलाएं

वाराणसी: G20 सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश आने वाले डेलीगेट्स का स्वागत एक खास उपहार के साथ किया जाएगा. यह उपहार न सिर्फ काशी को नई पहचान दिलाएंगे बल्कि कलाकारों को भी नई उड़ान देंगे. इस उपहार से यूपी की काष्ठ कला समेत अन्य ODOP उत्पादों को दुनिया के सामने एक बेहतरीन उपहार के रूप में भेंट किया जाएगा. यूपी सरकार ने जी 20 के लिए इस भेंट को तैयार करवाना शुरू कर दिया है. इसकी तस्वीर वाराणसी में नजर आई है. जहां, काष्ठ कला से निर्मित मिरर फ्रेम का ऑर्डर दिया गया है. जिसे लकड़ी पर उकेर कर अनोखे तरीके से तैयार किया जा रहा है.

25 सौ फ्रेम का मिला ऑर्डर: बताते चलें कि लखनऊ सचिवालय से वाराणसी के लोलार्क कुंड स्थित वुडेन इम्पोरियम में बिहारी लाल अग्रवाल को 2500 वूडेन लैकरवेयर हैंड पेंटेड मिरर फ्रेम का ऑर्डर दिया गया है. खास बात यह है कि हाथ से बने इस फ्रेम में एक दर्पण लगा हुआ है. साथ ही इसके अलग-अलग खानों में लकड़ी के खिलौने लगाए गए हैं, जो इसे और भी ज्यादा आकर्षित बना रहे हैं.

55 लोगों को मिला रोजगार: मिरर फ्रेम को तैयार करवाने वाली शुभी अग्रवाल ने बताया कि ये सभी फ्रेम जी 20 में आने वाले डेलीगेट्स को उपहरा स्वरूप दिया जाएगा. इस मिरर फ्रेम को पूरी तरह से बनारस की काष्ठ कला से तैयार किया जा रहा है. इसे बनाने के लिए 55 कारीगर लगाए गए हैं. इन 55 कारीगरों में 48 महिलाएं शामिल हैं.

24 लंबा और 19 सेंटीमीटर चौड़ा फ्रेम : वहीं, इस बारे में बिहारी लाल अग्रवाल बताते हैं कि इस फ्रेम में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है. साथ ही इनमें अलग-अलग खाने बनाए गए हैं. जिसमें लकड़ी के खिलौनों जैसे शेर, मोर, तोता अन्य चीजें लगाई जा रही हैं. इन्हे तैयार कर के 28 जनवरी तक देना है. उन्होंने बताया कि यह लगभग 24 सेंटीमीटर लंबा 19 सेंटीमीटर चौड़ा ये फ्रेम लटकाने के साथ स्टैंड पर रख कर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है.


कला को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश या बनारस के हस्तशिल्प कलाओं की ब्रांडिंग का सिलसिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू हुआ था. जिसे अब मुख्यमंत्री योगी आगे बढ़ा रहे हैं. पहले भी विदेशों से आए मेहमानों को ऐसी कलाकृतियों को देकर कारीगरों के उत्साह को बढ़ाया गया है. अब जी 20 सम्मेलन में बनारस की काष्ठ कला को भेंट स्वरूप देना. इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई और कारीगरों के लिए बड़ा वरदान साबित होगा. क्योंकि इस भेंट से इस उद्योग की ब्रांडिंग न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी, बल्कि इसकी पहचान और भी मजबूत बनेगी.

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